कोरोना महामारी में 'मेक इन इंडिया' के तहत अस्पतालों को मिले 36,000 वेंटीलेटर
क्या है खबर?
केंद्र सरकार के 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जारी जंग में देश का भरपूर सहयोग किया है।
इस कार्यक्रम के तहत महामारी से बचाव के लिए सबसे अधिक आवश्यक उपकरण वेंटीलेटरों की अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति की जा सकी है और अब तक 36,433 वेंटीलेटर अस्पतालों को मिल चुके हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को देश की इस बड़ी उपलब्धि की जानकारी दी है।
लागत
'मेक इन इंडिया' से कम हुई वेंटीलेटरों की लागत
स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान के अनुसार 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम की वजह से देश में वेंटीलेटरों की लागत में भाई कमी आई है।
इसके तहत एक वेंटीलेटर के निर्माण पर औसतन दो से 10 लाख रुपये की लागत आई है। यही कारण है कि देश में पर्याप्त मात्रा में वेंटीलेटरों का निर्माण किया गया।
मंत्रालय के अनुसार महामारी की शुरुआत में देश में 16,000 वेंटीलेटर थे, लेकिन एक साल से भी कम समय में 36,433 नए वेंटीलेटर बना दिए गए।
निर्यात
'मेक इन इंडिया' के तहत तैयार वेंटीलेटरों को किया जा रहा है निर्यात
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार महामारी की शुरुआत के समय देश में वेंटीलेटर, PPE किट और N-95 मास्कों का आयात करना पड़ रहा था, लेकिन बाद में 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के तहत देश में ही इनका निर्माण शुरू कर दिया गया।
वर्तमान में वेंटीलेटरों के निर्यात से रोक हटा दी गई है और अब देश में बने वेंटीलेटरों को अन्य देशों में निर्यात भी शुरू कर दिया गया है। यह देश के लिए महामारी के बीच बड़ी उपलब्धि है।
PPE किट
PPE किट के निर्माण में दुनिया का दूसरा बड़ा देश बना भारत
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार सरकार ने महामारी की शुरुआत में ही चुनौतियों को पहचान लिया था और देशभर में चिकित्सा वस्तुओं की पर्याप्त उपलब्धता और आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाना शुरू कर दिया था।
यही कारण है कि भारत वर्तमान में PPE किट के घरेलू निर्माण में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। वर्तमान में देश में प्रतिदिन 10 लाख PPE किट तैयार की जा रही है और उनका निर्यात भी किया जा रहा है।
जानकारी
देश में मुफ्त में वितरित की 1.7 लाख करोड़ PPE किट
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक 1.7 लाख करोड़ PPE किट राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय संस्थानों को मुफ्त वितरित की जा चुकी है। वर्तमान में देश में 1,700 स्वदेशी निर्माता और आपूर्तिकर्ता पंजीकृत है। इनमें से दर्जनों भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा प्रमाणित हैं।
कीमत
PPE किट की कीमत में आई भारी गिरावट
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में मार्च में PPE किट का बफर स्टोक मात्र दो लाख था, जो अब बढ़कर 89 लाख पर पहुंच गया है।
इसी तरह मार्च में एक PPE किट की लागत करीब 600 रुपये बैठ रही थी, लेकिन अब यह घटकर महज 200 रुपये पर आ गई है।
इसी तरह मार्च में देश में N-95 मास्क आपूर्ति करने वाली महज तीन फर्म थी, जो प्रतिदिन में एक लाख से कम मास्क बनाने की क्षमता रखती थी।
मास्क
देश में प्रतिदिन बनाए जा रहे हैं आठ लाख N-95 मास्क
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि वर्तमान में देश में N-95 मास्क के 3,000 से अधिक निर्माता और आपूर्तिकर्ता हैं। इनमें से 1,509 BIS प्रमाणित हैं।
इसी तरह वर्तमान में देश में प्रतिदिन आठ लाख N-95 मास्क तैयार किए जा रहे हैं। ऐसे में भारत इनका बड़ी मात्रा में निर्यात कर रहा है।
इसी तरह अब तक चार करोड़ से अधिक N-95 मास्क विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय संस्थानों में मुफ्त वितरित किए जा चुके हैं।
जानकारी
वैक्सीनेशन के लिए दिया 83 करोड़ सीरिंज खरीदने के आदेश
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि कोरोना वैक्सीन के वैक्सीनेशन के लिए अब तक 83 करोड़ सीरिंज खरीदने के आदेश दे दिए गए हैं। इसके अलावा 35 करोड़ सीरिंजों के लिए बोलियां भी आमंत्रित की गई है। इनका वैक्सीनेशन में उपयोग किया जाएगा।