भारत-चीन सीमा विवाद: सोमवार को हुई बैठक में पीछे हटने को तैयार हुए दोनों पक्ष- सेना
गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन के सेनाओं के बीच सोमवार को पहली बड़ी बैठक हुई। लगभग 11 घंटे तक चली इस मैराथन बैठक में दोनों पक्ष पीछे हटने पर सहमत हुए हैं। चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से चीन की तरफ मोल्डो इलाके में हुई इस बैठक में भारत की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और चीन के मेजर जनरल लियु लिन शामिल हुए।
सेना ने बयान जारी कर दी जानकारी
मंगलवार को सेना की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि भारत और चीन के कोर कमांडर स्तर की बातचीत सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक माहौल में हुई है। दोनों पक्ष पीछे हटने को तैयार हुए हैं। पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले सभी इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पर बात हुई और दोनों पक्ष इसे आगे बढ़ाएंगे। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि यह बातचीत आज भी जारी रहेगी।
भारत ने कही 4 मई से पहले की स्थिति और तैनाती की बात
चीनी सेना के आग्रह पर बुलाई गई यह बैठक सोमवार देर रात खत्म हुई थी। इसमें हिंसक झड़प के बाद बढ़े तनाव को कम करने पर चर्चा की गई है। वहीं मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, भारत ने चीन से सैनिकों को हटाने की समयसीमा मांगी है और 4 मई से पहले की स्थिति और तैनाती को बनाए रखने को कहा है। आज की बैठक में 6 जून को बनी सहमति पर भी बात हो सकती है।
सीमा पर झड़प में शहीद हुए थे 20 जवान
भारत और चीन के बीच पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से गलवान घाटी में सीमा को लेकर विवाद चल रहा है। चीन इस पर अपना दावा जताता है जबकि भारत इसका खंडन कर रहा है। विवाद को सुलझाने के लिए कई बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है। 15 जून की रात को यह विवाद हिंसक झड़प में बदल गया, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे।
लद्दाख के लिए रवाना हुए सेना प्रमुख
चीन से जारी तनाव के बीच थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे दिल्ली से लद्दाख के लिए रवाना हो गए हैं। वह लेह स्थित 14 कोर के अधिकारियों के साथ सीमा पर मौजूदा स्थिति और चीनी सेना के साथ चल रही बातचीत की प्रगति की समीक्षा करेंगे। बताया जा रहा है कि दौरे के दौरान जनरल नरवणे 15 जून की रात गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प में घायल हुए सैनिकों से भी मुलाकात कर सकते हैं।