सियाचिन में शहीद हुआ देश का पहला अग्निवीर, सेना ने दी श्रद्धांजलि
लद्दाख के सियाचिन में तैनात भारतीय सेना के जवान अक्षय लक्ष्मण की एक ऑपरेशन के दौरान जान चली गई है। लक्ष्मण भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर का हिस्सा थे। वे शहीद होने वाले देश के पहले अग्निवीर हैं। फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने सोशल मीडिया पर लक्ष्मण को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, 'सेना सियाचिन की ऊंचाइयों पर ड्यूटी के दौरान अग्निवीर (ऑपरेटर) गावते अक्षय लक्ष्मण के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करती है।'
सेना ने परिवार के प्रति व्यक्त की संवेदना
भारतीय सेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'COS जनरल मनोज पांडे और भारतीय सेना के सभी रैंक के लोग सियाचिन की दुर्गम ऊंचाइयों पर कर्तव्य निभाते हुए अग्निवीर (ऑपरेटर) गावते अक्षय लक्ष्मण के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं। भारतीय सेना इस घड़ी में शोक संतप्त परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है।' फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने भी शहीद के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।
शहादत की वजह अभी स्पष्ट नहीं
लक्ष्मण महाराष्ट्र के रहने वाले थे। हालांकि, अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है कि शहादत किस वजह से हुई है। बता दें कि सियाचिन ग्लेशियर दुनिया में सबसे ज्यादा ऊंचा युद्ध क्षेत्र है। ये करीब 20,000 फीट की ऊंचाई पर है, इस वजह से यहां मौसम बेहद ठंडा रहता है। सियाचिन भारत पाकिस्तान नियंत्रण रेखा के पास है। यह भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ग्लेशियर है।
जून में आग लगने से एक सैनिक की हुई थी मौत
सेना के अनुसार, जून में सियाचिन में आग लगने की वजह से सेना के एक जवान की मौत हो गई थी और 3 सैनिक घायल हो गए थे। सेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण घटना में गंभीर रूप से जलने के कारण रेजिमेंट मेडिकल ऑफिसर कैप्टन अंशुमान सिंह की मौत हुई थी। वहीं, 3 अन्य सैनिकों को धुएं के कारण सांस लेने में तकलीफ हुई और वे भी झुलस गए थे।
अग्निवीर को गार्ड ऑफ ऑनर न देने पर हुआ था विवाद
पंजाब के रहने वाले अग्निवीर अमृतपाल सिंह 11 अक्टूबर को पुंछ सेक्टर में मृत पाए गए थे। उनके शरीर पर गोली लगने के निशान थे। सेना ने अंतिम संस्कार के दौरान अमृतपाल को गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया था, जिस पर खूब विवाद हुआ था। हालांकि, सेना ने कहा था कि अमृतपाल की मौत सर्विस राइफल से चली गोली से हुई थी, इसलिए मौजूदा नीति के अनुसार गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया गया।
न्यूजबाइट्स प्लस
अग्निपथ योजना तीनों सेनाओं, थल सेना, भारतीय वायुसेना और नौसेना के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती प्रक्रिया है। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाता है और उन्हें 4 साल के लिए सेना में सेवा का अवसर मिलेगा। इसके बाद योग्यता, इच्छा और मेडिकल फिटनेस के आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेवा में बरकरार रखा जाएगा। युवाओं ने इस योजना का खासा विरोध किया था।