केंद्र सरकार के 6.36 लाख मामले देश की अदालतों में लंबित, सबसे अधिक वित्त मंत्रालय के
देश की विभिन्न अदालतों में केंद्र सरकार के 6.36 लाख से अधिक मामले लंबित हैं। इनमें से सर्वाधिक लंबित मामले वित्त मंत्रालय से जुड़े हैं। इन मामलों की सुनवाई और पैरवी पर वर्ष 2022-23 में करीब 54.35 करोड़ रुपये का खर्च आया था। केंद्रीय कानून मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में पूछे गए एक प्रश्न का जवाब देते हुए यह जानकारी दी है।
किस मंत्रालय के कितने मामले लंबित?
कानूनी सूचना प्रबंधन और ब्रीफिंग सिस्टम (LIMBS) पोर्टल के मुताबिक, देशभर में केंद्र सरकार के कुल लंबित मामलों की संख्या 6,36,605 है। इसमें से वित्त मंत्रालय के सर्वाधिक 1,79,464 मुकदमे और रक्षा मंत्रालय के 87,543 मुकदमे शामिल हैं। इसके अलावा श्रम और रोजगार मंत्रालय के 80,117 मामले, गृह मंत्रालय के 23,012 मामले और शिक्षा मंत्रालय के 17,000 से अधिक मामले लंबित हैं। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय से जुड़े 3,665 मामले अदालतों में लंबित हैं।
केंद्र ने लंबित मामलों पर पिछले साल खर्च किए 54.35 करोड़ रुपये
मेघवाल ने अपने लिखित जवाब में बताया कि विधि और कानून मंत्रालय के विधि कार्य विभाग के मुताबिक, केंद्र सरकार से जुड़े सभी मामलों पर वित्त वर्ष 2022-23 में 54.35 करोड़ रुपये का खर्च आया था। उन्होंने कहा कि 2018 से अब तक पिछले 5 वर्षों में किया गया कुल खर्च 272 करोड़ रुपये से अधिक है। मेघवाल ने कहा कि केंद्र सरकार मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए प्रतिबद्ध है।
केंद्र सरकार से क्या सवाल पूछा गया था?
राजस्थान की झालावाड़-बारां लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद दुष्यंत सिंह ने केंद्र सरकार से जुड़े मामलों को लेकर केंद्र सरकार से सवाल पूछा था। उन्होंने कुल लंबित मामलों में केंद्र सरकार से जुड़े मामलों का प्रतिशत और हर साल मामलों की पैरवी करने में केंद्र सरकार द्वारा किए गए खर्च के बारे में जानकारी मांगी थी। उन्होंने इन मामलों की प्रकृति और शामिल मंत्रालयों के बारे में विवरण की मांग की थी।
राष्ट्रीय मुकदमा नीति को अंतिम रूप दिया जाना बाकी- सरकार
बता दें कि केंद्रीय कानून मंत्री द्वारा प्रदान की गई जानकारी यह साफ नहीं करती है कि क्या LIMBS पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी सिर्फ सरकारी विभागों द्वारा दायर मामलों की है या जनहित याचिकाओं (PIL) तक फैली हुई है, जहां केंद्र सरकार एक पक्ष है। राष्ट्रीय मुकदमा नीति (NLP) की स्थिति को लेकर भी सवाल किया गया था, जिस पर मंत्री ने कहा कि नीति को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।