कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में कॉल डिटेल रिकॉर्ड बड़ा हथियार कैसे बना?
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देश में संक्रमितों की पहचान के बाद उनके संपर्क में आए लोगों को क्वारंटाइन और होम क्वारंटाइन किया जा रहा है ताकि वो अन्य लोगों से मिलकर अधिक संक्रमण नहीं फैला सके। इसके लिए पुलिस और प्रशासन आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं। इसी बीच कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) बड़ा हथियार बना है। इससे विदेशी यात्राओं की जानकारी छिपा रहे लोगों की तलाश में मदद मिल रही है।
CDR के जरिए सामने आ जाती है लोगों की कुंडली
संचार क्रांति के दौर में लगभग हर व्यक्ति मोबाइल फोन का उपयोग करने लगा है। ऐसे में मोबाइल उपभोक्ता की पूरी कुंडली बताने में कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) की अहम भूमिका होती है। पुलिस और प्रशासन किसी भी व्यक्ति द्वारा उपयोग में ली जा रही सिम वाली कंपनी से उसका एक साल तक यात्रा इतिहास, लोकेशन और फोन कॉल आदि का पूरा रिकॉर्ड हासिल कर सकते हैं। ऐसे में CDR अब कारगर साबित हो रहा है।
लोकेशन के आधार पर चल रहा संक्रमित होने वाली जगह का पता
वर्तमान में किसी राज्य में नया संक्रमित मिलने पर पुलिस और प्रशासन सबसे पहले उसके मोबाइल नंबर के आधार पर उसकी CDR रिपोर्ट निकलवा रहे हैं। इसमें लोकेशन के आधार पर सबसे पहले यह पता लगाया जाता है कि आखिर मरीज संक्रमित कहां हुआ है। तबलीगी जमात कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों का पता भी CDR से लग रहा है। जिसमें यह पता चला है कि संबंधित व्यक्ति कार्यक्रम में शामिल हुआ था या नहीं।
यात्रा इतिहास के जरिए लगाया जा रहा है संक्रमित के संपर्कों का पता
CDR में मोबाइल के GPS के कारण संक्रमित के यात्रा इतिहास के जरिये प्रशासन को यह जानकारी मिल रही है कि संक्रमित व्यक्ति कहां-कहां गया था। इसके अलावा उसके द्वारा उन जगहों पर लोगों से किए गए संपर्क की भी जानकारी मिल जाती है। ऐसे में पुलिस और प्रशासन के अधिकारी उन जगहों और संपर्क किए गए लोगों से उसकी जानकारी लेकर ऐहतियात के तौर पर सभी को क्वारंटाइन और होम क्वारंटाइन कर रहे हैं।
संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की कराई जा रही है जांच
प्रशासन द्वारा संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों के नूमने लेकर जांच की जा रही है। अगर उसके भी संक्रमण की पुष्टि होती है तो उसके परिवार के लोगों जांच कराई जा रही है। इससे प्रशासन की पहुंच अधिक लोगों तक हो रही है।
CDR में आई लोकेशन पर जाकर की जा रही पूछताछ
पुलिस उप महानिरीक्षक (इंटेलीजेंस) अंशुमन भौमिया ने बताया कि CDR रिपोर्ट पर गहतना से काम किया जा रहा है। कई रिपोर्ट में संदिग्ध के रुकने की जानकारी तो मिल जाती है, लेकिन वहां किसी से फोन पर बात करने की पुष्टि नहीं होती है। ऐसे में संबंधित थाना पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को संक्रमित के संबंध में पूछताछ करने के लिए भेजा जा रहा है। यदि वह किसी से मिला होता है तो उसकी भी जांच कराई जाती है।
सही जानकारी हासिल करने में मददगार है CDR
DCP भौमिया ने बताया कि कोरोना को लेकर चल रही सतर्कता के कारण कई संक्रमित अपनी सही जानकारी नहीं दे रहे हैं। ऐसे में CDR रिपोर्ट से उनकी असलियत सामने आ रही है। उन्होंने बताया कि कई मरीज विदेश यात्रा के दौरान संक्रमित हुए थे, लेकिन उन्होंने पुलिस को विदेश यात्रा की जानकारी नहीं दी। ऐसे में CDR रिपोर्ट में उनकी विदेश यात्रा करने की जानकारी सामने आ गई। पुलिस अब सभी संक्रमितों की CDR निकलवा रही है।
देश में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 14 अप्रैल तक देश में कुल 10,363 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से 8,988 सक्रिय मामले हैं, जबकि 1,035 लोग ठीक चुके हैं। वहीं 339 लोगों की इसके कारण मौत हुई है। देश में महाराष्ट्र, दिल्ली और तमिलनाडु कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है। यहां प्रतिदिन संख्या बढ़ रही है। देश में अब तक 5 लाख से अधिक लोगों को क्वारंटाइन और होम क्वारंटाइन किया जा चुका है।