
#Exclusive: कोरोना वायरस संकट के कारण कितना बदला है हरियाणा रोडवेज में सफर?
क्या है खबर?
कोरोना वायरस ने कभी धीमी न होने वाली दुनिया की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है।
दुनियाभर में 75 लाख से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले चुकी इस महामारी ने हमारे काम करने, रहने, दूसरों से मिलने और सफर करने के तरीकों को बदल दिया है।
लॉकडाउन की पाबंदियों में छूट मिलने के बाद शुरू हुईं हरियाणा रोडवेज की बसों में सफर में भी यह बदलाव साफ तौर पर नजर आता है।
आइए जाने क्या बदलाव हुए हैं।
बदलाव
मास्क लगाकर यात्रा करने लगे हैं लोग
इस बदलाव को देखने के लिए हमारी टीम ने कुछ बसों में सफर किया। इस दौरान कई चीजें बदलीं नजर आईं।
सबसे बड़े बदलावों की बात करें तो अब लोग मास्क लगाकर या अपना मुंह कवर कर सफर कर रहे हैं।
कई रूटों पर अक्सर क्षमता से भी ज्यादा भरी हुई चलने वाली बसों में लोग अब एक-दूसरे से दूर बैठकर यात्रा पूरी कर रहे हैं।
इस खबर के जरिये हम ऐसे ही बदलावों को आपके सामने रख रहे हैं।
टिकट बुकिंग
पहले से ज्यादा लोग ऑनलाइन बुक करा रहे टिकट
हरियाणा रोडवेज की बसों में सफर करने के लिए आप ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों तरीकों से टिकट बुक कर सकते हैं।
ऑनलाइन टिकट बुकिंग के दौरान आपसे सारी जानकारी पहले ली जाती हैं, वहीं बस स्टैंड से टिकट लेने पर आपको वहां अपना नाम, पता, कोई एक पहचान पत्र के नंबर और मोबाइल नंबर दर्ज कराने होते हैं।
ऑनलाइन तरीके से सिर्फ आपकी सीट बुक होगी, सीट नंबर आपको कंडक्टर देगा या आप अपनी मर्जी से भी बैठ सकते हैं।
जानकारी
बसों में क्षमता से आधी सवारियां
लॉकडाउन के बाद दोबारा शुरू हुई बसों में 50 प्रतिशत सीटों पर ही सवारियां बैठाई जा रही हैं। हमने हरियाणा रोडवेज की जिन बसों में सफर किया, उनमें किसी में भी 30 से ज्यादा सवारियां नहीं थी।
व्यवस्था
थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजर
कई जगहों पर सीट नंबर देने के दौरान यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा रही है।
वहां मौजूद कर्मचारी ने हमें बताया, "किसी भी यात्री को बिना स्क्रीनिंग नहीं बैठने दिया जा रहा है। हम तो ड्राइवर और कंडक्टर की भी स्क्रीनिंग करते हैं।"
साथ ही हाथ साफ करने के लिए कई जगह टिकट काउंटर के पास हैंड सैनिटाइजर की व्यवस्था है। यहां लोगों की लापरवाही देखने को मिली। कई लोग हाथों को सैनिटाइज किए बिना बसों में बैठ रहे थे।
सावधानी
सफाई का रखा जा रहा खास ख्याल
बाकी चीजों के साथ-साथ बसों की साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। जब हमने एक ड्राइवर से बस को सैनिटाइज कराने से जुड़ा सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, "साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। बस को पूरी तरह साफ किया गया है। उसके बाद से चलाने की अनुमति मिली है।"
उन्होंने आगे बताया, "लोग भी अब सफाई का ध्यान रखने लगे हैं। वो बाहर कुछ भी खाने-पीने से बच रहे हैं।"
बदलाव
नहीं सुनाई दे रही 'खट्टी-मीठी गोली' की आवाज
अगर आपने हरियाणा रोडवेज की बसों में सफर किया है तो आप उनमें मिलने वाली खट्टी-मीठी गोली, ब्रेड-पकौड़े और खाने का सामान, दर्द की दवा, दांत चमकाने का मंजन और 'आखिर क्यों' जैसी किताब बेचने वालों से जरूर परिचित होंगे।
कोरोना संकट के कारण इन लोगों की रोजी-रोटी पर भी बुरा असर पड़ा है। बस स्टैंड पर रौनकें लौटने लगी हैं, लेकिन ये लोग अभी तक तस्वीर से बाहर हैं।
बसों में अब इनकी आवाज नहीं सुनाई पड़ रही है।
प्रतिक्रिया
बदलावों को लेकर कितने सहज हैं यात्री?
