गुजरात को मिला एक और बड़ा प्रोजेक्ट, एयरबस-टाटा समूह लगाएंगे सैन्य विमान बनाने का कारखाना
क्या है खबर?
गुजरात के हाथ एक और बड़ा प्रोजेक्ट लगा है और यूरोपीय कंपनी एयरबस टाटा समूह के साथ मिलकर राज्य में सैन्य विमान बनाएगी।
विमानों को बनाने के लिए वडोदरा में औद्योगिक कारखाना लगाया जा रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 अक्टूबर को इसकी नींव रखेंगे।
ये पहली है जब देश में कोई निजी कंपनी सैन्य विमान बनाने जा रही है और इसे केंद्र सरकार की 'मेड इन इंडिया' योजना के लिए बड़ा प्रोत्साहन माना जा रहा है।
प्रोजेक्ट
केंद्र सरकार के समझौते के तहत गुजरात को मिला प्रोजेक्ट
गुजरात को यह प्रोजेक्ट एयरबस के साथ केंद्र सरकार के एक समझौते के तहत मिला है।
दरअसल, पिछले साल 24 सितंबर को रक्षा मंत्रालय ने एयरबस डिफेंस के साथ भारतीय वायुसेना के लिए 56 C-295 परिवहन विमान खरीदने का समझौता किया था।
समझौते के अनुसार, इनमें से 16 विमान विदेश से बनकर आएंगे, वहीं बाकी 40 विमानों को भारत में टाटा समूह के साथ मिलकर बनाया जाएगा।
इस पूरे प्रोजेक्ट पर कुल 21,935 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
विशेषताएं
क्या हैं C-295 की विशेषताएं?
C-295 5-10 टन वजन ले जा सकता है और तेजी से कार्य करने के लिए इसमें पीछे की तरफ रैंप दरवाजा है।
यह विमान आधी तैयार जगहों पर भी बेहद कम जगह का इस्तेमाल करके शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सकता है। इसके अलावा C-295 किसी भी मौसम में काम करने में सक्षम है।
जगह की बात करें तो बाकी प्रतियोगियों के मुकाबले इसका केबिन बड़ा है। विमान में 71 लोग बैठ सकते हैं, जो बाकी प्रतिद्वंद्वियों से अधिक हैं।
डिलीवरी
एवरो विमानों की जगह लेंगे C-235, अगले साल सितंबर से शुरू होगी डिलीवरी
एयरबस C-235 भारतीय वायुसेना में एवरो विमानों की जगह लेगा जो अब पुराने पड़ने लगे हैं।
विदेश से बनकर आने वाले 16 C-235 विमान सितंबर, 2023 से अगस्त, 2025 के बीच भारत आ जाएंगे, वहीं गुजरात में बनने जा रहे मेड इन इंडिया विमानों की डिलीवरी सितंबर, 2026 से शुरू होगी।
वायुसेना के लिए 40 विमान बनाने के बाद भी एयरबस और टाटा समूह विमान बनाना जारी रख सकेंगे और इन्हें सरकार की मंजूरी से निर्यात किया जा सकेगा।
नौकरियां
प्रोजेक्ट से हजारों नौकरियां पैदा होने की उम्मीद
इस प्रोजेक्ट के जरिए बड़े पैमाने पर नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है।
इसके तहत प्रत्यक्ष तौर पर 600 अत्यधिक कुशल नौकरियां पैदा होंगी, वहीं अप्रत्यक्ष तौर पर भी 3,000 से अधिक नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। इसके अलावा मध्यम कुशल रोजगार के 3,000 मौके भी इस प्रोजेक्ट से पैदा होंगे।
टाटा समूह ने भी प्रोजेक्ट के लिए देश के सात राज्यों में 125 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) की पहचान कर ली है, जिससे नौकरियां पैदा होगी।
राजनीति
विधानसभा चुनाव में प्रोजेक्ट को भुनाने की कोशिश कर सकती है भाजपा
गौरतलब है कि गुजरात को ये बड़ा प्रोजेक्ट ऐसे समय पर मिला है जब राज्य में अगले साल की शुरूआत में विधानसभा चुनाव होने हैं।
राज्य की सत्ता पर काबिज भाजपा चुनाव में इस प्रोजेक्ट को भुनाने की कोशिश कर सकती है जो न केवल राज्य में बड़ा निवेश लाएगा, बल्कि अच्छी-खासी नौकरियां भी पैदा करेगा।
सितंबर में वेदांता और फॉक्सकॉन ने भी सेमीकंडक्टर कारखाना लगाने के लिए गुजरात में 1.54 लाख करोड़ रुपये निवेश करने का ऐलान किया था।