लद्दाख के पांच प्रमुख ट्रेकिंग ट्रेल्स, मौका मिलते ही जरूर करें इनकी यात्रा
क्या है खबर?
लद्दाख भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश है, जो सुरम्य घाटियों, खूबसूरत झीलों और आकर्षक मठों के लिए प्रसिद्ध है।
इसके अतिरिक्त, यहां का सुहावना मौसम और प्राकृतिक नजारें आपका मनमोह लेगें और आपका वहां से वापस लौटने का मन नहीं करेगा।
हालांकि, अगर आप लद्दाख के ट्रेकिंग ट्रेल्स के बारे में जानना चाहते हैं तो आइए आज हम आपको लद्दाख के पांच प्रमुख ट्रेकिंग ट्रेल्स से अवगत कराते हैं।
#1
शाम घाटी ट्रेक
शाम घाटी ट्रेक एक बहुत आसान वाला ट्रेकिंग ट्रेल है।
यही वजह है कि इसे 'बेबी ट्रेक' भी कहा जाता है, लेकिन 3,874 मीटर की अधिकतम ऊंचाई तक पहुंचने में आपको लगभग तीन दिन लग सकते हैं।
इस ट्रेक का रास्ता छोटे गांवों से होकर गुजरता है, जहां आप स्थानीय लोगों के साथ रात बिता सकते हैं और तरह-तरह के स्थानीय व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं।
रास्ते में आपको कई प्राचीन मठ भी देखने को मिलेंगे।
#2
नुब्रा वैली ट्रेक
नुब्रा वैली ट्रेक मध्यम श्रेणी का है और इसे पूरा करने में आपको पांच दिन लग सकते हैं।
लेसरमो ला दर्रा, जो इस ट्रेक का उच्चतम बिंदु है, क्योंकि यह 5,438 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
यह ट्रेक बर्फ से ढकी रहता है और काराकोरम रेंज के सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है।
इस यात्रा के दौरान रेत के टीलों और 32 मीटर ऊंची मैत्रेय बुद्ध प्रतिमा के दृश्यों का आनंद लें।
#3
मार्खा वैली ट्रेक
मार्खा वैली ट्रेक लद्दाख के सबसे लोकप्रिय ट्रेक में से एक है।
यह घाटी सिंधु घाटी के समानांतर है जो स्टोक कांगड़ी और जांस्कर पर्वतमाला के बीच स्थित है।
यहां की ट्रेकिंग करने में आपको छह से आठ दिन लग सकते हैं और यहां की यात्रा के लिए दो अलग-अलग मार्ग हैं।
एक मार्ग काफी लंबा है और स्पितुक से शुरू होता है, जबकि दूसरा और आसान मार्ग चिलिंग से शुरू होता है।
#4
लामायुरु से अलची ट्रेक
लामायुरु से अलची तक के इस ट्रेक को पूरा करने में पांच दिन तक का समय लगता है।
इस ट्रेक के दौरान आपको दो कठिन दर्रों से गुजरना होगा। जिसमें 4,948 मीटर ऊपर की ऊंचाई पर स्थित कोंगस्किल ला और 5,153 मीटर की ऊंचाई पर स्थित स्टाक्सपी ला शामिल हैं।
यात्रा के दौरान आप सुदूर गांवों में स्थानीय लोगों के साथ रह सकते हैं और लद्दाखी संस्कृति का अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।
#5
स्टोक कांगड़ी ट्रेक
स्टोक कांगड़ी ट्रेक समुद्र तल से 6,153 मीटर ऊपर स्थित है।
यहां की ट्रेकिंग करने के लिए आपके पास पहाड़ चढ़ने का सामान जैसे क्रैम्पन, रस्सियों आदि का होना जरूरी है।
बता दें कि यह ट्रेक सबसे कठिन ट्रेकों में से एक है। इसकी चढ़ाई करते समय आपको सांस संबंधी परेशानी हो सकती है। ऐसे में इसका चयन सोच-समझकर ही करें।
यहां की ट्रेकिंग करने में आपको छह से आठ दिन लग सकते हैं।