#NewsBytesExclusive: राजस्थान में तेजी से बढ़ते भ्रष्टाचार की गवाही देते हैं ये आंकड़े
दुष्कर्म के मामले में देश में अव्वल राज्य राजस्थान अब भ्रष्टाचार में भी शीर्ष की ओर बढ़ रहा है। राज्य के सरकारी विभागों में अधिकारी और कर्मचारी काम करने के लिए जमकर रिश्वत (घूस) ले रहे हैं। राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की ओर से की गई कार्रवाई के आंकड़ों में इसकी बानगी साफ नजर आ रही है। ACB ने इस साल के शुरुआती चार महीनों में ही कार्रवाई करते हुए 150 घूसखोर अधिकारी और कर्मचारियों को दबोच लिया।
ACB ने चार महीनों में 150 घूसखोरों को रंगे हाथों पकड़ा
ACB के रिकॉर्ड के अनुसार, 1 जनवरी से 30 अप्रैल, 2022 के बीच राज्य में भ्रष्टाचार से जुड़े कुल 156 मामले हुए हैं। इनमें से 150 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ ट्रैप की कार्रवाई करते हुए उन्हें रंगे हाथों दबोचा गया है। इसी तरह पांच घूसखोरों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने तथा एक के खिलाफ पद का दुरुपयोग करने का मामला दर्ज किया है। ऐसे से राज्य में प्रत्येक तीन दिन में चार घूसखोर पकड़े जा रहे हैं।
राजस्थान में इस तरह से बढ़ा भ्रष्टाचार
ACB के रिकॉर्ड के अनुसार, साल 2018 में 83 ट्रैप, दो आय से अधिक संपत्ति और 17 पद के दुरुपयोग सहित कुल 102 मामले दर्ज हुए थे। इसी तरह साल 2019 में 83 ट्रैप और 16 पद के दुरुपयोग सहित 100 मामले, साल 2020 में 50 ट्रैप और 13 पद के दुरुपयोग सहित कुल 65 और साल 2021 में 130 ट्रैप, चार आय से अधिक संपत्ति और सात पद के दुरुपयोग सहित कुल 141 मामले दर्ज हुए थे।
ACB ने तोड़े कार्रवाई के पिछले सभी रिकॉर्ड
राज्य में भ्रष्टाचार के बीच ACB ने भी कार्रवाई की रफ्तार बढ़ा दी है। ब्यूरो ने घूसखोरों के खिलाफ कार्रवाई में इस साल अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पिछले साल जहां ACB टीमों ने पूरे राज्य में ट्रैप की कुल 130 कार्रवाई की थी, वहीं इस साल चार महीनों में ही इसे 150 पर पहुंचा दिया है। इसका असर लोगों पर भी दिख रहा है और वह दोषियों के खिलाफ खुलकर शिकायत कर रहे हैं।
इस साल ACB के हत्थे चढ़े ये बड़े अधिकारी
ACB की टीम ने इस साल अलवर के पूर्व जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया तथा RAS अधिकारी अशोक कुमार, जयपुर में बॉयो फ्यूल अथोरिटी के CEO सुरेंद्र सिंह राठौड़, पाली में राष्ट्रीय राजमार्ग निगम के अधिशाषी अभियंता, डूंगरपुर जिले में पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ उपेन्द्र सिंह महलावत को रंगे हाथों पकड़ा है। इसी तरह जयपुर में राजस्थान स्किल एंड लाइवलीहुड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (RSLDC) के प्रबंधक राहुल गर्ग और समन्वयक अशोक सांगवान को रिश्वत लेते दबोचा है।
इन अधिकारियों पर भी गिरी है गाज
ACB ने जयपुर विकास प्राधिकरण की उपायुक्त ममता यादव, भीलवाड़ा के GST आयुक्त दिनेश टेलर, रेलवे कोटा में वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक, राजसमंद के जिला परिवहन अधिकारी नैन सिंह और कोटा राजस्थान तकनीकी यूनिवर्सिटी के कुलपति रामावतार गुप्ता को भी रिश्वत लेते हुए दबोचा है।
चार्जशीट पेश करने में भी अव्वल रही है ACB
ACB घूसखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने में ही नहीं, बल्कि दोषियों के खिलाफ चार्जशीट पेश करने में भी अव्वल रही है। ACB ने साल 2018 में 98 मामलों, साल 2019 में 105 मामलों, 2020 में 80 मामलों, साल 2021 में 101 और साल 2022 में 30 अप्रैल तक कुल 144 मामलों में आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश कर मामलों का निस्तारण कर दिया। ऐसे में ACB की कार्रवाई का प्रतिशत भी बेहतर रहा है।
ACB को 102 मामलों में लगानी पड़ी FR
ACB को साल 2018 से 2022 के बीच घूसखोरों पर कार्रवाई के बाद भी 102 मामलों में कोर्ट में अंतिम रिपोर्ट (FR) देनी पड़ी। इससे दोषियों को सजा नहीं मिल पाई। इसका कारण शिकायर्ता का मुकर जाना, शिकायत वापस लेना या फिर ठोस सबूत नहीं मिलना रहा है। इसके चलते ACB को साल 2018 में 21, साल 2019 में 34, साल 2020 में 10, साल 2021 में 15 और इस साल कुल 22 मामलों में FR पेश करनी पड़ी है।
शिकायत मिलते ही की जाती है कार्रवाई- ADG
ACB के अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) दिनेश एमएन ने न्यूजबाइट्स हिंदी को बताया कि राज्य में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की योजना बनाई गई है। शिकायत मिलते ही संबंधित जिला शाखा की टीम को उसके सत्यापन पर लगाया जाता है। इसके बाद तत्काल ट्रैप या आवश्यक कार्रवाई की जाती है। उन्होंने बताया कि बड़े घूसखोर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होने से लोगों में ACB के प्रति विश्वास जगा है और अब वह खुलकर शिकायत कर रहे हैं।
ट्रैप की राशि तत्काल मिलने से भी बढ़ रही हैं शिकायतें- ADG
ADG ने बताया कि सरकार ने ट्रैप की कार्रवाई में पैसा देने वाले शिकायतकर्ताओं को कार्रवाई के बाद तत्काल राशि लौटाने के लिए 20 करोड़ रूपये का विशेष कोष बनाया है। ऐसे में कार्रवाई के महज सात दिन बाद ही शिकायतकर्ता को पैसा वापस मिल जाता है। पहले इसमें सालों लगते थे। उन्होंने बताया कि महानिदेशक बीएल सोनी के निर्देशन में हेल्पलाइन नंबर 1064 भी शुरू किया गया है। लोग इस पर भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।