विश्वकर्मा योजना: अधिकतम 5 प्रतिशत ब्याज पर मिलेगा 1 लाख का लोन, जानें अन्य अहम बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त पर लाल किले से विश्वकर्मा योजना शुरू करने का ऐलान किया था। इस ऐलान के 24 घंटे के भीतर ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने योजना को मंजूरी दे दी है। इसके तहत विश्वकर्मा समाज के साथियों को 1 लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा, जिस पर उदार शर्तों के साथ अधिकतम 5 प्रतिशत तक का ब्याज लगेगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस बात की जानकारी दी है।
औजार खरीदने के लिए भी मिलेगी राशि
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा, "हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत सारे वर्ग हैं, जो गुरु-शिष्य परंपरा के तहत पीढ़ी दर पीढ़ी काम करते आ रहे हैं। ये हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बहुत अहम हैं। इस वर्ग को एक नया आयाम देने के लिए विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दी गई है। इसके तहत कौशल विकास पर ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए 500 रुपये प्रतिदिन दिए जाएंगे। औजार खरीदने के लिए 15,000 रुपये तक की राशि मिलेगी।"
जानें योजना की खास बातें
योजना के तहत 2 तरह का कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा- बेसिक और एडवांस। प्रशिक्षण के दौरान रोजाना 500 रुपये की राशि भी दी जाएगी। अधिकतम 5 प्रतिशत ब्याज पर 1 लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा। इसके बाद अगली बार में 2 लाख तक का लोन मिलेगा। लाभार्थियों को ब्रांडिंग और ऑनलाइन मार्केट जैसी तकनीकी सहायता भी दी जाएगी। इस योजना पर कुल 13,000 से 15,000 करोड़ रुपये का खर्च आ सकता है।
कौन उठा सकता है योजना का लाभ?
इस योजना को 17 सितंबर, 2023 को शुरू किया जाएगा। इस दिन विश्वकर्मा पूजा है और प्रधानमंत्री मोदी का जन्मदिन भी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल के आम बजट में इस योजना की घोषणा की थी। इस योजना का लाभ बढ़ई, सुनार, मूर्तिकार, कुम्हार, लोहार, चर्मकार, धोबी, दर्जी, राजमिस्त्री, बांस की टोकरी बनाने वाले, झाड़ू बनाने वाले, ताला-चाबी बनाने वाले और पारंपरिक खिलौने बनाने वाले लोगों को मिलेगा।
प्रधानमंत्री ई-बस सेवा को भी मंजूरी
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि आज मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री ई-बस सेवा को भी मंजूरी दे दी है। इस पर कुल 57,613 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा, "57,613 करोड़ रुपये में से 20,000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किए जाएंगे। यह योजना 3 लाख और उससे अधिक आबादी वाले शहरों में शुरू की जाएगी। इस योजना के तहत सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर 10,000 ई-बसों के साथ सिटी बस का संचालन किया जाएगा।"
मंत्रिमंडल ने और क्या फैसले लिए?
मंत्रिमंडल ने स्वनिधि योजना के तहत 70,000 करोड़ रुपये की सहायता को मंजूरी दी, जिससे 42 लाख लोगों को फायदा पहुंचेगा। डिजिटल इंडिया के विस्तार के लिए 14,903 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। MSME के लिए भी डिजीलॉकर बनाया जाएगा। टियर 2 और 3 शहरों में 1,200 स्टार्टअप को मदद की जाएगी। साइबर सुरक्षा के लिए कई टूल का विस्तार किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने भारतीय रेलवे की 7 मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को भी मंजूरी दी है।