जब हमने इन बदलावों को लेकर यात्रियों से सवाल किये तो उनके मिले-जुले जवाब थे।
फतेहाबाद से गुरूग्राम जा रहे विक्रम ने हमें बताया, "बहुत सारी चीजें बदल गई हैं तो सफर भी बदलना ही था। अच्छी बात है कि लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है। जब तक कोरोना वायरस का कोई इलाज या वैक्सीन नहीं मिल जाती, तब तक सावधानी में ही सबकी भलाई है। बसों आदि में तो और भी ज्यादा सतर्कता की जरूरत है।"
अन्य यात्री
परेशानियों का कारण भी बने बदलाव
इसी बस में सफर रहे सोनू ने अपनी परेशानी का जिक्र किया। उन्होंने कहा, "काम के लिए रोज दूसरे शहर आना-जाना होता है। पहले ये था कि किसी भी समय आने-जाने के लिए बसें मिल जाती थीं, लेकिन अब बसें कम होने के कारण इंतजार करना पड़ता है।"
बदलाव के सवाल पर उन्होंने कहा, "साफ-सफाई अच्छी चीज है, लेकिन काम करने वालों के लिए हर चीज में सावधानी बरतना मुश्किल हो जाता है।"
बदलाव
अधिकारी क्या कहते हैं?
हमने जब इन बदलावों पर एक अधिकारी से सवाल किया तो उन्होंने कहा, "ये महामारी ही ऐसी है कि सब कुछ बदल दिया है इसने। बसों में हम साफ-सफाई, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने पर खास ध्यान दे रहे हैं। हम लोगों से अपील करते हैं कि नियमों का पालन करें। ये हम, आप और पूरी जनता की भलाई के लिए हैं।"
नाम पूछने पर उन्होंने हंसते हुए कहा, "नाम रहण द्यो, नाम त के करोगे?"
चिंता
इन बातों को लेकर चिंता
सब बातों के बीच कुछ चिंता वाले भी बिंदु हैं। बस स्टैंड से चलने के बाद बसें रास्ते में भी रूकती हैं और वहां से सवारियां बैठती हैं। इन सवारियों की न तो थर्मल स्क्रीनिंग का कोई प्रबंध है और न ही उनसे कोई और जानकारी ली जा रही है।
दूसरी बड़ी चिंता है कि सीट नंबर या ऑफलाइन टिकट देते समय कंडक्टर के हाथों में दस्ताने नहीं होते। इससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ सकता है।
डाटा
बस स्टैंड में सवारियों से ज्यादा बसें
अभी चूंकि चुनिंदा रूटों पर बसें चल रही है और लोग भी सफर करने से बच रहे हैं इसलिए बस स्टैंड पर सवारियों से ज्यादा बसें दिख रही है। हर समय सवारियों से भरे रहने वाले बस स्टैंड इन दिनों लगभग सूने हैं।
सलाह
क्या सफर करना सुरक्षित है?
हरियाणा रोडवेज की व्यस्थाओं को ठीक कहा जा सकता है, लेकिन हम आपको सलाह देंगे कि अगर जरूरी न हो तो किसी भी तरीके से सफर करने से बचें। इस समय घर पर रहना ही सबसे सुरक्षित है।
फिर भी अगर आपको सफर करना है तो अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी। बस में सफर करने के लिए मास्क अवश्य पहनें और किसी भी सतह को छूने से बचें।
साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना बिल्कुल न भूलें।