कोरोना के कहर से उबारने के लिए उद्योगों को राहत पैकेज देगी सरकार, जल्द होगा ऐलान
कोरोना वायरस (COVID-19) के कारण बंद हो चुके उद्योगों में जान फूंकने के लिए सरकार नया फंड बनाने पर विचार कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो सरकार इस फंड में 50,000-75,000 करोड़ रुपये डाल सकती है। गौरतलब है कि दुनियाभर में फैल चुके कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में 21 दिनों का लॉकडाउन किया गया था। इस दौरान घरों से बाहर निकलने पर प्रतिबंध है और उद्योगों पर ताले लग गए हैं।
फंड में कहां से आएगा पैसा?
इस मामले की जानकारी रखने वाले दो अधिकारियों ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि यह इस फंड में ईंधन पर लगने वाला उपकर और सरकार की तरफ से पैसा डाला जाएगा। एक अधिकारी ने कहा, "इस फंड का उद्देश्य छोटे और मझोले उद्यमों के लिए कम कर्ज पर पैसा उपलब्ध कराना है। इससे उनकी पैसे की कमी पूरी होगी वो अपने पास आए ऑर्डर के हिसाब से सामान तैयार कर बाजार में बेच सकेंगे।"
सबसे पहले संक्रमण रोकने पर ध्यान
दूसरे अधिकारी ने कहा कि इस फंड की बारीकियों पर विचार किया जा रहा है और उचित समय आने पर इसका ऐलान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकना है। दूसरी प्राथमिकता जरूरतमंदो को खाना और मूलभूत सुविधा मुहैया कराना है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन इस पर पहली दो प्राथमिकताओं के बाद ध्यान दिया जाएगा।
महामारी से पहले भी कमजोर हालत में थी अर्थव्यवस्था
भारत में महामारी की दस्तक से पहले भी भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में थी। बजट में विकास दर के 5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। इसके अलावा कई दूसरी बड़ी वित्तीय संस्थाओं ने भी भारत की विकास दर का अनुमान घटा दिया था। पैकेज की घोषणा को लेकर दिल्ली स्कूल ऑफ इकॉनोमिक्स के प्रोफेसर राम सिंह कहते हैं कि सरकार को कोरोना वायरस के मामले कम होने के बाद इस पैकेज का ऐलान करना चाहिए।
क्या कहते हैं इंडस्ट्री चैंबर?
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) ने कहा है कि अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए 9-10 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी, जो देश की GDP का 4-5 प्रतिशत है। वहीं ASSOCHAM ने कहा है कि सरकार को GST में 3 महीने के लिए 50 प्रतिशत और वित्तीय वर्ष के लिए 25 प्रतिशत कम करने पर विचार करना चाहिए। इसी तरह CII ने सार्वजनिक बैंकों में 30,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की मांग की है।
सरकार कर चुकी है 1.70 लाख करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान
याद दिला दें कि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के बीच पिछले महीने 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सरकार पर्याप्त इंतजाम कर रही है कि कोई भी नागरिक भूखा न सोए।