अमरिंदर सिंह ने कथित बेअदबी के कारण हुई हत्याओं को ठहराया गलत, बोले- लिंचिंग अस्वीकार्य है
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कथित बेअदबी के कारण हुई दो लोगों की हत्या की निंदा की है। उन्होंने कहा कि पवित्र ग्रंथो की बेअदबी करना गलत है, लेकिन इसके लिए किसी व्यक्ति की हत्या करना भी गलत है। पूर्व मुख्यमंत्री ने इन हत्याओं को अवैध और अस्वीकार्य ठहराया है। उन्होंने कहा कि मॉब लिंचिंग का समर्थन नहीं किया जा सकता है, यह निंदनीय है। अमरिंदर सिंह पहले बड़े नेता हैं, जिन्होंने इन हत्याओं की निंदा की है।
अमृतसर और कपूरथला में हुई थी दो लोगों की हत्या
बीते दिनों पंजाब में कथित बेअदबी के कारण दो लोगों की मॉब लिंचिंग की गई थी। अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में कथित बेअदबी करने के कारण एक युवक की हत्या कर दी गई थी। वहीं कपूरथला के एक गुरुद्वारे में भी एक युवक की कथित बेअदबी के आरोप में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस अभी तक इन लोगों की पहचान नहीं कर पाई है। दोनों मामलों में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए गए हैं।
अमरिंदर सिंह ने दिलाई कानून की याद
अमरिंदर ने हत्याओं की निंदा करते हुए कहा, "आप आरोपी को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) के कार्यालय में ले जाते हैं, वहां उससे पूछताछ करते हैं और उसे मार डालते हैं। क्या यह सही तरीका है?" इससे पहले SGPC अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने सोमवार रात को NDTV से कहा था, "यह गुरु ग्रंथ साहिब से संबंधित है, न कि किसी सामाजिक अपराध से। ऐसे में हम स्पष्ट रूप से इन हत्याओं की निंदा नहीं कर सकते हैं।"
अमरिंदर से पूछा गया- क्या अनसुलझी पुरानी घटनाएं बढ़ा रही हैं गुस्सा?
अमरिंदर से पूछा गया कि क्या ये हत्याएं 2015 की बेअदबी की अनसुलझी घटनाओं के कारण सिख समुदाय में बढ़ रहे तनाव का ओर इशारा कर रही हैं। उन्होंने अपना बचाव करते हुए कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे, तब राज्य को CBI से जांच वापस लेने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी थी। उन्होंने कहा, "जांच शुरू होने पर पुलिस अधिकारियों और नागरिकों समेत 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन वे अभी जमानत पर बाहर हैं।"
हत्याओं पर मुख्य राजनीतिक पार्टियां हैं मौन
पंजाब में हुई इन दो हत्याओं पर राजनीतिक पार्टियों की चुप्पी पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। NDTV की खबर के अनुसार, अब तक इन हत्याओं पर सत्तारूढ़ कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी और अकाली दल समेत सभी बड़ी पार्टियां मौन हैं। हर पार्टी इन हत्याओं की निंदा करने से डर रही है क्योंकि उन्हें डर है कि निंदा करने पर आगामी चुनावों में उन्हें मतदाताओं के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है।