'एक देश एक चुनाव' को कैबिनेट ने मंजूरी दी, संसद में लाया जाएगा प्रस्ताव
'एक देश एक चुनाव' को केंद्र सरकार ने बुधवार को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने इस पर अपनी मुहर लगाई है। अब इस प्रस्ताव को आगामी शीतकालीन संसदीय सत्र में रखा जाएगा, जिस पर बहस होगी। इसे संसदीय समिति के पास भी भेजा जा सकता है। 'एक देश एक चुनाव' प्रस्ताव को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में गठित समिति की ओर से तैयार किया गया है।
समिति ने क्या की है सिफारिश
समिति ने रिपोर्ट में जो सुझाव दिए हैं, उसमें लोकसभा और विधानसभा चुनाव को पहले चरण में एक साथ कराने की बात कही गई है। दोनों चुनाव एक साथ संपन्न होने के 100 दिन के अंदर स्थानीय निकाय और पंचायती चुनाव कराने की सिफारिश की गई है। समिति ने रिपोर्ट में कहा कि एक साथ चुनाव होने से देश में चुनाव को लेकर होने वाले खर्च और अन्य चीजों में कमी आएगी।
प्रस्ताव को पास कराने के लिए संविधान में संशोधन जरूरी
रामनाथ कोविंद की समिति के प्रस्ताव पर भले ही कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी हो, लेकिन इसकी राह में काफी रोड़े दिखाई दे रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रस्ताव को अमल में लाने के लिए संविधान में संशोधन करना होगा, क्योंकि संविधान में चुनाव को लेकर अलग प्रावधान है। ऐसे में इसे पारित करने के लिए इसका संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के साथ आधे से ज्यादा राज्यों की विधानसभा में पास होना जरूरी है।
समिति ने कैसे तैयार की रिपोर्ट
पूर्व राष्ट्रपति की अगुआई में बनी समिति ने देश की 62 राजनीतिक पार्टियों से प्रस्ताव पर उनकी राय मांगी थी। इनमें से 32 पार्टियों ने 'एक देश एक चुनाव' को अपना समर्थन दिया, जबकि 15 विपक्षी पार्टियों ने विरोध जताया था। 15 अन्य पार्टियों ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया। तेलुगु देशम पार्टी (TDP), झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और इंडियन यूनियम मुस्लिम लीग समेत 15 ने कोई जवाब नहीं दिया है। TDP भाजपा और JMM कांग्रेस की सहयोगी है।
समिति में कौन-कौन थे शामिल?
सितंबर 2023 में केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में समिति का गठन किया था। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी के गुलाम नबी आजाद, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी शामिल हैं। समिति में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को भी जगह मिली थी, लेकिन उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया था।
क्या है 'एक देश एक चुनाव'?
'एक देश एक चुनाव' के अंतर्गत विधानसभा-लोकसभा चुनाव एक साथ होंगे। इसके तहत चुनाव 2 चरणों में करवाए जा सकते हैं। अगर राज्य सरकार बीच में गिरती है तो दूसरी बार में अन्य राज्यों के साथ उस राज्य के दोबारा चुनाव हो सकेंगे। विधि आयोग के मुताबिक, देश में 2029 में एक साथ चुनाव हो सकते हैं। 18,626 पन्नों की रिपोर्ट तैयार करने में समिति ने करीब 191 दिन लगाए, जिसे मार्च में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपा गया था।