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तहव्वुर राणा के बाद क्या डेविड हेडली को लाया जाएगा भारत, प्रत्यर्पण में क्या हैं मुश्किलें?

तहव्वुर राणा के बाद क्या डेविड हेडली को लाया जाएगा भारत, प्रत्यर्पण में क्या हैं मुश्किलें?

लेखन आबिद खान
Apr 10, 2025
07:54 pm

क्या है खबर?

मुंबई आतंकी हमलों के दोषी तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाया गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम विशेष विमान से राणा को लेकर दिल्ली पहुंची है। यहां से राणा को NIA कोर्ट में पेश किया जाएगा। राणा के प्रत्यर्पण के बाद मुंबई हमलों के एक और आरोपी डेविड कोलमैन हेडली के प्रत्यर्पण को लेकर भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं। आइए जानते हैं क्या हेडली का प्रत्यर्पण किया जा सकता है।

प्रत्यर्पण

क्या भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है हेडली?

हेडली का भारत प्रत्यर्पण लगभग असंभव है। दरअसल, हेडली को 2009 में शिकागो हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में उसने आतंकी हमले में अपनी भूमिका स्वीकार कर ली है राणा को भी नाम लिया था। हेडली एक तरह से सरकारी गवाह बन गया था। इसके बदले में उसने अमेरिका की एजेंसियों के साथ एक समझौता किया था। इसके तहत उसे भारत, पाकिस्तान या डेनमार्क में प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता।

समझौता

समझौते में क्या-क्या शामिल था?

हेडली ने शर्त रखी थी कि वो अमेरिकी जांच एजेंसियों को लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (ISI) से जुड़ी खुफिया जानकारी बताएगा। ये समझौता कानून रूप से बाध्यकारी है और राणा जैसे आरोपियों के खिलाफ गवाही देने के बदले हेडली को मृत्युदंड से भी बचाता है। समझौते के बदले में हेडली ने सभी 12 आरोपों को स्वीकार कर लिया था, जिनमें मुंबई हमलों की साजिश, हत्या और आंतकवाद को समर्थन जैसे आरोप थे।

मांग

भारत ने कब-कब की है हेडली के प्रत्यर्पण की मांग?

भारत ने पहली बार 2010 में हेडली के प्रत्यर्पण की मांग की थी, जब उसे अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद कई मौकों पर भारत ने ये मांग दोहराई है। 2013 और 2017 में भारत ने फिर हेडली के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया था, लेकिन अमेरिका ने समझौते का हवाला देकर इसे खारिज कर दिया था। अमेरिका हेडली को प्रत्यर्पित न करने के पीछे 2 बार सजा के खतरे को आधार मानता है।

जेल

अमेरिका में अज्ञात जगह पर हिरासत में है हेडली

हेडली का असली नाम दाऊद सईद गिलानी है। उसने 2006 से 2008 के बीच कई बार मुंबई की यात्रा की और उन जगहों की रेकी की, जहां पर आतंकी हमला किया जाना था। हेडली ने अपनी पहचान छिपाने के लिए राणा की 'फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्वेिसेज' नामक कंपनी का इस्तेमाल किया और खुद को कारोबारी बताया। 2013 में हेडली को 35 साल की सजा सुनाई गई थी। फिलहाल वो अमेरिका में अज्ञात जगह पर हिरासत में है।