फ्रांस में ट्रंप और मोदी की बैठक आज, कश्मीर मुद्दे पर होगी चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आज फ्रांस में चल रहे G7 सम्मेलन से इतर बैठक करेंगे। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि दोनों नेताओं की मुलाकात में कश्मीर मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमेन्युल मैक्रों के निजी आमंत्रण पर बहरीन से रविवार शाम को फ्रांस पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री मोदी यहां पर्यावरण, जलवायु, महासागर और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर एक सत्र को संबोधित करेंगे। आइये, इस बारे और जानकारी लेेते हैं।
क्या होगा ट्रंप-मोदी बैठक का एजेंडा?
अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि मोदी से मुलाकात के दौरान ट्रंप उनसे पाकिस्तान के साथ बढे तनाव को कम करने और जम्मू-कश्मीर के लोगों के मानवाधिकारों का सम्मान करने की योजना के बारे में जानना चाहेंगे। एक अधिकारी ने बताया कि ट्रंप दोनों पक्षों के बीच बातचीत पर जोर देंगे और उन्हें उम्मीद है कि भारत जम्मू-कश्मीर में लगाए गए सभी तरह के प्रतिबंधों को खत्म करेगा और संभावित विरोधों से निपटने में संयम बरतेगा।
जयशंकर ने की थी अमेरिकी मंत्री से मुलाकात
जम्मू-कश्मीर मुद्दे को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ने मध्यस्थता की बात कही थी, लेकिन अब अमेरिका का कहना है कि वह इस मामले में सहायता करने को तैयार है। इससे पहले UNSC की बैठक में अमेरिकी रुख को लेकर भारत स्पष्ट नहीं था। इसके चलते भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिका के उप विदेश मंत्री से मुलाकात की थी। इस बैठक में भारत ने कहा कि वह अपने मित्र देशों से अपने पक्ष में खड़े होने की उम्मीद करता है।
पहले से ज्यादा भारत के पक्ष में अमेरिका
इसके बाद से अमेरिका ने कश्मीर मुद्दे को लेकर खुलकर भारत की भावनाओं के पक्ष में आते हुए इसे भारत का आंतरिक मुद्दा बताया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से टेलीफोन पर हुई बात में उनके अमेरिकी समकक्ष मार्क टी एस्पर ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत द्वारा उठाए गए कदमों का समर्थन करते हैं और यह भारत का आंतरिक मामला है। यह पहली बार था जब अमेरिका ने जम्मू-कश्मीर में उठाए गए कदमों को आंतरिक मामला बताया था।
भारत ने ठुकराई थी ट्रंप की पेशकश
भारत जम्मू-कश्मीर को द्विपक्षीय मुद्दा मानता रहा है। कुछ दिन पहले जब डोनाल्ड ट्रंप ने इस मुद्दे को लेकर मध्यस्थता की बात कही थी, तब भारत ने यह पेशकश ठुकराते हुए कहा था कि अगर कश्मीर पर कभी चर्चा की जरूरत पड़ी तो यह केवल भारत और पाकिस्तान के बीच होगी। 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के फैसले पर अमेरिका ने शुरुआत में अनिश्चितता दिखाई थी।