#NewsBytesExclusive: मां के पेट में ही जुड़ गए थे संगीत से तार- कविता पौडवाल
मशहूर गायिका अनुराधा पौडवाल की बेटी और लोकप्रिय सिंगर कविता पौडवाल ने भक्ति गीतों के जरिए दर्शकों के बीच अपनी एक खास पहचान बनाई है। 1995 से वह भक्ति संगीत में सक्रिय हैं। कविता ने बॉलीवुड फिल्मों के साथ तमिल, तेलुगु और मराठी जैसी कई अलग-अलग भाषाओं के गीतों को भी अपनी आवाज दी है। हाल ही में उन्होंने अपने करियर और संगीत के सफर पर न्यूजबाइट्स से खुलकर बातचीत की। जानिए उन्होंने क्या कुछ कहा।
न्यूजबाइट्स प्लस
13 साल की उम्र में कविता का पहला गाना फिल्म 'जुनून' में पूजा भट्ट पर फिल्माया गया था और बोल थे 'ये जान गए सब तू मेरा मेहरबां।' इसके बाद उन्होंने 'तोहफा', 'फूल बने पत्थर', 'भावना' और 'अंगारे' जैसी फिल्मों में भी अपनी आवाज दी।
"मां के पेट में ही सुन लिए थे सुर"
कविता ने कहा, "बच्चों में अपने माता-पिता के संस्कार और खूबियां स्वाभाविक रूप से आती हैं। मैं बचपन से गा रही हूं, क्योंकि मेरे आसपास हमेशा संगीतमय माहौल रहा। मेरी मां के सुर मेरे कानों पर पड़े। पिता (अरुण पौडवाल) हारमोनियम बजाते थे।" वह कहती हैं, "उस माहौल को मैंने अपनी मां के पेट में ही महसूस कर लिया था। मेरे सिंगर बनने की एक बड़ी वजह भी शायद यही रही। बाकी तो सब नसीब और मेहनत का खेल है।"
कैसा रहा दिग्गज गायकों के साथ काम करने का अनुभव?
कविता खुद को खुशनसीब मानती हैं कि उन्हें कई बेहतरीन गायकों संग गाने का मौका मिला। हाल ही में उन्होंने पंकज उदास के साथ मराठी गजल रिकॉर्ड की। वह कहती हैं कि भले ही पंकज उनसे सीनियर हैं, लेकिन उन्होंने यह अहसास बिल्कुल नहीं कराया कि वह इतने अनुभवी और उम्दा कलाकार हैं। कविता ने कहा, "सोनू निगम से लेकर जावेद अली और शान सभी के साथ काम करने का अनुभव शानदार रहा और कुछ ना कुछ सीखने को मिला।"
पुराने गानों को रीक्रिएट करने के ट्रेंड पर कही ये बात
कविता कहती हैं कि यह बात बिल्कुल अच्छी नहीं लगती कि केवल पुराने गानों को नया बनाकर दर्शकों के बीच परोसा जा रहा है। ओरिजनल गाने कहा हैं? हालांकि, दर्शकों को यही पसंद भी आ रहा है। यह सफलता की गारंटी बन गया है। उनके मुताबिक, अब गानों पर ध्यान नहीं दिया जाता। सिर्फ और सिर्फ उनके विजुअल्स पर फोकस किया जाता है। ओरिजनल गानों के साथ जरूरत से ज्यादा छेड़छाड़ कर उन्हें पूरी तरह से तोड़-मरोड़ देना गलत है।
लाइव परफॉर्म कर खुश हैं कविता
अपने नए प्रोजेक्ट के बारे में कविता का कहना है कि उनके खुद के गाने रिकॉर्ड होते रहते हैं, जिन्हें अलग-अलग कंपनिया रिलीज करती हैं। हाल-फिलहाल में तो उन्होंने पंकज उदास के साथ ही काम किया था। जल्द ही वह कुछ नया लेकर आ सकती हैं। कविता इन दिनों लाइव कॉन्सर्ट कर बहुत खुश हैं, क्योंकि दो साल बाद उन्हें दर्शकों के सामने लाइव परफॉर्म करने का मौका मिला है और उन्हें सभी से खूब प्यार मिल रहा है।
"मां के साथ अपनी तुलना कभी नहीं की"
कविता ने कहा, "माना कि अपने माता-पिता की बदौलत मुझे इंडस्ट्री में ब्रेक मिला, जिसे आजकल नेपोटिज्म कहते हैं। हालांकि, सच यह है कि ब्रेक मिल जाता है, लेकिन आगे का सफर आपको खुद तय करना होता है। अगर आप सफल नहीं हैं तो कोई भी आप पर पैसा नहीं लगाएगा।" उन्होंने कहा, "मैंने अपनी मां के करियर से कभी अपनी तुलना नहीं की। अगर मैं उनकी कामयाबी देख अपना सफर वहीं खत्म कर दूं तो यह मेरी बेवकूफी होगी।"
भाई आदित्य के निधन पर क्या बोलीं कविता?
अनुराधा के बेटे और कविता के भाई आदित्य पौडवाल का सितंबर 2020 में 35 साल की उम्र में निधन हो गया था। इस बारे में कविता कहती हैं, "आदित्य सिर्फ आठ साल का था, जब हमारे पिता का निधन हुआ। हम दोनों में लगभग 10 साल का अंतर था। उसे कुछ समस्याएं थीं, जो कई लोगों को होती हैं और ठीक हो जाती हैं, लेकिन आदित्य उतना एक्टिव नहीं था। उसका दिमाग बस संगीत पर लगा रहता था।"
रियलिटी शोज पर कही ये बात
कविता कहती हैं, "मैंने दो-तीन रियलिटी शो जज किए हैं। ये स्क्रिप्टेड होते हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि जजों को यह बोला जाता होगा कि आपको बस प्रतियोगी की तारीफ करनी है। मेरा और मेरी मां का ऐसा अनुभव कभी नहीं रहा।" हालांकि, कविता मानती हैं कि TRP के लिए रियलिटी शोज का ज्यादा ध्यान प्रतियोगियों की दर्द भरी कहानी पर हो गया है, जबकि गायकी पर ध्यान दिया जाना चाहिए, जिसके लिए प्रतियोगी उस मंच पर मौजूद है।
बॉलीवुड में वापसी की राह देख रहीं कविता
कविता ने बॉलीवुड में लौटने के बारे में कहा कि अगर उन्हें मौका मिला तो वह बेशक फिल्मों में गाना गाना चाहेंगी। उनके मुताबिक, हर सिंगर की हसरत होती है कि वह किसी अच्छे एक्टर के लिए गाना गाए और उसका गाना हिट हो। उनका कहना है कि हिंदी फिल्मों का आकर्षण और लोकप्रियता का कोई तोड़ नहीं है। कविता को उम्मीद है कि उन्हें बॉलीवुड फिल्मों में फिर सुर लगाने का मौका जरूर मिलेगा। वह इसके लिए तैयार हैं।