तेलंगाना: गलवान घाटी में चीन से झड़प में शहीद हुए कर्नल की पत्नी बनीं डिप्टी कलक्टर
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास गलवान घाटी में गत 15 जून को चीनी सैनिकों से हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू की पत्नी संतोषी बाबू को तेलंगाना सरकार ने डिप्टी कलक्टर नियुक्त किया है। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने बुधवार को प्रगति भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपकर कर्नल संतोष बाबू की शहादत को सलाम किया। इस दौरान उन्होंने कर्नल के परिवार से भी मुलाकात की।
गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से हुई झड़प में शहीद हुए थे 20 भारतीय सैनिक
गत 15 जून को कर्नल संतोष बाबू चीन के अवैध पोस्ट को खाली करवाने लद्दाख में गलवान घाटी गए थे। उस दौरान चीनी सैनिकों ने धोखे से भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया था। इस हमले में कर्नल संतोष बाबू सहित 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। भारत के जवानों ने चीन के विश्वासघात का करारा जवाब दिया और उनके कई सैनिकों को ढेर कर दिया था। चीनी सैनिकों ने पत्थर, कंटीली रॉड और तारों से हमला किया था।
हैदराबाद में जमीन और पांच करोड़ रुपये भी दिए
प्रगति भवन में राज्य के मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के लिए आयोजित लंच कार्यक्रम में मुख्यमंत्री राव ने कर्नल की पत्नी को नियुक्ति पत्र सौंपने के साथ हैदराबाद के बंजारा हिल्स में 711 गज की जमीन के दस्तावेज भी सौंपे। इससे पहले मुख्यमंत्री ने संतोषी को चार करोड़ रुपये और कर्नल संतोष के माता-पिता को एक करोड़ रुपये की सहायता का चेक भी दिया था। उस दौरान उन्होंने संतोषी को उनकी सभी जरूरतों को पूरी करने का भरोसा दिया था।
हैदराबाद के आस-पास के क्षेत्र में ही दी जाएगी नियुक्ति
मुख्यमंत्री राव ने कहा कि शहीद कर्नल की पत्नी संतोषी के आठ साल की बेटी और चाल साल का बेटा है। ऐसे में परिवार की जिम्मेदारी को समझते हुए उन्हें हैदराबाद और उसके आस-पास के क्षेत्र में नियुक्ति दी जाएगी। उन्होंने अपनी सचिव स्मिता सभरवाल को संतोषी के नई जिम्मेदारी के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित होने तक पूरी मदद करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि तेलंगाना सरकार हमेशा उनके और परिवार के साथ खड़ी है।
कर्नल की पत्नी ने मुख्यमंत्री का जताया आभार
मुख्यमंत्री राव की ओर से कर्नल की पत्नी को डिप्टी कलेक्टर के पद का नियुक्ति पत्र और घर के लिए जमीन के दस्तावेज सौंपे जाने पर संतोषी बाबू और उनके परिवार ने मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों का मदद करने के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि नौकरी और जमीन से उनके पति की कमी पूरी नहीं हो सकती है, लेकिन सरकार ने परिवार के पालन के लिए उनकी मदद कर अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई है।