TRP फर्जीवाड़ा: BARC का फैसला- अगले 12 सप्ताह तक जारी नहीं होगी समाचार चैनलों की रेटिंग
टेलिविजन रेटिंग्स जारी करने वाली संस्था ब्रॉडकास्टर ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) ने अगले 12 सप्ताह तक समाचार चैनलों की साप्ताहिक रेटिंग जारी नहीं करने का फैसला किया है। टेलिविजन रेटिंग प्वाइंट्स (TRP) को लेकर कथित फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद मचे बवाल के बीच BARC ने यह बड़ा निर्णय लिया है। न्यूज ब्रॉडकास्टिंग एसोसिएशन (NBA) ने BARC के इस फैसले का स्वागत किया है। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
TRP को लेकर क्यों मचा है हंगामा?
दरअसल, पिछले सप्ताह मुंबई पुलिस ने दावा किया था कि उसने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो पैसे देकर TRP में फर्जीवाड़ा करता था। पुलिस ने इस मामले में दो चैनलों के मालिकों को गिरफ्तार किया है। पैसे देकर TRP को प्रभावित करने का आरोप अर्नब गोस्वामी के रिपब्लिक टीवी पर भी लगा है। वहीं रिपब्लिक टीवी ने इन आरोपों का खंडन किया है। मामले को लेकर चैनल के कई अधिकारियों से पूछताछ हो रही है।
मौजूदा हालातों को देखते हुए लिया गया फैसला- गोयनका
BARC ने कहा है कि उसकी तकनीकी समिति TRP की मौजूदा व्यवस्था की समीक्षा करेगी ताकि उसे बेहतर किया जा सके। इसमें आठ से 12 सप्ताह तक का समय लग सकता है। यह प्रक्रिया हिंदी, अंग्रेजी और बिजनेस चैनलों पर तुरंत लागू हो गई है। BARC इंडिया बोर्ड के चेयरमैन पुनीत गोयनका ने कहा कि मौजूदा हालातों को देखते हुए बोर्ड को लगा कि TRP रेटिंग पर फिलहाल रोक लगाने की जरूरत है ताकि इसकी समीक्षा हो सके।
रिपब्लिक टीवी को बॉम्बे हाई कोर्ट जाने को कहा गया
दूसरी तरफ मामले की जांच CBI से कराने की याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे रिपब्लिक टीवी को बॉम्बे हाई कोर्ट जाने को कहा गया है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टि इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की बेंच ने कहा कि मीडिया समूह का कार्यालय वर्ली में है और उसे हाई कोर्ट जाना चाहिए। मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी की याचिका का यह कहते हुए विरोध किया था कि चैनल पुलिस जांच को रूकवाने की कोशिश कर रहा है।
पुलिस अधिकारियों के इंटरव्यू देने के चलन से सुप्रीम कोर्ट चिंतित
याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने हाल के समय में पुलिस अधिकारियों के मीडिया इंटरव्यू को लेकर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "हम इन दिनों पुलिस कमिश्नरों के इंटरव्यू देने के चलन से चिंतित हैं।" रिपब्लिक टीवी की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने भी अपनी दलील में इसका जिक्र किया। उन्होंने जांच में आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि वहां एक प्रवृत्ति है कि कमिश्नर द्वारा लगातार इंटरव्यू दिया जा रहा है।
TRP क्या होती है?
TRP का पूरा नाम टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स हैं। इससे यह पता लगाया जाता है कि कौन सा चैनल या किसी चैनल का कौन सा कार्यक्रम सबसे ज्यादा लोगों द्वारा देखा जा रहा है। किसी चैनल या कार्यक्रम की TRP जितनी ज्यादा होगी, उसका मतलब है कि उसे उतने ही ज्यादा लोग पसंद कर रहे हैं। एक तरह से कहा जाए तो यह लोगों की पसंद को भी दर्शाता है। BARC यह पूरा काम देखती है।