जाइडस कैडिला ने भारत में लॉन्च किया रेमडेसिवीर का सबसे सस्ता जेनेरिक वर्जन, इतनी होगी कीमत
फार्मा कंपनी जाइडस कैडिला ने गुरुवार को कोरोना वायरस मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली एंटीवायरल दवा रेमडेसिवीर का सबसे सस्ता जेनेरिक वर्जन लॉन्च किया है। इसकी 100 मिलीग्राम की शीशी की कीमत 2,800 रुपये रखी गई है। बता दें, अमेरिकी कंपनी गिलियाड साइसेंस की दवा रेमडेसिवीर कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में फायदेमंद साबित हुई है। कई भारतीय कंपनियों ने गिलियाड के साथ इसका जेनेरिक वर्जन भारत में बनाने और बेचने का समझौता किया है।
सरकारी और निजी अस्पतालों को बेची जाएगी दवा
कंपनी ने जानकारी दी है कि यह दवा कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज का रहे सरकारी और निजी अस्पतालों को रेमडेक (Remdac) ब्रांड के तहत बेची जाएगी। हेटेरो, सिप्ला, मायलन NV और जुबिलैंट लाइफ साइसेंस के बाद जाइडस पांचवी कंपनी है, जो इस एंटीवायरल दवा का निर्माण कर भारत में बेच रही है। इनके अलावा गिलियाड ने डॉक्टर रेड्डीज लैब और सिनजीन इंटरनेशनल के साथ भी भारत समेत 127 देशों में रेमडेसिवीर बेचने का समझौता किया है।
राज्यों ने की थी कम आपूर्ति की शिकायत
इससे पहले कई राज्यों से शिकायतें आई थीं कि मांग के हिसाब से इस दवा की आपूर्ति नहीं हो रही है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सिप्ला के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब आपूर्ति को बढ़ा दिया गया है।
रेमडेसिवीर की हो रही कालाबाजारी
बीते महीने तमिलनाडु से खबरें आई थी कि रेमडेसिवीर दवा की कालाबाजारी हो रही है और मरीजों को इसके लिए कीमत के कई गुना दाम चुकाने पड़ रहे थे। यहां 3,000-5,000 रुपये की कीमत की रेमडेसिवीर की एक शीशी को बाजार में लगभग 13,000 रुपये में बेचा जा रहा था। सरकारी अस्पतालों में दवा का पर्याप्त भंडार था, लेकिन निजी अस्पतालों में इसकी कमी थी। कई जगह तो डॉक्टर खुद मरीजों के परिजनों को एजेंट का नंबर दे रहे थे।
दिल्ली में भी हो रही थी कालाबाजारी
इससे पहले दिल्ली में भी दवा की कालाबाजारी की बात सामने आई थी। यहां दवा को 10 गुना दामों में बेचा जा रहा था। इस मामले की दवा नियामक और स्वास्थ्य मंत्रालय से भी शिकायत की गई थी।
ट्रायल में असरदार साबित हुई थी रेमडेसिवीर
अमेरिकी कंपनी 'गिलियाड' की दवा रेमडेसिवीर को सबसे पहले इबोला के लिए बनाया गया था, लेकिन ये उसके इलाज में प्रभावी साबित नहीं हुई। कोरोना वायरस महामारी शुरू होने पर इसे COVID-19 के इलाज में आजमाया गया और ये असरदार साबित हुई। अमेरिका में हुए एक ट्रायल में रेमडेसिवीर लेने वाले कोरोना के मरीज आम मरीजों की तुलना में 15 की बजाय 11 दिन में ठीक हो गए। ये कोरोना के मामले में असरदार साबित होने वाली पहली दवा है।
देश-दुनिया में बढ़ रही संक्रमितों की संख्या
भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। भारत में कोरोना वायरस के मामले 24 लाख के नजदीक पहुंच गए हैं और यहां 47,033 मरीजों की मौत हो चुकी है। मृतकों के मामले में भारत अब चौथे स्थान पर आ गया है। वहीं पूरी दुनिया में 2.05 करोड़ लोग इस खतरनाक वायरस की चपेट में आ चुके हैं, जिनमें से लगभग 7.5 लाख लोगों की मौत हुई है।