अफगानिस्तान छोड़कर भागे पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा- देश वापसी के लिए बातचीत जारी

राजधानी काबुल में तालिबान के दाखिल होने के बाद अफगानिस्तान को छोड़कर भागे पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने बुधवार को देश वापसी की संभावना जाहिर की। देश छोड़ने के बाद अपने पहले वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि देश वापसी को लेकर उनकी बातचीत चल रही है। गनी ने एक बार फिर साफ किया कि वे खूनखराबा रोकने के लिए देश छोड़कर आए हैं। उन्होंने करोड़ो डॉलर लेकर भागने के आरोपों को भी खारिज किया है।
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से फेसबुक पर डाले गए अपने वीडियो संदेश में गनी ने कहा कि उनका हमेशा के लिए UAE में निर्वासन में रहने का कोई इरादा नहीं है और देश वापसी के लिए उनकी बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि वह देश पर अफगानों का शासन सुनिश्चित करने के प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "अभी मैं अमीरात में हूं ताकि खूनखराबा और अराजकता रोकी जा सके।"
देश को मुसीबत में छोड़कर अपनी जान बचाने के लिए भागने के आरोपों पर गनी ने कहा, "ऐसे किसी पर भरोसा मत कीजिए जो कहे कि आपके राष्ट्रपति ने आपको बेच दिया और अपने भले और अपनी जान बचाने के लिए भाग गया। ये आरोप निराधार हैं और मैं इन्हें पूरी तरह से खारिज करता हूं। मुझे अफगानिस्तान से इस तरह निकाला गया कि मुझे चप्पल उतारने और जूते पहनने का मौका भी नहीं मिला। मैं खाली हाथ आया हूं।"
गनी ने कहा कि समझौते के बावजूद तालिबान काबुल में घुस गया था और अगर वे वहीं रुकते तो अफगानिस्तान के एक और चुने हुए राष्ट्रपति को फिर से अफगानों की आंखों के आगे फांसी पर लटका दिया जाता। बता दें कि जब तालिबान ने 1996 में पहली बार काबुल पर कब्जा किया था, तब उसके लड़ाके पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नजीबुल्लाह को संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय से घसीट कर लाए थे और उन्हें चौराहे पर फांसी पर लटका दिया था।
गनी ने पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और असफल शांति वार्ता की अध्यक्षता करने वाले वरिष्ठ नेता अब्दुल्ला अब्दुल्ला की तालिबान के साथ बातचीत का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि यह वार्ता सफल रहे।
बता दें कि पिछले रविवार को काबुल से भागे अशरफ गनी को UAE ने शरण दे दी है। बुधवार को इसी पुष्टि करते हुए UAE ने कहा कि उन्हें मानवीय आधारों पर शरण दी गई है। इससे पहले गनी के ताजिकिस्तान और फिर ओमान में शरण लेने की खबरें थीं। UAE के गनी को शरण देने के फैसले पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए अमेरिका ने कहा है कि गनी की अब अफगानिस्तान में कोई भूमिका नहीं है।
गौरतलब है कि अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद अब तालिबान यहां अपनी सरकार बनाने की जुगत में लगा हुआ है। उसका प्रयास है कि वह एक ऐसी सरकार बना सके जो अफगानिस्तान के अधिकांश लोगों को स्वीकार हो और इस संबंध में आज उसके नुमांइदे देश के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और वरिष्ठ नेता अब्दुल्ला अब्दुल्ला से मिले। तालिबान का कहना है कि उसने सभी को माफ कर दिया है और अब वह किसी से बदला नहीं लेगा।