भारत सरकार और ट्विटर के बीच बढ़ी तकरार, जानिए इस विवाद के बारे में सबकुछ
किसान आंदोलन को लेकर किए जा रहे ट्वीट्स को लेकर भारत सरकार और ट्विटर के बीच तकरार बढ़ गई है। माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट को भारतीय कानून का उल्लंघन करने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। किसानों के विरोध के समर्थन में किए गए कई सारे ट्वीट्स के साथ शुरू हुए विवाद अब ट्विटर अधिकारियों के सात साल जेल की हवा खिलाने तक पहुंच गया है। सरकार मामले में लगातार सख्त होती दिख रही है। आइए जाने पूरा मामला।
भारत ने ट्विटर को दिया था 250 से अधिक अकाउंट ब्लॉक करने का आदेश
भारत के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से 31 जनवरी, 2021 को ट्विटर को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 A के तहत 257 ट्विटर अकाउंट ब्लॉक करने को कहा गया था। इस पर कदम उठाते हुए ट्विटर ने गत सोमवार को उन सभी अकाउंट को ब्लॉक कर दिया था। हालांकि, उस दौरान सरकार के निर्देशों का पूरा विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया था। उसी दिन दोपहर में ट्विटर और मंत्रालय के अधिकारियों की एक विशेष बैठक भी हुई थी।
सरकार के साथ बैठक के बाद ट्विटर ने अकाउंट को किया अनब्लॉक
सरकार के साथ बैठक के बाद ट्विटर ने किसान एकता मोर्चा और द कारवां पत्रिका ट्विटर हैंडल सहित अन्य अकाउंट्स को अनब्लॉक कर दिया था। ट्विटर ने कहा कि चिहि्नत सामग्री "फ्री स्पीच" के तहत आती है और वह मात्र "समाचार" थे। सामग्री में '#ModiPlanningFarmerGenocide' के साथ ट्वीट शामिल थे। हालांकि, सरकार ने प्रधानमंत्री के "अपमान" और "भड़काऊ ट्वीट्स" की निंदा करते हुए कंपनी को कार्रवाई वापस लेने की अनुमति नहीं दी।
सरकार ने आदेशों का उल्लंघन करने पर ट्विटर को भेजा नोटिस
इसके बाद, सरकार ने अपने निर्देश के उल्लंघन में अकाउंट्स को अनब्लॉक करने के लिए गत बुधवार को ट्विटर को नोटिस भेजा था। सरकार ने ट्विटर को कार्रवाई की चेतावनी देते हुए आदेशों की पालना करने को कहा था। सरकार ने चेतावनी दी थी कि यदि ट्विटर के शीर्ष अधिकारी "आपत्तिजनक और भड़काऊ सामग्री" को अपने हैंडल से हटाने में विफल रहते हैं तो उन्हें सात साल की जेल की सजा भुगतनी पड़ सकती है।
सरकार और ट्विटर दोनों को करना पड़ रहा है आलोचनाओं का सामना
मामले में अब सरकार और ट्विटर दोनों की आलोचना हो रही है। कुछ लोगों ने ट्विटर को भारत में बैन की मांग उठाई है तो कुछ ने "फ्री स्पीच" पर ट्विटर पर कार्रवाई की चेतावनी देने पर सरकार की आलोचना की है। भारत और दक्षिण एशिया के लिए ट्विटर के पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर महिमा कौल के इस्तीफा देने से भी विवाद बढ़ गया है। हालांकि, एक बयान में दावा किया गया कि इस्तीफा का ताजा घटनाक्रम से संबंध नहीं है।
अब सरकार ने दिया 1,178 अकाउंट्स ब्लॉक करने का आदेश
सरकार ने 4 फरवरी को ट्विटर के साथ 1,178 अकाउंट्स की एक सूची साझा करते हुए कहा है कि ये सभी अकाउंट्स पाकिस्तानी और खालिस्तानी उपयोगकर्ताओं के हैं और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा हैं। रिपोर्टों के अनुसार इन अकाउंट्स को सुरक्षा एजेंसियों ने चिन्हित किया था। कथित तौर पर, सरकार ने ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) जैक डोरसी द्वारा किसानों के समर्थन में विदेशी हस्तियों के ट्वीट्स को "लाइक" करने पर आपत्ति जताई है।
सरकार के ट्विटर के CEO की 'तटस्थता' पर उठाए सवाल
एक सूत्र ने NDTV को बताया, "सरकार ने ट्विटर के CEO द्वारा प्रमुख हस्तियों के ट्वीट्स को लाइक करने पर आपत्ति जताते हुए उनकी तटस्थता पर सवाल खड़े किए हैं।" सूत्र ने कहा कि सरकार ने जिन अकाउंट्स की सूची साझा की थी उनमें से कई स्वचालित बॉट थे जो किसानों के विरोध प्रदर्शन पर गलत सूचना और उत्तेजक सामग्री साझा करने और बढ़ाने के लिए उपयोग किए गए थे। ऐसे में CEO द्वारा उन्हें लाइक करना सही नहीं है।
"ट्विटर के नियमों का उल्लंघन करने पर हटाई जाएगी सामग्री"
ट्विटर के एक प्रवक्ता ने कहा, "ट्विटर पर संभावित अवैध सामग्री के बारे में वैध कानूनी अनुरोध मिलने पर हम ट्विटर नियमों और स्थानीय कानून के तहत इसकी समीक्षा करेंगे। यदि सामग्री ट्विटर के नियमों का उल्लंघन करती है तो उसे हटा दिया जाएगा।"
"हम केवल विशेष क्षेत्र पर सामग्री की पहुंच रोक सकते हैं"
ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा, "यदि यह किसी विशेष अधिकार क्षेत्र में अवैध पाया जाता है, लेकिन ट्विटर नियमों का उल्लंघन नहीं होता है तो हम केवल विशेष स्थान में सामग्री की पहुंच को रोक सकते हैं।" उन्होंने कहा, "सभी मामलों में हम अकाउंट संचालक को सूचित करते हैं कि उसकी सामग्री को लेकर हमें कानूनी आदेश मिला है और ट्विटर का लक्ष्य स्थानीय कानून और स्वतंत्र अभिव्यक्ति का सम्मान करना है।"