ट्विटर इंडिया की पब्लिक पॉलिसी हेड महिमा कौल ने पद से इस्तीफा दिया
निजी कारण बताते हुए ट्विटर इंडिया की पब्लिक पॉलिसी हेड महिला कौल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है। कौल 2015 में ट्विटर के साथ जुड़ी थीं। उनका कहना है कि कुछ समय आराम करना चाहती हैं और इसीलिए वह इस पद से इस्तीफा दे रही हैं। बताया जा रहा है कि कौल ने जनवरी के पहले सप्ताह में इस्तीफा दे देिया था।
सरकार के नोटिस का सामना कर रही है ट्विटर
कौल ने ऐसे समय में इस्तीफा दिया है, जब सरकार ने कंपनी को कुछ ट्वीट्स न हटाने को लेकर नोटिस दिया है। दरअसल, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 'किसानों के नरसंहार' से संबंधित ट्वीट्स को न हटाने और 'भारतीय कानून का उल्लंघन करने' को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए नोटिस भेजा था। इसमें 250 से अधिक खातों और पोस्टों को ब्लॉक न करने पर कंपनी को दंडित करने की धमकी भी दी गई थी।
हालिया घटनाओं से इस्तीफे का संबंध नहीं- सूत्र
हालांकि, सूत्रों का कहना है कि कौल के इस्तीफे का हालिया घटनाओं से कोई लेना-देना नहीं है और वो मार्च के अंत तक कंपनी में अपना काम जारी रखेंगी। कंपनी की तरफ से भी कहा गया है कि वो ब्रेक ले रही हैं।
ट्विटर ने कौल के इस्तीफे पर क्या कहा है?
ट्विटर के वैश्विक नीति प्रमुख मोनिक मेहे ने कहा " महिमा कौल ने इस साल की शुरुआत में भारत और दक्षिण एशिया के लिए ट्विटर पब्लिक पॉलिसी हेड के पद से हटने का फैसला किया ताकि वह ब्रेक ले सकें। ट्विटर पर हम सभी के लिए यह एक क्षति है, लेकिन पद पर पांच साल से अधिक समय के बाद हम व्यक्तिगत जीवन में सबसे महत्वपूर्ण लोगों और रिश्तों पर ध्यान केंद्रित करने की उनकी इच्छा का सम्मान करते हैं।"
ट्विटर को किस मामले में मिला है नोटिस?
सोमवार को ट्विटर ने किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट करने वाले कुछ अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया था। हालांकि, बाद में कंपनी ने इसे 'अभिव्यक्ति की आजादी' बताते हुए रिस्टोर कर दिया था। अकाउंट्स को बिना इजाजत अनब्लॉक करने के इसी मामले में IT मंत्रालय ने ट्विटर को नोटिस भेजा था। इसमें मंत्रालय ने कहा है कि अकाउंट्स को ब्लॉक करके के आदेश की अव्यवहारिकता या विषमता पर ट्विटर फैसला नहीं ले सकती।
IT अधिनियम की धारा 69A का उल्लंघन करता है हैशटैग- सरकार
मंत्रालय ने अपने नोटिस में आगे कहा है कि ट्विटर की दलील कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के प्रकाश में प्रशंसा, अतिश्योक्ति और भावनात्मक अपीलें भड़काऊ बयान के दायरे में नहीं आतीं, अयोग्य है क्योंकि इस हैशटैग के साथ जुड़ा हुआ कंटेट IT अधिनियम की धारा 69A का उल्लंघन करता है। कार्रवाई की धमकी देते हुए सरकार ने कहा है कि धारा 69A में इसके अंतर्गत दिए गए निर्देशों को न मानने पर विशिष्ट कार्रवाई करने का प्रावधान है।