
अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ क्यों सड़कों पर उतरे लाखों लोग?
क्या है खबर?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के खिलाफ शनिवार को लाखाें की संख्या में लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया।
अलग-अलग शहरों में बड़ी संख्या में लोगों ने राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ रैलिया निकाली और अपनी बेबुनियादी नीतियों को वापस लेने की मांग की।
यह ट्रंप के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद से अब तक का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन रहा है। इसने ट्रंप के खिलाफ उठ रहे विरोध को और हवा दे दी है।
कारण
किन नीतियों के विरोध में सड़कों पर उतरे लोग?
वाशिंगटन, न्यूयॉर्क, ह्यूस्टन, फ्लोरिडा, कोलोराडो और लॉस एंजिल्स सहित अन्य शहरों में विरोध रैली निकालने वाले लोग टैरिफ बढ़ोतरी, कर्मचारियों की छंटनी, अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति और मानवाधिकार हनन समेत कई मुद्दों पर ट्रंप प्रशासन के खिलाफ हैं।
लोगों का कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने सत्ता संभालने के बाद से ही अपने निजी हितों को लिए काम करते हुए देश को परेशानी में धकेल दिया है। ऐसे में वह इस तरह की मनमानी बर्दाश्त नहीं करेंगे।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखें फोटो और वीडियो
🇺🇸⚡Massive anti-Trump protests against in America!
— ResistanceTrench (@Trenchmates) April 5, 2025
Following calls from organizations and civic centers in the United States, massive demonstrations against US President Donald Trump began in Washington and other states. pic.twitter.com/ZB5xoJHrlQ
बयान
"श्वेत बलात्कारियों का समूह कर रहा देश को नियंत्रित"
मैनहट्टन में निकाली गई विरोध रैली में शामिल न्यूयॉर्क निवासी चित्रकार शाइना केसनर ने कहा, "मैं बहुत क्रोधित हूं। विशेषाधिकार प्राप्त, कथित श्वेत बलात्कारियों का एक समूह हमारे देश को नियंत्रित कर रहा है। यह अच्छा नहीं है।"
64 वर्षीय बाइक टूर गाइड डायने कोलिफ्रैथ ने कहा, "हमारे पास लगभग 100 लोग हैं जो न्यू हैम्पशायर से बस और वैन द्वारा विरोध प्रदर्शन करने के लिए आए हैं। हमें दुनिया भर में अपने सहयोगियों को खोना पड़ रहा है।"
आरोप
वैश्विक मंदी की ओर धकेलने का प्रयास
लंदन में एक रैली में अमेरिकी-ब्रिटिश दोहरी नागरिकता वाली लिज चैंबरलिन ने AFP से कहा, "अमेरिका में जो कुछ हो रहा है, वह हर किसी की समस्या है। यह आर्थिक पागलपन है। वह (ट्रंप) हमें वैश्विक मंदी की ओर धकेल रहे हैं।"
बर्लिन में 70 वर्षीय सेवानिवृत्त सुसैन फेस्ट ने कहा, "ट्रंप ने एक संवैधानिक संकट पैदा कर दिया है। वह आदमी पागल है।" उन्होंने बताया कि 1,000 से अधिक शहरों में ''हैंड्स ऑफ' नाम से विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
परेशानी
ट्रंप ने देश में 2 जेंडर सिस्टम का किया था ऐलान
बता दें कि ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही अमेरिका में सिर्फ 2 जेंडर (महिला और पुरुष) ही रखने का ऐलान किया था।
इसी तरह एकतरफा रूढ़िवादी मूल्यों को लागू करने तथा मित्र देशों पर भी सीमाओं और व्यापार के मुद्दे पर दबाव बनाने के लिए आक्रामक तरीके से कदम उठाकर लोगों को नाराज कर दिया है।
इसके अलावा, वह टैरिफ में बढ़ोतरी कर अन्य देशों को नाराज कर रहे हैं। इससे देश की अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ेगा।
मांग
क्या है प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगे?
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अरबपतियों ने सत्ता को हड़प लिया है और इसे खत्म करने के लिए प्रदर्शन हो रहे हैं।
उनकी 3 प्रमुख मांगें हैं, जिनमें ट्रंप प्रशासन में अरबपतियों के कब्जे और भ्रष्टाचार को खत्म करना, चिकित्सा और सामाजिक सुरक्षा जैसे जरूरी कार्यक्रमों में संघीय बजट की कटौती को रोकना और आप्रवासियों, ट्रांसजेंडर समुदायों और अन्य समूहों पर हमलों को रोकना शामिल है।
बता दें कि इस प्रदर्शन के लिए 6 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था।