पाकिस्तान ने जेल से रिहा किया तालिबान का नेता रहा मुल्ला मोहम्मद रसूल
अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद पाकिस्तान ने अपनी जेल में बंद तालिबान के एक पूर्व नेता मुल्ला मोहम्मद रसूल को रिहा कर दिया है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, वो पांच साल से पाकिस्तान की जेल में बंद था। उसे अफगानिस्तान भेजा जा रहा है और खबर है कि वह फिर से तालिबान में शामिल हो सकता है। नेतृत्व को लेकर विवाद के बाद रसूल ने तालिबान से अलग होकर एक नया संगठन बना लिया था।
तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर का करीबी रहा है मोहम्मद रसूल
तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर का करीबी रहा मोहम्मद रसूल तालिबान का एक जाना-पहचाना नाम है और वह 1996-2001 के तालिबान शासन में निमरूज प्रांत का गवर्नर रहा था। नवंबर, 2001 में अमेरिका के हमले के बाद वह इस पद से हटा। रसूल 2015 तक तालिबान में रहा, लेकिन मुल्ला अख्तर मंसूर के तालिबान प्रमुख बनने के विरोध में उसने अपना अलग संगठन बना लिया। इसके बाद उसे पाकिस्तान ने पकड़ लिया और वह तभी से जेल में बंद था।
रसूल पर तालिबान के मौजूदा प्रमुख पर हमला कराने का भी आरोप
मोहम्मद रसूल पर तालिबान के मौजूदा प्रमुख मुल्ला हिबतुल्लाह अखुंदजादा पर जानलेवा हमला कराने का आरोप भी है। उसके संगठन ने अगस्त, 2019 में पाकिस्तान के बलूचिस्तान की एक बड़ी मस्जिद में धमाका किया था जिसमें अखुंदजादा आता रहता था। हालांकि उस दिन अखुंदजादा नहीं आया था और उसका भाई और पिता इस हमले में मारा गया। अब रसूल उसी अखुंदजादा के नेतृत्व वाले तालिबान में वापसी करने जा रहा है।
अपनी सरकार बनाने की जुगत में लगा हुआ है तालिबान
गौरतलब है कि अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद अब तालिबान यहां अपनी सरकार बनाने की जुगत में लगा हुआ है। उसका प्रयास है कि वह एक ऐसी सरकार बना सके जो अफगानिस्तान के अधिकांश लोगों को स्वीकार हो और इस संबंध में आज उसके नुमांइदे देश के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और वरिष्ठ नेता अब्दुल्ला अब्दुल्ला से मिले। तालिबान का कहना है कि उसने सभी को माफ कर दिया है और अब वह किसी से बदला नहीं लेगा।
खुद को उदार दिखाने की कोशिश कर रहा तालिबान
अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अफगानिस्तान के लोगों को आश्वस्त करने के लिए तालिबान ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खुद को उदार दिखाने की कोशिश भी की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उसने कहा कि देश के महिलाओं को शरिया कानून के तहत अधिकार दिए जाएंगे और उन्हें पीड़ित नहीं किया जाएगा। उसने यह भी कहा कि वह अपने सांस्कृतिक ढांचे के अंतर्गत मीडिया को काम करने देने के लिए प्रतिबद्ध है और प्राइवेट मीडिया पहले की तरह काम कर सकेगा।
देश के बाहर या अंदर कोई दुश्मन नहीं चाहते, किसी से बदला नहीं लेंगे- तालिबान
अफगानिस्तान में संघर्ष बंद करने की बात कहते हुए तालिबान ने कहा, "हम सुनिश्चित करेंगे कि अफगानिस्तान अब संघर्ष का मैदान नहीं रहे। हमने उन सभी को माफ कर दिया है जिन्होंने हमारे खिलाफ लड़ाइयां लड़ी। अब हमारी दुश्मनी खत्म हो गई है। हम अब बाहर या देश के भीतर कोई दुश्मन नहीं चाहते हैं। अब हम काबुल में अराजकता देखना नहीं चाहते।" उसने कहा कि किसी से कोई पूछताछ नहीं होगी और वे किसी से बदला नहीं लेंगे।