देश की जेलों में बंद 4.83 लाख भारतीयों में से एक चौथाई ही सजायाफ्ता- डाटा
क्या है खबर?
भारत में अपराधों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इसके चलते जेलों में अपराधियों की संख्या भी बढ़ रही है।
यही कारण है कि दिसंबर 2020 तक 4.83 लाख भारतीय देशभर में संचालित सभी जेलों में बंद थे। हालांकि, इनमें से एक चौथाई यानी 23 प्रतिशत के खिलाफ ही अभी तक अपराध सिद्ध हो सका है और उन्हें सजा सुनाई गई है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ताजा रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।
विचाराधीन
जेलों में बंद थे 3.68 लाख विचाराधीन बंदी
NCRB की ओर से जारी 'जेल स्टैटिस्टिक्स इंडिया 2020' के अनुसार, 31 दिसंबर, 2020 तक देश की जेलों में कुल 4.83 लाख भारतीय बंद थे।
इनमें से 23.04 प्रतिशत यानी 1.11 लाख को अपराध सिद्ध होने पर सजा सुनाई जा चुकी है, जबकि 76.17 प्रतिशत यानी 3.68 लाख के खिलाफ अपराध सिद्ध नहीं हो सकता है।
ऐसे में वह विचाराधीन बंदी की श्रेणी में हैं। इसी तरह 0.73 प्रतिशत यानी 3,559 लोग हिरासत में थे।
डाटा
जेलों में बंद थे 4,926 विदेशी
NCRB के डाटा के अनुसार, दिसंबर 2020 तक देश की जेलों में विभिन्न देशों के कुल 4,926 कैदी और बंदी भी बंद थे। इनमें सबसे ज्यादा संख्या म्यांमार, बांग्लादेश, नेपाल, नाईजीरिया, पाकिस्तान और श्रीलंका के नागरिकों की थी।
उम्र
जेलों में बंद थे 18-30 साल के सबसे अधिक बंदी
ताजा डाटा के अनुसार, जेलों में बंद 4.83 लाख कैदी और बंदियों में से 96 प्रतिशत यानी 4.63 लाख पुरुष, 3.98 प्रतिशत यानी 19,200 महिलाएं और 0.01 प्रतिशत यानी 70 ट्रांसजेंडर थे।
इसी तरह जेलों में बंद 1.11 लाख कैदियों में से 49.9 प्रतिशत यानी 55,653 की उम्र 30-50 साल, 28.7 प्रतिशत यानी 31,935 की उम्र 18-30 साल और 21.4 प्रतिशत यानी 23,856 कैदियों की उम्र 50 साल या उससे अधिक थी।
डाटा
18-30 साल आयु वर्ग के थे सबसे अधिक विचाराधीन बंदी
डाटा के अनुसार, 3.68 लाख विचाराधीन बंदियों में से 48.8 प्रतिशत यानी 1.79 लाख की उम्र 18-30 साल, 40.6 प्रतिशत यानी 1.49 लाख की उम्र 30-50 साल और 10.6 प्रतिशत यानी 39,136 बंदियों की उम्र 50 साल या उससे अधिक थी।
सबसे अधिक
उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद थे सबसे अधिक कैदी और बंदी
डाटा के अनुसार, जेलों में बंद कुल 4.83 लाख कैदी और बंदियों में से सबसे अधिक 22.1 प्रतिशत यानी 1.06 लाख उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद थे।
इसी तरह 10.7 प्रतिशत यानी 51,849 बिहार और 9.4 प्रतिशत यानी 45,456 कैदी और बंदी मध्य प्रदेश की जेलों में बंद थे।
इसी तरह सजायाफ्ता 1.11 लाख सजायाफ्ता कैदियों में से सबसे अधिक 26,607 उत्तर प्रदेश, 13,641 मध्य प्रदेश और 7,730 कैदी बिहार की जेलों में बंद थे।
विचाराधीन
उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद थे 80,000 से अधिक विचाराधीन बंदी
डाटा के अनुसार, देश की जेलों में बंद 3.68 लाख बंदियों में से सबसे अधिक 21.8 प्रतिशत यानी 80,267 बंदी उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद थे।
इसी तरह 12 प्रतिशत यानी 44,113 विचाराधीन बंदी बिहार और 8.6 प्रतिशत यानी 31,695 बंदी मध्य प्रदेश की जेलों में बंद थे।
बड़ी बात यह है कि करीब 28 प्रतिशत विचाराधीन बंदियों को जेल में आए हुए दो साल से अधिक का समय बीच चुका है और उनके मामलों में सुनवाई जारी है।
जेल
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
बता दें कि दिसंबर 2019 तक देश में कुल 1,350 जेल संचालित थीं, लेकिन दिसंबर 2020 में इन जेलों की संख्या कम होकर 1,306 रह गई।
दिसंबर 2019 में देश में 144 केंद्रीय कारागार और 410 जिला कारागार, 617 उपकारागार, 31 महिला, 86 ओपन जेल, 41 स्पेशल जेल और दो अन्य जेल शामिल थीं।
इसके बाद 2020 में 146 केंद्रीय कारागार, 413 जिला कारागार, 565 उपकारागार, 29 महिला, 88 ओपन, 44 स्पेशल और तीन अन्य जेल रह गई।