भारतीय सेना के मेजर ने बनाया AK-47 की गोली रोकने वाला दुनिया का पहला हेलमेट
भारतीय सेना के एक मेजर ने एक ऐसा हेलमेट तैयार किया है जो 10 मीटर की दूरी से AK-47 से चलाई गई गोली को रोक सकता है। दावा है कि यह दुनिया का पहला ऐसा हेलमेट है। सेना के अधिकारियों ने ANI को बताया कि मेजर अनूप मिश्रा ने प्रोजेक्ट अभेद के तहत यह बैलिस्टिक हेलमेट तैयार किया है। इससे पहले अनूप एक बुलेटप्रूफ जैकेट भी तैयार कर चुके हैं जो स्नाइपर राइफल की गोली को रोक सकती है।
1.4 किलोग्राम है हेलमेट का वजन
मेजर अनूप ने बताया कि इस हेलमेट का वजन महज 1.4 किलोग्राम है और यह यह 10 मीटर दूर से दागी गई AK-47 की गोलियां झेलने में सक्षम है। इसके अलावा पुणे के मिलिट्री इंजीनियरिंग कॉलेज ने एक प्राइवेट कंपनी के साथ मिलकर दुनिया का सबसे सस्ता गनशॉट लोकेटर भी तैयार किया है। यह 400 मीटर की दायरे में गोली चलने के सटीक स्थान का पता लगा सकने में सक्षम है। यह आतंकवादियों का जल्दी पता लगाने में मदद करेगा।
बुलेटप्रूफ जैकेट बनाने के लिए सम्मानित हो चुके हैं मेजर अनूप
मेजर अनूप भारतीय सेना ने कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग से जुड़े हैं। जम्मू-कश्मीर में एक ऑपरेशन के दौरान उन्हें अपनी पुरानी बुलेटप्रूफ जैकेट पहने होने के बावजूद गोली लगने से चोट आई थी, जिसके बाद उन्होंने खास तरह की जैकेट बनानी को सोची। फिर उन्होंने सर्वत्र जैकेट तैयार की, जो स्नाइपर्स राइफल से भी सुरक्षा देने में सक्षम है। इसके लिए भारतीय सेना ने उन्हें आर्मी डिजाइन ब्यूरो एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया था।
इन जगहों पर तैयार हो रही जैकेट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दो सरकारी उपक्रमों और तीन निजी कंपनियों में इन जैकेट को तैयार किया जा रहा है। अभी तक हजारों जैकेट सैन्यबलों को भेजी जा चुकी हैं। यह 700 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से आने वाली गोली को झेल सकती है।
सियाचिन में सैनिकों के पास कपड़ों और सामान की कमी- CAG
बीते सोमवार को संसद के पटल पर CAG की रिपोर्ट रखी गई थी, जिसमें बताया गया कि सियाचिन और लद्दाख में तैनात भारतीय सैनिकों के पास सर्दियों के लिए विशेष कपड़ों और दूसरे सामानों के भंडार में भारी कमी है। रक्षा मंत्रालय ने CAG से कहा है कि इन कमियों को दूर कर लिया जाएगा। वहीं सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने कहा कि यह रिपोर्ट पुरानी है। आज की तारीख में सेना पूरी तरह तैयार है।