विमान हादसा: जान गंवाने वाले पायलट अखिलेश का तीन महीने पहले हुआ था हीरो जैसा स्वागत
बीती 8 मई को करीपुर एयरपोर्ट पर पायलट अखिलेश कुमार का तालियों के साथ हीरो जैसा स्वागत हुआ था। वो एयर इंडिया एक्सप्रेस के उस विमान सह-पायलट थे, जो वंदे भारत मिशन के तहत दुबई में फंसे भारतीय नागरिकों को लेकर कोझिकोड लौटा था। वंदे भारत मिशन के तहत कोझिकोड में उतरने वाली यह पहली उड़ान थी। तीन महीने बाद 7 अगस्त को वो एक बार फिर भारतीयों को लेकर लौटे, लेकिन इस बार देश उनका शोक मना रहा है।
शुक्रवार को हुए विमान हादसे में हुई अखिलेश की मौत
अखिलेश कुमार कालीकट एयरपोर्ट पर दुर्घटनाग्रस्त हुई एयर इंडिया एक्सप्रेस 1344 उड़ान के सह-पायलट थे। लैंडिंग करते समय यह विमान रनवे से फिसलकर घाटी में गिर गया। 32 वर्षीय अखिलेश उन 18 लोगों में शामिल हैं, जिनकी इस दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में मौत हुई है।
दुबई से लौटे अखिलेश कुमार समेत क्रू के स्वागत का वीडियो
दो बार कोशिश के बाद भी सुरक्षित नहीं उतर सका विमान
अखिलेश फ्लाइट कमांडर कैप्टन दीपक वसंत साठे के साथ मिलकर यह विमान उड़ा रहे थे। साठे की भी इस हादसे में मौत हो गई है। खराब मौसम के बीच दोनों ने विमान को सुरक्षित लैंड कराने की कोशिश की थी। दो बार एयरपोर्ट के चक्कर लगाने के बाद उन्होंने विमान को रनवे पर उतारना चाहा, लेकिन आपदा को नहीं टाला जा सका। रनवे पर भरे पानी के कारण विमान फिसलकर घाटी में गिर गया।
गर्भवती है अखिलेश की पत्नी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अखिलेश उत्तर प्रदेश के मथुरा के रहने वाले थे। उनके परिवार में अब उनकी गर्भवती पत्नी, माता-पिता, दो छोटे भाई और एक बहन बची है। अखिलेश की शादी दिसंबर, 2017 में हुई थी। अंतिम बार वो लॉकडाउन से पहले अपने घर गए थे। अखिलेश 2017 में एयर इंडिया के साथ जुड़े थे। वो मई में वंदे भारत मिशन के तहत कोझिकोड से दुबई जाने वाली उड़ान के फर्स्ट ऑफिसर थे।
"अखिलेश को थी विमान से जुड़ी सारी जानकारी"
अखिलेश ने कैप्टन माइकल सालदान्हा के साथ भी विमान उड़ाया था। सालदान्हा उन्हें एक सच्चे पायलट के तौर पर याद करते हुए कहते हैं, "हमारी उड़ान के दौरान ही एक-दूसरे के साथ बातचीत हुई थी। वो मेरे से जूनियर थे यह उनकी दूसरी मानसून उड़ान थी। इसके बावजूद उन्हें विमान से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां थी। उन्होंने दुबई में लैंडिंग करते वक्त अच्छा काम किया था। कोरोना वायरस संकट के कारण हम एक-दूसरे से ज्यादा बात नहीं कर सके।"
एयरफोर्स से विंग कमांडर के पद से रिटायर हुए थे कैप्टन दीपक वसंत साठे
अखिलेश के साथ हादसे का शिकार हुए विमान के कैप्टन दीपक वसंत साठे एयरफोर्स में पायलट रह चुके थे। एयरफोर्स में अपने 22 साल के सेवाकाल के दौरान उन्होंने मिग-21 विमान उड़ाया था। 59 वर्षीय साठे को 1981 में एयरफोर्स एकेडमी में 'स्वॉर्ड ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया था। इसके अलावा वो नेशनल डिफेंस एकेडमी के छात्र भी रहे थे। साठे एयरफोर्स के एक जाने-माने टेस्ट पायलट भी थे और उन्होंने कई युवा पायलटों का मार्गदर्शन किया था।
पायलटों की सूझबूझ को सराह रहे सुरक्षित बचे लोग
विमान हादसे में सुरक्षित बचे लोग पायलट कैप्टन दीपक वसंत साठे और अखिलेश कुमार की तारीफ कर रहे हैं, जो इस हादसे में अपनी जान गंवा बैठे। इन लोगों का कहना है कि उन्होंने अपनी सूझबूझ से विमान को आग की लपटों में झुलसने से बचा लिया। सुरक्षित बचे यात्रियों ने बताया कि बहादुर पायलटों और स्थानीय लोगों के कारण बड़ा हादसा टल गया। घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और उन्हें बाहर निकाल लिया।
कैसे हुआ हादसा?
शुरुआती जानकारी में सामने आया है कि बारिश के कारण विमान रनवे से फिसलकर 30 फुट गहरे गड्ढे में गिर गया। इससे विमान दो टुकड़ों में बंट गया और अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। विमान कालीकट के रनवे 10 पर उतरा और इसके आखिर तक चलता गया और आगे जहां रनवे समाप्त होता है, वहां नीचे घाटी में गिर गया। कालीकट एयरपोर्ट पर भी मंगलुरू की तरह 'टेबल टॉप' रनवे है।