लॉकडाउन: जरूरतमंदों को खाना देने में हरियाणा और दिल्ली, शरण देने में केरल सबसे आगे
कोरोना वायरस (COVID-19) के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने पिछले महीने 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान किया था। इसके बाद दिल्ली और दूसरे शहरों से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों ने पलायन किया। इनमें से कुछ अपने घर पहुंच गए तो कुछ को अलग-अलग राज्यों सरकारों ने ठहराया है। केंद्र सरकार ने इन मजदूरों के लिए अलग-अलग राज्यों द्वारा किए गए इंतजामों की जानकारी सुप्रीम कोर्ट को दी है।
दिल्ली और हरियाणा के फूड कैंपों से दिए गए इतने भोजन
सरकार के आंकड़ों से पता चलता है कि लॉकडाउन शुरू होने के बाद से अलग-अलग राज्य सरकारों के फूड कैंप से लोगों को 54.14 लाख भोजन दिये जा चुके हैं। इनमें से सबसे आगे दिल्ली और हरियाणा है। हरियाणा ने सबसे ज्यादा 22.38 लाख भोजन और दिल्ली सरकार ने 12.32 लाख भोजन लोगों को वितरित किए हैं। दोनों सरकारों का यह आंकड़ा 34.7 लाख होता है जो कुल भोजन के आधे से अधिक है।
केरल, तेलंगाना और सिक्किम में नहीं दिया जा रहा खाना
उत्तर प्रदेश ने 6.84 लाख, उत्तराखंड ने 2.65 लाख, पंजाब ने 1.94 लाख, झारखंड ने 1.22 लाख और कर्नाटक ने 1.12 लाख बार अपने यहां ठहरे हुए मजदूरों को खाना दिया है। हालांकि, केरल, तेलंगाना, सिक्किम की राज्य सरकारों और लद्दाख के प्रशासन ने फूड कैंप के जरिये एक बार भी किसी को खाना उपलबध नहीं कराया है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों और NGO द्वारा चलाए जा रहे शेल्टर और फूड कैंप की जानकारी सौंपी थी।
केरल ने सबसे ज्यादा लोगों को दी शरण
देशभर में लगभग 6.31 लाख लोगों को अलग-अलग राज्यों में शरण दी गई है, जिनमें से 3 लाख लोग अकेले केरल में रुके हैं। आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार ने एक लाख से ज्यादा जरूरतमंदों को शरण दी है। अन्य राज्यों में देखें तो महाराष्ट्र में 73,492, पंजाब में महज 1,400, बिहार में 14,354 और दिल्ली में 4,788 लोगों को शरण दी गई है। राष्ट्रीय राजधानी में 102 शेल्टर हाउस बनाए गए हैं।
राज्य सरकारों से ज्यादा फूड कैंप चला रहे NGO
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 15 लाख से ज्यादा कामगारों के खाने-पीने और ठहरने का इंतजाम उनके नियोक्ता और औद्योगिक संगठनों ने किया है। महाराष्ट्र में नियोक्ता, NGO और औद्योगिक संगठन मिलकर लगभग 3.7 लाख कामगारों के ठहरने और खाने का इंतजाम कर रहे हैं। वहीं देशभर में सरकारों से ज्यादा फूड कैंप NGO चला रहे हैं। अलग-अलग राज्य सरकारें 7,848 और NGO 9,473 फूड कैंप संचालित कर रहे हैं।
FCI से चावल और गेंहू खरीद सकेंगे NGO
इसी बीच सरकार ने लॉकडाउन के दौरान लोगों की मदद कर रहे NGO को फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) से चावल और गेंहू खरीदने की अनुमति दे दी है। अब NGO सीधे FCI से जरूरतमंदों के लिए चावल और गेंहू खरीद सकेंगे।