#NewsBytesExclusive: भारत में बढ़ी वियरेबल्स की मांग, स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग का फायदा मिलेगा- गिजमोर फाउंडर संजय कलिरोना
भारत टेक प्रोडक्ट्स के लिए दुनिया के सबसे बड़े मार्केट्स में से एक है और पिछले कुछ साल में यहां ट्रेंड्स में बदलाव देखने को मिले हैं। खास तौर से वियरेबल्स चलन में आए हैं और स्मार्टवॉच खरीदने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस बदलाव की वजह और मार्केट पर इसके असर को समझने के लिए न्यूजबाइट्स ने भारतीय टेक ब्रैंड गिजमोर (Gizmore) के फाउंडर संजय कलिरोना से बात की।
गिजमोर के पास है बड़ा प्रोडक्ट पोर्टफोलियो
मार्केट में दो दशक से ज्यादा वक्त बिता चुके संजय कलिरोना ने बताया कि भारतीय मोबाइल मार्केट में चाइनीज कंपनियों के आने के बाद बदलाव आया और गिजमोर की शुरुआत हुई। उन्होंने कहा कि स्मार्ट एक्सेसरीज के मार्केट में जगह बनाने की कोशिश में शुरुआत ऑडियो प्रोडक्ट्स और केबल/चार्जर्स से हुई, लेकिन अब TWS बड्स, वियरेबल्स और IT एक्सेसरीज का बड़ा पोर्टफोलियो कंपनी के पास है। उन्होंने बताया कि गिजमोर पहली बार भारत में कॉलिंग फीचर वाली बजट स्मार्टवॉच लाई।
स्मार्ट बैंड के बाद स्मार्टवॉच बनी लोगों की जरूरत
गिजमोर फाउंडर ने वियरेबल सेगमेंट की शुरुआत को लेकर बताया, "वियरेबल्स में हमने करीब तीन साल पहले कदम रखा और स्मार्ट बैंड के बाद सिंगल टच वाली स्मार्टवॉचेज लेकर आए।" उन्होंने कहा, "कोविड-19 लॉकडाउन में बढ़ी मांग के चलते एक साल के अंदर हमने स्मार्टवॉचेज पर ज्यादा फोकस किया, जो आज सबसे तेजी से बढ़ रहा वैल्यू सेगमेंट बन चुका है।" उन्होंने बताया कि ऑफलाइन के अलावा ऑनलाइन ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर भी गिजमोर ने अपनी मौजूदगी दर्ज की।
कोविड-19 के दौर में बढ़ी स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग
कोरोना वायरस से जुड़ी महामारी आने और चीन के विरोध के दौरान मैन्युफैक्चरिंग में आईं चुनौतियों पर संजय ने कहा, "कोविड-19 से पहले लगभग सभी प्रोडक्ट्स इंपोर्ट होते थे, जिनकी सप्लाई चेन प्रभावित होने से मार्केट प्रभावित हुआ।" उन्होंने कहा, "इसका फायदा यह हुआ कि हमने भारत में मैन्युफैक्चरिंग की शुरुआत की और स्पीकर्स भारत में बनाने लगे।" संजय की मानें तो सरकार की ओर से ड्यूटी बेनिफिट्स देने के चलते स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग बढ़ेगी।
भारत में तैयार हो रहा है मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम
संजय ने बताया कि बीते दो साल में कई भारतीय कंपनियों ने भारत में अपने प्रोडक्ट्स बनाने की शुरुआत की है। उन्होंने कहा, "ढेरों भारतीय ब्रैंड्स अब स्थानीय इकोसिस्टम पर काम कर रहे हैं या फिर इसकी शुरुआत कर रहे हैं। इसके लिए कंपोनेंट्स जरूर चीन से आ रहे हैं, लेकिन फैक्ट्रीज हर तरह के प्रोडक्ट्स भारत में बना रही हैं।" अगले कुछ साल में इसके बेहतर परिणाम मिलने और पड़ोसी देश पर निर्भरता कम होने की उम्मीद है।
भारत में मैन्युफैक्चरिंग का कई स्तर पर फायदा
देश के अंदर नए प्रोडक्ट्स मैन्युफैक्चरिंग का फायदा क्या है, इसपर संजय ने कहा, "सबसे बड़ा फायदा यह है कि प्रोडक्ट्स पर आने वाली कॉस्ट कम की जा सकती है, जिसका असर उसके फाइनल प्राइस पर पड़ता है और कम कीमत के साथ दूसरी कंपनियों को टक्कर देना आसान है।" उन्होंने कहा, "स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग के साथ सप्लाई चेन को बांटा जा सकता है। इसके अलावा भारतीय ब्रैंड्स नए इकोसिस्टम को बेहतर बना सकते हैं और इसमें सुधार कर सकते हैं।"
भारत में इसलिए आया वियरेबल्स का ट्रेंड
संजय ने बताया कि भारत में स्मार्टवॉच और वियरेबल्स का ट्रेंड अचानक नहीं आया और स्वास्थ्य के अलावा फैशन स्टेटमेंट से जुड़ा फैक्टर इसके लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, "कोरोना वायरस महामारी के दौरान लोगों ने स्वास्थ्य और फिटनेस को महत्व दिया और लॉकडाउन के बाद ऐसे प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ी। मांग बढ़ने के चलते इनकी मैन्युफैक्चरिंग तेज हुई और कीमत कम हुई। कम कीमत पर स्मार्ट वियरेबल्स आने के चलते यह मार्केट मजबूत हुआ और नया ट्रेंड सामने आया।"
ब्रैंड ने समझी भारतीय ग्राहकों की जरूरत
संजय ने बताया कि भारतीय ग्राहक कम कीमत में सभी फीचर्स अपने डिवाइस में चाहते हैं और इस 'वैल्यू फॉर मनी' सेगमेंट में सबसे ज्यादा खरीददारी करते हैं। उन्होंने बताया, "आज 1,499 रुपये जितनी कीमत में भी स्मार्टवॉचेज उपलब्ध हैं, लेकिन ग्राहक उसमें भी कॉलिंग और एडवांस्ड फीचर्स की उम्मीद करते हैं।" कीमत कम रखने को लेकर उन्होंने कहा, "हम केवल 2,499 रुपये में कॉलिंग वॉच लेकर आए। हमें ड्यूटी बेनिफिट्स के अलावा बड़े स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग का फायदा मिला।"
न्यूजबाइट्स प्लस
काउंटरपॉइंट रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में पहली बार भारत दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टवॉच मार्केट बना है और इसने 347 प्रतिशत की सालाना बढ़त दर्ज की है। फायर-बोल्ट और नॉइस जैसे भारतीय ब्रैंड्स मार्केट में अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं।
मार्केट के अलावा बड़ा मैन्युफैक्चरर भी बनेगा भारत
डिवाइसेज की मैन्युफैक्चरिंग को लेकर संजय ने बताया कि भारत अब तक सिर्फ बड़ा मार्केट था, लेकिन अब बड़ा मैन्युफैक्चरर भी बनने जा रहा है। उन्होंने कहा, "अगले एक साल में हम भारत में एक इकोसिस्टम तैयार होते देखेंगे। सरकार भी स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग में सहयोग कर रही है और अब इसमें होने वाला लाभ भी दिख रहा है।" गिजमोर फाउंडर ने कहा कि इंपोर्ट मुश्किल होने की वजह से स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग शुरू हुई, अब भविष्य बेहतर नजर आ रहा है।