चीन ने मानी गलवान घाटी में हताहत की बात, कहा- भारत से कम मरे थे सैनिक
क्या है खबर?
गलवान घाटी में 15 जून की भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद तक किसी तरह की क्षति की बात नहीं मानने वाले चीन ने अब इसे स्वीकार कर लिया है।
हालांकि, उसने उस झड़प में भारत के मुकाबले कम नुकसान होने की बात कही है।
दरअसल, चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने गत दिनों लोकसभा के मानसून सत्र में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा दिए गए बयान पर यह बात कही है।
पृष्ठभूमि
गलवान में भारत के 20 सैनिक हुए थे शहीद
गलवान घाटी में गत 14-15 जून की रात को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक टकराव हुआ था, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इस झड़प में काफी संख्या में चीनी सैनिक भी हताहत हुए थे।
भारत ने जहां अपने शहीद सैनिकों की संख्या का ऐलान किया था, वहीं चीन ने इसकी कोई जानकारी नहीं दी।
हालांकि, अमेरिकी इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के अनुसार झड़प में चीन के 40 सैनिक भी मारे गए थे।
प्रकरण
रक्षा मंत्री ने लोकसभा में कही थी चीनी को बड़ा नुकसान होने की बात
इंडिया टुडे के अनुसार लोकसभा के मानसून सत्र में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत-चीन विवाद को लेकर कहा था कि भारतीय सेना लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अलर्ट मोड में है और हर स्थिति के लिए तैयार है।
उन्होंने यह भी कहा था कि गत 15 जून को गलवान घाटी में हुए संघर्ष के दौरान भारतीय सैनिकों ने चीन को बड़ा नुकसान पहुंचाया था। वर्तमान में भारतीय सेना किसी भी स्थिति का जवाब देने में सक्षम है।
जवाब
भारत की तुलना में चीन को हुआ कम नुकसान- शिजिन
ग्लोबल टाइम्स के संपादक हू शिजिन ने गुरुवार रक्षा मंत्री के बयान का खंडन करते हुए ट्वीट किया है।
उन्होंने लिखा, 'जितना मैं जानता हूँ उसके हिसाब से गलवान घाटी में 15 जून को भारत के 20 सैनिकों की मौत की तुलना में चीनी के बहुत कम सैनिक हताहत हुए थे। भारतीय सैनिकों ने किसी भी चीनी सैनिक को नहीं पकड़ा, जबकि पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैनिकों ने कई भारतीय सैनिकों को पकड़ा था।'
जानकारी
शिजिन ने ट्वीट के साथ पोस्ट किया बयान की खबर का स्क्रीनशॉट
संपादक शिजिन ने न केवल रक्षा मंत्री के बयान का खंडन किया, बल्कि उनके बयान को लेकर भारत में प्रकाशित एक न्यूज रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट भी अपलोड किया है। इस पर उन्होंने बड़े अक्षरों में 'फेक न्यूज' लिखकर इसके गलत करार दिया है।
टिप्पणी
ग्लोबल टाइम्स ने बयान पर टिप्पणी भी लिखी
BBC के अनुसार ग्लोबल टाइम्स की वेबसाइट पर शिजिन की एक टिप्पणी भी छपी है। इसमें लिखा है कि भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के इस बयान का मकसद भारत के राष्ट्रवादी खेमे को ख़ुश करना है। चीनी सेना के करीबियों की सूचना के अनुसार उस घटना में चीन को भारत से कम नुकसान हुआ है।
उन्होंने आगे लिखा कि PLA के अधिकारी, सैनिक बहादुर और एकजुट हैं और अचानक आने वाली चुनौतियों से डरने वाले नहीं हैं।
जानकारी
चीन ने गत 22 जून को मानी थी कमांडिंग ऑफिसर की मौत की बात
इससे पहले चीन ने गत 22 जून को झड़प में अपने कमांडिंग ऑफिसर की मौत होने की बात स्वीकार की थी। हालांकि, उसने झड़प में मारे गए कुल सैनिकों की संख्या का खुलासा नहीं किया था, लेकिन अब यह बात सामने आ गई है।
वर्तमान स्थिति
लद्दाख में सीमा पर जारी है उच्चतम स्तर का अलर्ट
इस समय लद्दाख सीमा पर उच्चतम स्तर का अलर्ट जारी है। पैंगोंग झील विवाद का केंद्र है। दो जगहों पर दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने बने हुए हैं।
पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर स्थित फिंगर्स एरिया में चीन ने फिंगर चार पर आकर अपने सैनिक जमा कर लिए हैं, वहीं इसके बराबर वाली चोटियों पर भारतीय सैनिक डटे हुए हैं।
इसके विपरीत दक्षिणी किनारे पर भारत ने ऊंची चोटियों पर कब्जा कर लिया है और चीनी सैनिक नीचे हैं।