बदल गया खेल रत्न अवार्ड का नाम, अब से मेजर ध्यानचंद खेल रत्न होगा नाम
क्या है खबर?
खेलों का महोत्सव ओलंपिक टोक्यो में हो रहा है और इसमें भारतीय एथलीट्स लगातार भारत का नाम रोशन कर रहे हैं। भारत में खेलों की बात होती है तो इसका सबसे बड़ा राजीव गांधी खेल रत्न होता है।
इस अवार्ड के नाम को बदले जाने को लेकर लंबे समय से बहस चल रही थी और अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसका नाम मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवार्ड कर दिया है।
जानकारी
प्रधानमंत्री मोदी ने दी जानकारी
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स के द्वारा इस बात की जानकारी देते हुए लिखा कि उन्हें इस अवार्ड का नाम ध्यानचंद के नाम पर रखने के लिए देश के नागरिकों से लगातार सुझाव मिल रहे थे।
उन्होंने आगे लिखा, "लोगों की भावना का कद्र करते हुए अब से खेल रत्न अवार्ड को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवार्ड के नाम से जाना जाएगा।"
प्रधानमंत्री ने लोगों को सुझाव के लिए धन्यवाद भी कहा है।
शुरुआत
1992 में शुरु हुआ था खेल रत्न
खेल रत्न अवार्ड खेल की दुनिया में भारत का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। इसकी शुरुआत 1992 में हुई थी और हर साल इसके लिए खिलाड़ियों को चुना जाता है। शुरुआत में इस अवार्ड को पाने वाले खिलाड़ी को एक लाख रूपये, प्रतीक और सर्टिफिकेट दिया जाता था।
2000 में ईनामी राशि को बढ़ाकर तीन लाख रूपये, 2002 में पांच लाख रूपये, 2009 में साढ़े सात लाख रूपये और 2020 में 25 लाख रूपये किया गया था।
हॉकी
अब तक हॉकी के तीन खिलाड़ियों ने हासिल किया है खेल रत्न
हॉकी के जादूगर के नाम पर होने वाले इस प्रतिष्ठित अवार्ड को अब तक हॉकी के केवल तीन खिलाड़ी ही हासिल कर चुके हैं जिसमें दो पुरुष और एक महिला खिलाड़ी शामिल हैं।
1999-2000 में सबसे पहले पूर्व कप्तान धनराज पिल्लै को यह अवार्ड मिला था। लगभग दो दशक बाद 2017 में सरदार सिंह को यह अवार्ड मिला। 2020 में महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल इस अवार्ड को पाने वाली पहली महिला हॉकी खिलाड़ी बनी थीं।