
'मिस्टर एंड मिसेज माही' रिव्यू: राजकुमार राव-जाह्नवी कपूर ने जीता दिल, निर्देशक ने लगाए चौके-छक्के
क्या है खबर?
अभिनेता राजकुमार राव इस महीने में अपनी दूसरी फिल्म 'मिस्टर एंड मिसेज माही' लेकर दर्शकों के बीच पहुंचे हैं। इस बार उनका साथ देने के लिए जाह्नवी कपूर ने फिल्म में अपने अभिनय का तड़का लगाया है।
भारतीयों के दिलों में क्रिकेट और सिनेमा को लेकर हमेशा से ही उत्साह देखने को मिला है। अब सोचिए अगर ये दोनों एक-साथ आ जाएं तो दर्शकों को कैसा लगेगा?
इसका जवाब शरण शर्मा निर्देशित यह आज (31 मई) रिलीज हुई फिल्म देगी।
कहानी
क्रिकेट के इर्द-गिर्द बुनी एक प्रेम कहानी
'मिस्टर एंड मिसेज माही' महेंद्र अग्रवाल (राजकुमार) की कहानी है, जो क्रिकेटर बनने का सपना संजोए है, लेकिन राज्य की टीम से बाहर होने के बाद उसके सपने चकनाचूर हो जाते हैं।
उसके पिता (कुमुद मिश्रा) उसे अपनी खानदानी दुकान पर बैठा देते हैं, जहां बैठकर उसे आत्मगिलानी महसूस होती है। महेंद्र के जीवन में फिर से बहार तब आती है, जब महिमा (जाह्नवी) से उसकी शादी होती है।
वह दोबारा उसके जीवन में रंग भरने का काम करती है।
विस्तार
अहंकार से बिगड़ेगा सपनों का खेल?
महेंद्र और महिमा के नामों से परे, जो उन्हें एक साथ बांधता है वह क्रिकेट है। महिमा भी अपने पिता के दबाव में डॉक्टरी कर रही है, लेकिन उसमें भी क्रिकेट का जुनून है।
महेंद्र, महिमा की प्रतिभा को पहचानता है और उसका कोच बन जाता है, लेकिन फिर अहंकार आता है। अह सवाल उठता है क्या पति-पत्नी का झगड़ा उनके सपनों को क्लीन बोल्ड करेगा या क्रिकेट खेलने का सपना पूरा होगा?
इसका जवाब फिल्म देखने के बाद मिलेगा।
अभिनय
पर्दे पर छाए राजकुमार और जाह्नवी
राजकुमार ने बहुमुखी प्रतिभा दिखाई है। जहां आप उनके गुस्से से जुड़ते हैं, वहीं उनका अहंकार सवाल खड़े करता है। राजकुमार ने एक जटिल किरदार को सहजता से निभाया है।
जाह्नवी ने महिमा के किरदार में चार चांद लगाए। बेहतरीन डॉक्टर से जादुई क्रिकेटर बनने का उनका सफर बेमिसाल रहा। उनकी मेहनत पर्दे पर साफ झलकती है।
सच कहें तो जाह्नवी फिल्म की पिच पर अपने अभिनय से फ्रंट पर बल्लेबाजी करती दिखीं और इसकी असली हीरो बनकर उभरती हैं।
जानकारी
सहायक कलाकारों का भी धमाल काम
फिल्म की कहानी में सहायक कलाकारों का भी बड़ा योगदान रहा। कुमुद और राजेश शर्मा ने अपने अभिनय से अपने किरदारों में जान डालने का काम किया है। कहना होगा उन्होंने कमाल किया है। जरीना वहाब भी अपने किरदार में खूब जंची हैं।
निर्देशन
निर्देशन में शरण का छक्का
निर्देशक शरण का क्रिकेट के प्रति जुनून, समझ और प्यार 'मिस्टर एंड मिसेज माही' में स्पष्ट रूप से झलकता है। उन्होंने खेल को सहजता से एक प्यारी और सरल प्रेम कहानी में पिरोया है, जो आस-पड़ोस में ढूंढना बहुत मुश्किल नहीं है।
उन्होंने कहानी को जिस ढंग से कहा है वह भावनाओं और खेल का संतुलित मिश्रण है।
लेखक निखिल मेहरोत्रा के साथ, शरण ने कई छक्कों और चौकों से भरपूर मनोरंजन से भरा अपना मैच आयोजित किया है।
जानकारी
क्रिकेट की सहायता से निर्देशक ने बुना प्रेम-रिश्तों का ताना-बाना
'मिस्टर एंड मिसेज माही' का प्रचार यूं तो स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म के रूप में किया गया, पर सच्चाई अलग है। क्रिकेट इस कहानी का एक सहायक चरित्र है, जो उसे अलग स्तर पर ले जाता है। ये कहानी प्रेम, त्याग, घमंड और अहंकार की है।
चमक
इस मुद्दे से और चमकी फिल्म
क्रिकेट और प्रेम कहानी से परे, 'मिस्टर एंड मिसेज माही' में एक ऐसे बेटे की यात्रा दिखाई गई है, जो अपने माता-पिता से मान्यता और प्यार पाने के लिए संघर्ष करता है।
फिल्म में माता-पिता की अपने बच्चों से दबावपूर्ण अपेक्षाओं के मुद्दे को भी शानदार ढंग से उठाया गया है। ऐसी अपेक्षाएं माता-पिता हमारे भारत के हर घर में देखने को मिलती हैं।
ऐसे में यह फिल्म उन बच्चों की आवाज भी बनती है।
जानकारी
'अभिमान' की देखने मिली झलक
फिल्म का दूसरा भाग आते-आते आपको अमिताभ बच्चन और जया बच्चन की 80 के दशक में आई फिल्म 'अभिमान' याद आती है। शरण ने हृषिकेश मुखर्जी की इस फिल्म से भावनाएं लेकर अपनी 'मिस्टर एंड मिसेज माही' की कहानी को सींचा है।
कमियां
यहां खली कमी
'मिस्टर एंड मिसेज माही' का पहला भाग बहुत धीमी गति से आगे बढ़ता है और इसकी कहानी को स्थापित होने में बहुत समय लगाता है।
संघर्ष किसी भी कहानी का सबसे दिलचस्प हिस्सा होता है, जो बहुत महत्वपूर्ण भी होता है और यह फिल्म में काफी देर से आता है और बहुत कम समय तक चलता है।
फिल्म में कुछ ऐसी चीजों का सहारा लिया है, जो पिछले कई सालों से सिनेमा में दिखाई जाती रही हैं।
जानकारी
संगीत ने किया निराश
करण जौहर द्वारा निर्मित फिल्म में बहुत से संगीतकारों और गायकों ने मिलकर काम किया है। इसके बाद भी वह कहानी के साथ फिट नहीं हो पाते हैं। आलम यह है कि कोई भी गाना दिलो-दिमाग पर नहीं चढ़ता। ऐसे में इसका संगीत विफल रहा।
निष्कर्श
देखें या ना देखें?
क्यों देखें?- शरण ने सिनेमा के दीवानों के लिए 'मिस्टर एंड मिसेज माही' में पिच पर होने वाली दिलचस्प चीजों से लेकर प्यार तक का रस घोला है। ऐसे में यह मनोरंजन का फुल डोज है।
क्यों ना देखें?- अगर आप गर्मी में घर से बाहर निकलने से बच रहे हैं और आपको प्रेम कहानियों में कम दिलचस्पी है तो आप 2 घंटे 18 मिनट लंबी इस फिल्म से दूरी बना सकते हैं।
न्यूजबाइट्स स्टार- 3.5/5