
अब नहीं बनेंगी आंध्र प्रदेश की तीन राजधानियां, रेड्डी सरकार वापस लेगी विधेयक
क्या है खबर?
आंध्र प्रदेश में अब तीन राजधानियां नहीं बनेंगी। जगनमोहन रेड्डी की सरकार ने इससे संबंधित विधेयक को रद्द करने का फैसला लिया है।
इस विधेयक में विशाखापत्तनम, अमरावती और कर्नूल को राज्य की तीन राजधानियां बनाने का प्रावधान किया गया था। एडवोकेट जनरल एस श्रीराम ने आज आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट को सरकार के इस फैसले की जानकारी दी।
तीन राजधानियां बनाने के खिलाफ राज्य में प्रदर्शन भी हो रहे हैं।
पृष्ठभूमि
क्या था विवादित विधेयक?
रेड्डी सरकार आंध्र प्रदेश विकेंद्रीकरण और सभी क्षेत्रों का समावेशी विधेयक, 2020 लेकर आई थी। इसके तहत राज्य की तीन राजधानियां बनाई जानी थीं ताकि सभी जगहों का विकास हो सके।
विशाखापत्तनम को कार्यकारी राजधानी, अमरावती को विधायी राजधानी और और कर्नूल को न्यायिक राजधानी बनाया जाना था।
इसमें राज्य को कई जोन में बांटने का प्रावधान भी किया गया था। इसके अलावा इसमें जोनल प्लानिंग और विकास बोर्ड बनाने का प्रावधान भी था।
वजह
तीन राजधानियां क्यों बनाना चाहती है जगनमोहन सरकार?
आंध्र प्रदेश सरकार की दलील है कि एक जगह राजधानी होने से सत्ता तो केंद्रित होती ही है, साथ ही विकास भी उसी इलाके में सिमटकर रह जाता है।
अगर तीन राजधानियां होगी तो अलग-अलग इलाकों में विकास हो सकेगा।
वहीं तेलगू देशम पार्टी के एन चंद्रबाबू नायडू ने अपील की है कि राज्य की राजधानी को अमरावती से नहीं हटाएं।
उन्होंने चेतावनी दी कि इससे करीब 50,000 करोड़ रुपये का निवेश वापस हो जाएगा और किसानों को परेशानी होगी।
मामला
अमरावती में जारी है नई राजधानी बनाने का काम
तेलंगाना के अलग राज्य बनने के बाद से पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू अमरावती का राजधानी बनाना चाहते थे। इसके लिए भारी मात्रा में निवेश किया गया था।
जब तक अमरावती में चल रहा निर्माण कार्य पूरा हो पाता, उससे पहले राज्य में सरकार बदल गई।
नायडू ने मौजूदा सरकार के तीन राजधानी बनाने के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब ज्यादातर निर्माण कार्य पूरा हो चुका है तो राजधानी बदलने का कोई मतलब नहीं है।
विरोध
विपक्षी पार्टियां कर रही थीं विधेयक का विरोध
राज्य की तीन राजधानियां बनाने के रेड्डी सरकार के फैसले के खिलाफ तेलगू देशम पार्टी (TDP), भाजपा और जनसेना आदि विपक्षी पार्टियां विरोध प्रदर्शन कर रही थीं और ये प्रदर्शन पिछले लगभग दो साल (700 दिन) से जारी हैं।
दूसरी तरफ अमरावती को राज्य की राजधानी बनाने के लिए अमरावती के किसानों की 45 दिन की मार्च भी चल रही है।
अभी हैदराबाद आंध्र प्रदेश और तेलंगाना दोनों की राजधानी है।