पाकिस्तानी मौलवी का बेहूदा बयान, कहा- कम कपड़े पहनने वाली महिलाओं के कारण आया कोरोना संकट
कोरोना महामारी को लेकर दुनिभायर में कई बातें चल रही है। अमेरिका सहित कई अन्य देश इस महामारी के फैलने के पीछे चीन को जिम्मेदार मान रहे हैं, वहीं पाकिस्तान के एक मौलवी ने इसके लिए कम कपड़े पहनने वाली महिलाओं को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने दावा किया कि कोरोना महामारी "अल्लाह के श्राप" का नतीजा है। उसने दुनिया में बढ़ती नग्नता एवं अश्लीलता से नाराज होकर यह महामारी भेजी है। अब मौलाना के बयान की आलोचन हो रही है।
मौलवी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की मौजूदगी में दिया यह बयान
समाचार एजेंसी PTI के अनुसार पाकिस्तान के प्रमुख मौलवी मौलाना तारिक जमील ने गत 23 अप्रैल को कोरोना पीड़ितों के लिए फंड जुटाने के लिए टीवी पर आयोजित एक टेलीथॉन शो में प्रधानमंत्री इमरान खान की मौजूदगी में यह बयान दिया था।
अल्लाह के कोप का सामना कर रही है पूरी दुनिया- मौलवी
कार्यक्रम में मौलवी जमील ने कहा कि कोरोना वायरस के रूप में दुनिया "अल्लाह के कोप" का सामना कर रही है। दुनिया में बढ़ती अश्लीलता और नग्नता ही इस संकट का मुख्य कारण है। उन्होंने कहा कि कौन है जो बेटियों को डांस करा रहा है। उनके कपड़े छोटे होते जा रहे हैं। जब समाज में अश्लीलता आम बात हो गई है तो अल्लाह नाराज हो गए हैं।
मौलवी ने की मीडिया की निंदा
कार्यक्रम के दौरान मौलवी जमील में मीडिया की निंदा करते हुए कहा कि मीडिया उनके द्वारा झूठ फैलाने के आरोपों की खबरें चला रहा है। हालांकि, बाद में उनका विरोध होने पर मौलवी ने माफी मांगते हुए कहा कि उनकी जुबान फिसल गई थी। उन्होंने महिलाओं पर की गई अभद्र टिप्पणी के लिए कोई माफी नहीं मांगी है। पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने मौलवी द्वारा महिलाओं पर किए गए भद्दे कमेंट पर उनकी आलोचना की है।
मानवाधिकार आयोग ने मौलवी के बयान को बताया महिलाओं को अपमानित करने वाला
मामले में मानवाधिकार आयोग ने अपने ट्वीट में लिखा, 'मौलाना तारिक जमील के हालिया बयान से महिलाओं का अपमान हुआ है। इस तरह के आपत्तिजनक बयान बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किए जा सकते और वो भी पब्लिक टेलीविजन पर तो कतई भी नहीं।' इसी तरह पाकिस्तान के प्रमुख अखबार 'डॉन' ने अपने संपादकीय में इस घटना को महिलाओं को अपमानित करने वाला बताया है और मौलवी के माफी नहीं मांगने को शर्मानाक करार दिया है।
संसदीय सचिव बैरिस्टर मलीखा बुखारी ने भी की निंदा
पाकिस्तान के कानून एवं न्याय मामलों के संसदीय सचिव बैरिस्टर मलीखा बुखारी ने ट्वीट किया, 'महामारी के फैलने को किसी भी सूरत में महिलाओं की नैतिकता और आबरू से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।' आसमा जहांगीर लीगल ऐड सेल की निदेशक निदा ऐली ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान महिलाओं को सुरक्षा की दरकार है। उन्होंने मौलाना के बयान को टेलीविजन पर चलाए जाने को लेकर सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाया है।
पाकिस्तान में यह है कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति
बता दें कि वर्तमान में पाकिस्तान में भी कोरोना संक्रमण की मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। वहां अब तक 11.940 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से अब तक 253 लोगों की मौत हो गई है।