#NewsBytesExclusive: विदेश मंत्रालय की कमाई के 1,264 करोड़ रुपये निगल गई कोरोना महामारी
कोरोना वायरस महामारी के दौरान देश में हजारों उद्योग-धंधे ठप हो गए और लाखों लोग बेरोजगार हुए। इसी तरह भारत का विदेश मंत्रालय भी इस वायरस के कोप से नहीं बच पाया। महामारी के दौर में लॉकडाउन और यात्रा प्रतिबंध होने से विदेश मंत्रालय की पासपोर्ट सेवा लगभग थम गई थी। ऐसे में यह वायरस पासपोर्ट सेवा के जरिए साल 2020 में विदेश मंत्रालय को होने वाली 1,264 करोड़ रुपये की संभावित कमाई को चट कर गया।
2019 की तुलना में कम बने 81 लाख पासपोर्ट
विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, कोरोना महामारी के कारण बीते साल भारत और विदेशों में बनने वाले भारतीय पासपोर्ट की संख्या साल 2019 की तुलना में 81,40,003 कम रही। 2019 में भारत और उसके विदेशी दूतावासों से कुल 1,18,58,703 पासपोर्ट जारी किए गए थे, लेकिन साल 2020 में महामारी के कारण इनकी संख्या घटकर 37,54,700 रह गई। ऐसे में मंत्रालय की पासपोर्ट के जरिए होने वाली कमाई भी धीमी हो गई।
भारत में कम बने 78.48 लाख पासपोर्ट
डाटा के अनुसार, विदेश मंत्रालय ने 2019 में भारत में 1,11,18,307 पासपोर्ट जारी किए, जो 2020 में 78,48,048 घटकर 32,70,259 रह गए। इसी तरह 2019 में विदेशों में स्थित दूतावासों से 7,40,369 पासपोर्ट जारी हुए थे, लेकिन बीते साल यह संख्या घटकर 4,84,441 रह गई।
पासपोर्ट सेवा से इस तरह होती है विदेश मंत्रालय को कमाई
भारतीय नागरिकों को पासपोर्ट जारी करने के लिए विदेश मंत्रालय की ओर से निर्धारित फीस ली जाती है। भारत में किसी भी राज्य से पासपोर्ट बनवाने के लिए लोगों को सामान्य पासपोर्ट के लिए 1,500 रुपये और तत्काल के लिए 3,000 रुपये फीस चुकानी होती है। इसी तरह विदेशों में भारतीय दूतावासों से पासपोर्ट बनवाने के लिए लोगों को सामान्य के लिए 3,000 रुपये और तत्काल के लिए 5,000 रुपये फीस चुकानी होती है। यही विदेश मंत्रालय की कमाई है।
पासपोर्ट में आई कमी से विदेश मंत्रालय को हुआ 1,264 करोड़ का नुकसान
पासपोर्ट में आई कमी के कारण विदेश मंत्रालय को 2020 में करीब 1,264 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। भारत में एक सामान्य पासपोर्ट बनवाने की फीस 1,500 रुपये और विदेश में दूतावास से पासपोर्ट बनवाने की फीस 3,000 रुपये है। ऐसे में महामारी के कारण भारत में कुल 78,48,048 पासपोर्ट की कमी आने से मंत्रालय को करीब 1,177 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसी तरह विदेशों में 2,91,955 पासपोर्ट कम बनने से 87 करोड़ का नुकसान हुआ है।
महाराष्ट्र और केरल में आई पासपोर्ट में सबसे ज्यादा कमी
उपलब्ध डाटा के अनुसार, साल 2020 में भारत के महाराष्ट्र में पासपोर्ट सेवा में भारी कमी आई है। यहां साल 2019 में 12,96,536 पासपोर्ट जारी किए गए थे, लेकिन कोरोना महामारी से सबसे अधिक प्रभावित होने के कारण 2020 में यहां महज 3,58771 पासपोर्ट ही जारी किए गए। ऐसे में राज्य में 9,37,765 पासपोर्ट कम जारी हुए। इसी तरह केरल में 2019 में 11,92,868 पासपोर्ट जारी किए गए थे, लेकिन 2020 में इनकी संख्या 8,35,904 गिरकर 3,56,964 पर आ गई।
इन राज्यों में भी आई भारी कमी
तमिलनाडु में साल 2019 में 10,45,795 पासपोर्ट जारी किए गए थे, लेकिन 2020 में यह संख्या 7,68,281 की कमी के साथ 2,77,514 पर आ गई। इसी तरह पंजाब में 2019 में 9,46,797 पासपोर्ट जारी किए गए थे, जो 2020 में 6,76,490 की कमी के साथ 2,73,307 पर आ गए। उत्तर प्रदेश में 2019 में 9,87,091 पासपोर्ट बने थे, जो 6,70,189 की कमी के साथ 3,16,902 पर आ गए। इसी तरह गुजरात में 8,38,071 से गिरकर 2,38,005 ही रह गए।
यहां आई सबसे कम गिरावट
कोरोना महामारी के बाद भी पासपोर्ट की संख्या में सबसे कम कमी लक्षद्वीप में आई। यहां साल 2019 में कुल 2,128 पासपोर्ट जारी हुए थे, जो 2020 में 1,427 की कमी के साथ 701 पर आ गए। इसी तरह अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में 1,884, दादर नागर हवेली में 2,167, दमन और दीव में 3,919, अरुणाचल प्रदेश में 3,781, मिजोरम में 4,582, नागालैंड में 4,413 और मेघायल में 7,080 पासपोर्ट की कमी आई है।
राजधानी दिल्ली में यह रही पासपोर्ट जारी होने की स्थिति
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली भी कोरोना वायरस महामारी से खासी प्रभावित रही है। यहां महामारी की तीन लहर आ चुकी है। ऐसे में यहां के कामकाज की खासे प्रभावित रहे। पासपोर्ट की बात करें तो यहां साल 2019 में 4,72,743 लोगों ने पासपोर्ट बनवाए थे, लेकिन 2020 में महामारी के कारण यहां 1,34,603 पासपोर्ट ही जारी किए गए हैं। ऐसे में राजधानी में पासपोर्ट बनवाने वालों की संख्या में 3,38,140 की कमी आई है।