पंजाब: प्रमुख कोरोना अस्पताल की हालत दयनीय, हर चार में से एक संक्रमित की हुई मौत
क्या है खबर?
देश में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार अस्पतालों को बेहतर व्यवस्था करने के निर्देश दे रही है।
इसी बीच पंजाब के पटियाला में स्थित प्रमुख सरकारी राजिन्द्र अस्पताल की हालत दयनीय बनी हुई है। इस अस्पताल में अब तक उपचार के लिए भर्ती हुए प्रत्येक चार कोरोना संक्रमित मरीज में से एक की मौत हुई है।
ऐसे में अब इस अस्पताल की सुविधाओं और व्यवस्थाओं पर बड़े सवाल उठने लगे हैं।
हालत
राजिन्द्र अस्पताल में अब तक हुई कुल 453 मौत
द प्रिंट के अनुसार राजिन्द्र अस्पताल में मार्च से 15 सितंबर तक भर्ती हुए कुल 2,858 मरीजों में से 1,894 के कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है।
इनमें से अब तक 453 संक्रमितों की मौत हो चुकी है। यह कुल संक्रमित मरीजों का 24 प्रतिशत हिस्सा है।
वर्तमान में अस्पताल में कुल 225 सक्रिय मामले हैं। इनमें से 157 विभिन्न रूप से ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। इनमें 19 वेंटीलेटर और 77 अन्य गंभीर हालत वाले मरीज हैं।
जानकारी
दो अन्य प्रमुख अस्पतालों की यह है हालत
राजिंद्र अस्पताल के अलावा फरीदकोट में गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज में 1,458 संक्रमितों में से 135 और अमृतसर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में 2,371 में से 287 संक्रमितों की मौत हुई है। पिछले एक सप्ताह से राज्य की मृत्यु दर 2.96% है।
दोष
अस्पताल ने देरी से प्रवेश और रेफरल केसों को बताया बढ़ती मौत का कारण
राजिन्द्र अस्पताल ने मौत की अधिक रफ्तार के लिए मरीजों का देरी से भर्ती होना और रेफरल केसों को जिम्मेदार ठहराया है।
अस्पताल में कोरोना वार्ड की प्रभारी डॉ सुरभि मलिक ने कहा कि 45 प्रतिशत मौत तो पहले 24 घंटे में हुई तथा 58-59 प्रतिशत मौत भर्ती होने के 48 घंटे के भीतर हुई है।
उनके अनुसार अस्पताल में अन्य जिलों से मरीज रेफर किए जाते हैं। ऐसे में वह उन्हें भर्ती करने से इनकार नहीं कर सकते।
अन्य बीमारी
मृतकों में अधिक थे अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित- हरजिंदर सिंह
पटियाला के सरकारी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ हरजिंदर सिंह ने कहा कि किडनी के मरीजों को डायलिसिस की आवश्यकता होती है। इस तरह के अधिकतर मरीजों को राजिंद्र अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके कारण मौत का आंकड़ा बढ़ा है।
उन्होंने बताया कि अस्प्ताल में जुलाई से 15 सितंबर तक भर्ती हुए संक्रमितों में से 61 को डायलिसिस की आवश्यकता थी। इसी तरह 220 मृतकों को हाई ब्लडप्रेशर की शिकायत थी।
जानकारी
अस्पताल में जिले के 252 लोगों की ही हुई है मौत
डॉ मलिक ने बताया कि राजिंद्र अस्पताल में जिले के 252 संक्रमितों की ही मौत हुई है। इससे यह साफ है कि अस्पताल में मरने वालों में से सबसे अधिक संख्या अन्य जिलों से आए गंभीर मरीजों की ही रही है।
अन्य कारण
प्रदेश में हुई कुल मौतों में से 50 प्रतिशत की उम्र 50-70 वर्ष के बीच
पटियाला स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में अब तक 2,646 संक्रमितों की मौत हुई है, लेकिन इनमें से 50 प्रतिशत की उम्र 50-70 वर्ष के बीच थी।
ऐसे में उनके अन्य बीमारियों से भी ग्रसित होने के कारण वह मौत की गिरफ्त में आ गए।
इसी तरह पटियाला के सरकारी अस्प्ताल में कई चिकित्साकर्मी भी कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। ऐसे में अस्पताल में स्टाफ की कमी भी एक बड़ा मुद्दा रहा है।
आरोप
मरीजों ने लगाया अस्पताल में सुविधाओं का अभाव होने का आरोप
दूसरी ओर राजिंद्र अस्पताल में भर्ती होने वाले कई मरीजों ने अस्पताल में पर्याप्त सुविधाएं नहीं होने का आरोप लगाया है।
बरनाला निवासी 33 वर्षीय रमनदीप कौर ने आरोप लगाया कि उनके रिश्तेदार को अस्पताल में पर्याप्त और गुणवत्तायुक्त भोजन नहीं दिया जा रहा है। इसी तरह अन्य मरीजों ने अस्पताल में मरीजों की पर्याप्त देखभाल नहीं किए जाने का आरोप लगाया है।
एक मरीज ने कहा कि हालत खराब होने पर भी उसे सामान्य वार्ड में भर्ती रखा गया।
सफाई
अस्पताल प्रशासन ने मरीजों के आरोपों पर दी सफाई
डॉ मलिक ने कहा कि अस्पताल के सभी वार्डों को प्रत्येक घंटे में सैनिटाइज किया जाता है। मरीजों के लिए भोजन पटियाला क्लब से तैयार कराया जा रहा है। मरीजों प्रतिदिन चाय और नाश्ता भी दिया जा रहा है। इतना ही नहीं मरीजों के घर से आने वाले खाने को भी उन तक पहुंचाया जा रहा है।
डॉ केके तलवार ने दावा किया कि राजिंद्र अस्पताल से बेहतर सुविधा राज्य के अन्य किसी अस्पताल में नहीं दी जा रही है।
जानकारी
पंजाब में यह है कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति
पंजाब में कोरोना वायरस का संक्रमण अब तेजी से बढ़ रहा है। यही कारण है कि संक्रमितों की संख्या बढ़कर 90,032 पर पहुंच गई है। इनमें से अब तक 2,646 की मौत हो चुकी है और 65,818 मरीज उपचार के बाद ठीक हो चुके हैं।