मणिपुर: सुरक्षा बलों के अभियान में हस्तक्षेप कर रहीं महिलाएं, सेना बोली- मानवीय होना कमजोरी नहीं
क्या है खबर?
हिंसा प्रभावित मणिपुर में महिला कार्यकर्ता जानबूझकर रास्तों को बंद कर रही हैं और सुरक्षा बलों के अभियानों में हस्तक्षेप कर रही हैं।
ये बात भारतीय सेना ने एक ट्वीट में कही है। सेना ने लोगों से शांति प्रयासों में सहयोग की अपील करते हुए कहा कि 'मानवीय होना कमजोरी नहीं' है।
सेना का यह बयान उस वक्त आया है जब हाल ही में उग्रवादियों को छुड़ाने के लिए सेना के जवानों को महिलाओं ने घेर लिया था।
बयान
क्या बोली सेना?
सेना की स्पीयर्स कोर ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा किया है।
इसमें कहा गया है, 'मणिपुर में महिला कार्यकर्ता जानबूझकर रास्तों को रोक रही हैं और सुरक्षा बलों की कार्रवाई में दखल दे रही हैं। इस तरह का अनुचित व्यवहार गंभीर परिस्थितियों के दौरान जिंदगी और संपत्ति को बचाने के लिए सुरक्षा बलों की ओर से समय पर प्रतिक्रिया के लिए नुकसानदायक है। सेना शांति बहाल करने का प्रयास के लिए सभी वर्गों से समर्थन की अपील करती है।'
वीडियो
वीडियो में क्या-क्या है?
भारतीय सेना ने हिंसाग्रस्त इलाकों का वीडियो भी साझा किया है, जिसमें महिलाएं सेना का रास्ता रोकती दिख रही हैं।
रास्ते में भीड़ की शक्ल में इकट्ठा होकर महिलाएं सेना की कार्रवाई में बाधा पैदा कर रही हैं और उग्रवादियों की भागने में मदद कर रही हैं। उग्रवादी एंबुलेंस का इस्तेमाल कर भाग रहे हैं।
सेना की ओर से जारी किए गए वीडियो में कहा गया है कि 'मानवीय होना कमजोरी नहीं' है।
ट्विटर पोस्ट
मणिपुर हिंसा पर सेना ने वीडियो शेयर किया है
Women activists in #Manipur are deliberately blocking routes and interfering in Operations of Security Forces. Such unwarranted interference is detrimental to the timely response by Security Forces during critical situations to save lives and property.
— SpearCorps.IndianArmy (@Spearcorps) June 26, 2023
🔴 Indian Army appeals to… pic.twitter.com/Md9nw6h7Fx
उग्रवादी
सेना को छोड़ने पड़े थे 12 उग्रवादी
24 जून की रात को सेना ने पूर्वी इंफाल में तलाशी अभियान चलाया था। इस दौरान मैतेई उग्रवादी समूह कांगलेई यावोल कन्ना लुप (KYKL) के 12 उग्रवादी पकड़े गए थे।
हालांकि, सेना इन्हें गिरफ्तार कर लाती, इससे पहले ही 1,200 से 1,500 महिलाओं ने उनका रास्ता रोक लिया। मजबूरी में सेना को उग्रवादियों को छोड़ना पड़ा और तलाशी अभियान रोकते हुए केवल हथियार जब्त कर वापस लौट आई।
बंकर
सेना ने 12 बंकर तबाह किए
मणिपुर में 25 जून को सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान के दौरान 12 बंकर तबाह कर दिए गए और मोर्टार के 6 गोले जब्त किए।
तामेंगलोंग, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर, कांगपोकपी, काकचिंग और चुराचांदपुर जिलों में तलाश अभियान के दौरान इन बंकरों को नष्ट किया गया।
पुलिस ने अपने बयान में बताया कि साहुमफाई में धान के एक खेत में मोर्टार के 51 मिलीमीटर (MM) के 3 और 84 MM के 3 गोले मिले हैं।
बैठक
मणिपुर पर गृह मंत्री ने की थी सर्वदलीय बैठक
मणिपुर में हिंसा पर चर्चा के लिए 24 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सर्वदलीय बैठक की थी। इसमें भाजपा समेत कई राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों के नेताओं और प्रतिनिधियों के साथ-साथ गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
बैठक के बाद कांग्रेस ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को तत्काल प्रभाव से हटाने समेत 8 मांगें रखीं। कुछ पार्टियों ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है।
वजह
मणिपुर में हिंसा की वजह क्या है?
मार्च में मणिपुर हाई कोर्ट ने मणिपुर सरकार से गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने की याचिका पर विचार करने को कहा था। इसका कुकी आदिवासियों ने विरोध किया और उनकी एकजुटता मार्च के बाद 3 मई को हिंसा भड़क गई थी।
उसके बाद से ही मणिपुर में हिंसा में अब तक 100 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। यहां लगातार अलग-अलग इलाकों में हिंसा और गोलबारी की घटनाएं जारी हैं।