सीमा विवाद: पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 से जल्द सैनिक वापस हटा सकते हैं भारत और चीन- रिपोर्ट
क्या है खबर?
सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच चल रही बातचीत सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ती नजर आ रही है।
रविवार को दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की 16वें दौर की बैठक हुई थी। इसके बाद उम्मीद जगी है कि दोनों देश जल्द ही पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 के पास से अपनी सेनाएं पीछे हटा सकते हैं।
मई, 2020 के बाद से ही भारत और चीन ने पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 के पास सेना तैनात की हुई है।
जानकारी
कितनी पीछे हटेंगी सेनाएं?
इंडिया टुडे ने सरकारी सूत्रों के हवाले से लिखा है कि भारत टकराव वाली जगह से अपनी सेना को पीछे हटाकर करम सिंह हिल तक ला सकता है, वहीं चीन अपने क्षेत्र में सेना को उत्तर की तरफ ले जा सकता है।
इसके बाद इस इलाके को बफर जोन बनाया जा सकता है, जिसकी निगरानी के लिए औपचारिकताओं को आने वाले दिनों में पूरा किया जा सकता है।
अधिकारियों ने बताया कि समाधान के लिए बातचीत आगे बढ़ रही है।
जमीनी स्थिति
करीब एक साल से नहीं हो रही है सेनाओं की वापसी
रिपोर्ट के अनुसार, भारत टकराव वाले सभी क्षेत्रों से सेना की पूर्ण वापसी के समर्थन में है और वह 18 मई, 2020 के पहले वाली स्थिति में जाना चाहता है। हालांकि, पिछले कुछ समय से चीन के अड़ियल रवैये के चलते सेनाओं की वापसी नहीं हो पाई है।
बता दें कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर करीब एक साल पहले आखिरी बार सेनाएं वापस हटी थीं। तब पेट्रोलिंग प्वाइंट 17A से सैनिक वापस लौटे थे।
LAC
टकराव वाले क्षेत्रों में आमने-सामने तैनात हैं सैनिक
बता दें कि 2020 की शुरुआत से ही भारत और चीन के बीच सीमा विवाद बढ़ने लगा था और फिर गलवान घाटी में दोनों देशों के बीच हिंसक झड़प हो गई।
इसके बाद तनाव चरम पर पहुंच गया और दोनों ही देशों की सेनाओं ने सैनिक तैनात कर दिए। बताया जा रहा है कि मई, 2020 के बाद से टकराव वाले क्षेत्रों में एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर दोनों देशों के करीब 50-50 सैनिक तैनात हैं।
पैंगोग झील
भारत ने की चीन के बराबर तैनाती
कुछ हफ्ते पहले खबर आई थी कि चीन ने लद्दाख स्थित पैंगोंग झील पर दो पुलों का निर्माण शुरू कर दिया है। इसकी जवाबी कार्रवाई करते हुए भारतीय सेना ने LAC पर चीन के बराबर तैनाती की थी।
दौलत बेग ओल्डी सैन्य अड्डे तक जाने के लिए सड़कों और पुलों का पूरा जाल बिछाया गया है। आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए गलवान नदी पर सात पुल भी बनाए जा रहे हैं, जहां से टैंक भी गुजर सकते हैं।
जायजा
सेना प्रमुख ने खुद जाकर लिया तैनाती का जायजा
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सेना के नए प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने मई की शुरूआत में पूर्वी लद्दाख का दौरा किया और चीन की तैनाती और भारत की जवाबी तैनाती का पूरा जायजा लिया था।
मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के अनुसार, जनरल पांडे भारतीय सेना की तैनाती से संतुष्ट रहे, लेकिन उन्होंने चीन के कब्जे वाले अक्साई चिन इलाके में चीनी सेना के निर्माण पर गंभीर आपत्ति जताई थी।