सामने आए दिल्ली दंगों के दो नए वीडियो, पुलिस पर पत्थर बरसा रही है भीड़
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की जांच कर रही विशेष जांच टीम (SIT) के हाथ दो वीडियो लगे हैं, जिसमें दंगाई पुलिसकर्मियों पर हमला करते हुए देखे जा सकते हैं। ये दोनों वीडियो 24 फरवरी के बताए जा रहे हैं, जिस दिन हिंसा ने उग्र रूप लिया था। ये वीडियो किसी इमारत की छत से शूट किए गए हैं। हालांकि, दूरी अधिक होने की वजह से अभी तक किसी भी वीडियों में दंगाइयों की पहचान नहीं हो सकी है।
पत्थरबाजी में घायल हुए थे DCP अमित शर्मा
पुलिस का कहना है कि एक वीडियो चांद बाग इलाके का है, जहां DCP अमित शर्मा अपनी टीम का नेतृत्व कर रहे थे। दंगाइयों ने उन पर पत्थरबाजी की, जिसमें शर्मा गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जब उनकी टीम उन्हें वहां से बचाकर ले जा रही थी, उस समय भी भीड़ उन पर पत्थर बरसा रही थी। घायल शर्मा अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं, जहां उनका इलाज चल रहा है।
पुलिसवालों को घेरकर पत्थर फेंक रहे दंगाई
वीडियो में देखा जा सकता है कि लगभग 100 की संख्या में दंगाई सात पुलिसवालों को घेर लेते हैं और उन पर पत्थर बरसाने लगते हैं। वीडियो में दिख रहा है कि भीड़ पत्थर फेंक रही है और पुलिसवाले बचने के लिए भाग रहे हैं।
यहां देखिये हिंसा का वीडियो
...जब दो तरफ भीड़ से घिर गए पुलिसवाले
वहीं दूसरे वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ पुलिसकर्मी भारी संख्या में जमा हुए लोगों को भगाने में कामयाब हो जाते हैं, लेकिन थोड़ी देर बार भीड़ पलटवार कर देती है। पीछे से कुछ महिलाएं भी पुलिसवालों पर पत्थर फेंकने शुरू कर देती है। दो तरफ भीड़ और पीछे रोड के बीच लगी जाली के कारण कुछ पुलिसवाले वहीं फंस जाते हैं। इसके बाद भीड़ उन पर पत्थर फेंकते-फेंकते लाठी और डंडों से भी हमला कर देती है।
हिंसा का दूसरा वीडियो
दंगाइयों को समझाने का प्रयास कर रही थी पुलिस
रिपोर्ट के मुताबिक, जिस दिन की हिंसा के ये वीडियो हैं, उसी दिन पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल को गोली लगी थी। वो इसी इलाके में तैनात थे। उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि गोली उनक बाएं कंधे से शरीर में घुसी और दाएं के पास जाकर अटक गई। बताया जा रहा है कि पुलिस दंगाइयों को समझाने के लिए आगे बढ़ी थी, लेकिन भीड़ के सामने उनकी संख्या बहुत कम रह गई।
पुलिस ने की लोगों से सबूत सौंपने की अपील
दिल्ली में हुए दंगों को रोकने में पुलिस की काबिलियत पर भी सवाल उठ रहे हैं। आरोप है कि पुलिस ने दंगाइयों पर काबू पाने के लिए कड़ाई नहीं बरती, जिससे हालात बिगड़ते गए। हिंसा शांत होने के बाद पुलिस ने प्रत्यक्षदर्शियों से बयान और सबूत सौंपने की अपील की है। पुलिस का कहना है कि हिंसा से जुड़ी कोई भी फुटेज, बयान या सबूत उसे सौंपी जा सकती है और ऐसा करने वालों की पहचान उजागर नहीं की जाएगी।
दिल्ली दंगों में गई थी 47 लोगों की जान
उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के जाफराबाद में नागरिकता कानून के खिलाफ भिड़े दो पक्षों से शुरू हुई हिंसा जल्द ही दंगों में बदल गई थी। तीन दिनों तक पूरे इलाके में दंगाई उत्पात मचाते रहे। अभी तक हिंसा में 47 लोगों की मौत हो चुकी है। पुलिस ने इस सिलसिले में 400 से ज्यादा FIR दर्ज की है और 34 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं पूछताछ के लिए 1,400 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है।