UK के प्रधानमंत्री ने की मोदी से बातचीत, महामारी और अफगानिस्तान जैसे मुद्दों पर हुई चर्चा
क्या है खबर?
यूनाइटेड किंगडम (UK) के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने आज सुबह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की। दोनों नेताओं ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ साझा लड़ाई और अंतरराष्ट्रीय यात्रा को सावधानीपूर्वक खोलने जैसे मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने माना कि भारत के वैक्सीन सर्टिफिकेट को मान्यता देने का UK सरकार का फैसला स्वागत योग्य है।
दोनों नेताओं के बीच जलवायु परिवर्तन और अफगानिस्तान की मौजूद स्थिति को लेकर भी चर्चा हुई।
बयान
दोनों नेताओं ने किया 'रोडमैप 2030' पर प्रगति का स्वागत
UK सरकार ने बातचीत पर बयान जारी करते हुए कहा कि जॉनसन और मोदी ने भारत-UK संबंधों पर चर्चा की और '2030 रोडमैप' पर हुई प्रगति का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने इसी साल मई में इस रोडमैप को तैयार किया था और इसका लक्ष्य व्यापार और रक्षा जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों की साझीदारी मजबूत करना है।
जॉनसन ने आगामी COP26 सम्मेलन के संदर्भ में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर प्रगति के महत्व पर भी जोर दिया।
बयान
नवीकरणीय प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व कर रहा भारत- जॉनसन
जॉनसन ने माना कि भारत नवीकरणीय प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने आशा व्यक्त की कि नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत राष्ट्रीय स्तर पर अधिक महत्वाकांक्षी योजना अपनाएगा।
अफगानिस्तान
अफगानिस्तान पर भी की गई चर्चा
जॉनसन और मोदी ने तमाम क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की जिनमें अफगानिस्तान सबसे अहम रहा। अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करते हुए दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि तालिबान के साथ बातचीत के लिए एक समन्वित अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण की जरूरत है। उन्होंने देश में मानवाधिकारों के पालन के महत्व पर भी जोर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी बातचीत पर ट्वीट करते हुए यही बिंदु बताए हैं।
संबंधों में खटास
वैक्सीन सर्टिफिकेट को लेकर आमने-सामने रहे थे भारत और UK
गौरतलब है कि ये बातचीत ऐसे समय पर हुई है जब हाल ही में वैक्सीन सर्टिफिकेट को लेकर दोनों देश आमने-सामने रहे थे।
दरअसल, UK ने भारत के कोविन वैक्सीन सर्टिफिकेट को मान्यता देने से इनकार कर दिया था और वैक्सीन की दोनों खुराकें लगवा चुके भारतीयों के लिए भी 10 दिन का क्वारंटाइन अनिवार्य कर दिया था।
जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत ने भी ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों के लिए 10 दिनों का क्वारंटीन अनिवार्य कर दिया था।
नीति में बदलाव
भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद UK ने बदली नीति
भारत की इस जवाबी कार्रवाई के बाद आखिरकार UK झुक गया था और पिछले हफ्ते नए नियम जारी करते हुए उसने वैक्सीन की दोनों खुराकें लगवा चुके भारतीयों को क्वारंटीन से छूट दे दी थी।
हालांकि ये छूट केवल उन लोगों को दी गई थी जिन्होंने UK में मंजूरी प्राप्त वैक्सीन लगवाई है। इसका मतलब कोविशील्ड लगवा चुके भारतीयों को तो क्वारंटीन से छूट मिलेगी, लेकिन कोवैक्सिन लगवाने वाले लोगों को अभी भी क्वारंटीन में रहना होगा।