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मध्य प्रदेश: 2.9 लाख रुपये के नुकसान की भरपाई के लिए 12 वर्षीय बच्चे को नोटिस
मध्य प्रदेश: 2.9 लाख रुपये के नुकसान की भरपाई के लिए 12 वर्षीय बच्चे को नोटिस

मध्य प्रदेश: 2.9 लाख रुपये के नुकसान की भरपाई के लिए 12 वर्षीय बच्चे को नोटिस

Oct 19, 2022
10:52 am

क्या है खबर?

रामनवमी के मौके पर हुई हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने एक 12 साल के बच्चे से लगभग तीन लाख रुपये मांगे हैं। बच्चे की मां का कहना है कि नोटिस मिलने के बाद से ही वह भयभीत है और उसे डर है कि उसे गिरफ्तार किया जा सकता है। वहीं इस बच्चे के पिता कालू खान से 4.8 लाख रुपये की भरपाई करने को कहा गया है। खान मजदूरी करते हैं।

पृष्ठभूमि

खरगौन में हुई थी हिंसा

मध्य प्रदेश के खरगौन में रामनवमी के मौके पर तलब चौक से शोभायात्रा निकाली गई थी। इस दौरान गानों को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद हो गया था। उसके बाद असमाजिक तत्वों ने शोभायात्रा पर पथराव किया और कई जगहों पर आग लगा दी थी। इससे निपटने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे। उपद्रवियों के साथ टकराव में पुलिस अधीक्षक घायल हो गए थे और हालात काबू करने के लिए कर्फ्यू लगाना पड़ा था।

जानकारी

महिला की शिकायत पर बच्चे को नोटिस

हिंसा के बाद राज्य सरकार ने संपत्ति के नुकसान की आरोपियों से भरपाई के लिए सार्वजनिक और निजी संपत्ति वसूली अधिनियम के तहत दावा अधिकरण (क्लेम ट्रिब्यूनल) का गठन किया गया था। अब इस अधिकरण ने बच्चे को 2.9 लाख रुपये की भरपाई का नोटिस भेजा है। यह नोटिस एक महिला की शिकायत पर भेजा गया है, जिसने दावा किया कि 10 अप्रैल को रामनवमी के दिन भीड़ ने उसकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था।

नोटिस

नोटिस में साफ तौर पर लिखी है उम्र

NDTV के अनुसार, बच्चे को भेजे गए नोटिस में साफ तौर पर उसकी उम्र का जिक्र है और उसे 2.9 लाख रुपये के नुकसान के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। शिकायतकर्ताओं का दावा है कि बच्चे ने उनके घर से लूटपाट की और उसे नुकसान पहुंचाया। बच्चे और उसके पिता के अलावा छह अन्य व्यस्कों को भी ऐसे नोटिस भेजे गए हैं। वहीं बच्चे के परिवार ने खुद को निर्दोष बताते हुए न्याय की मांग की है।

झटका

कोर्ट से खारिज हुई याचिका

अधिकरण से नोटिस मिलने के बाद बच्चे के परिवार ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में इसे रद्द करने की याचिका दायर की थी। बेंच ने इसे यह कहते हुए ठुकरा दिया कि आपत्ति को केवल अधिकरण के सामने दर्ज किया जा सकता है। वहीं अधिकरण से भी बच्चे को झटका लगा है। बच्चे के वकील ने कहा कि अधिकरण ने कानून और नियमों को ध्यान में रखे बिना एकतरफा कार्रवाई की है।

बयान

कांग्रेस ने उठाए सवाल

मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा ने आरोप लगाया कि अधिकरण भाजपा के लिए काम कर रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि एक 12 साल के बच्चे को कैसे नोटिस दिया जा सकता है। वहीं इस पर पलटवार करते हुए भाजपा ने कहा कि अगर बच्चा संपत्ति को नुकसान पहुंचाता हुआ पाया गया है तो उसे सिविल कानून के तहत नोटिस दिया गया है। वो कानूनी प्रावधानों का इस्तेमाल करते हुए जवाब दे सकता है।