'तेजस' रिव्यू: कंगना रनौत की फिल्म की कहानी कमजोर, VFX ने भी बिगाड़ा खेल
क्या है खबर?
कंगना रनौत की देशभक्ति से लबरेज फिल्म 'तेजस' ने आज (27 अक्टूबर) सिनेमाघरों का दरवाजा खटखटा दिया है।
इस फिल्म में कंगना पहली बार भारतीय वायुसेना के पायलट के किरदार में नजर आई हैं, जिसे देखने के लिए प्रशंसक काफी उत्सुक थे।
सर्वेश मेवाड़ा द्वारा लिखित और निर्देशित यह फिल्म ट्रेलर सामने आने के बाद से ही चर्चा में बनी हुई थी।
आइए जानते हैं कि कंगना की यह फिल्म उम्मीदों पर खरा उतरती है या नहीं।
कहानी
तेजस के वायुसेना में भर्ती होने की कहानी
'तेजस' की कहानी तेजस गिल (कंगना) की है, जिसके पिता रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) में थे। उसने बचपन में लड़ाकू विमान तेजस बनते हुए देखा और भारतीय वायुसेना में जाने का मन बना लिया।
एक ओर तेजस अपने सपने को पूरा करने की कोशिश में लग जाती तो उसे एक गायक (वरुण मित्रा) से प्यार हो जाता है।
हालांकि, दोनों का प्यार मुकम्मल नहीं हुआ और मुंबई का 26/11 हमला तेजस की जिंदगी में तूफान ले आता है।
कहानी
पाकिस्तान के खिलाफ मिला मिशन का जिम्मा
तेजस की निजी जिंदगी में उथल-पुथल होती है, लेकिन उसका देशभक्ति का जुनून कम नहीं होता।
इसी वजह से उसके जज्बे को देखकर अफसर कहते हैं, "अगर काम आसान हो तो उसे मत देना, हां जिस मिशन को कोई न कर सके वह तेजस को ही देना।"
इसी बीच पाकिस्तान से एक जासूस को भारत लाने का मिशन आता है, जिसका दाव तेजस पर ही लगता है।
अब कहानी इसी के आगे की है कि कैसे तेजस इसमें सफल होगी।
अभिनय
ऐसा रहा सितारों का अभिनय
बेशक कंगना एक बेहतरीन अदाकारा हैं और 'तेजस' में अपने किरदार को निभाने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है, लेकिन इसके बावजूद भी वह अपनी अदाकारी से कोई खास कमाल नहीं कर पाई हैं।
दूसरी ओर तेजस की जोड़ीदार आसीफा अली के किरदार में नजर आई अंशुल चौहान अपनी भूमिका के साथ न्याय करती हैं।
आशीष विद्यार्थी रौबदार अफसर के किरदार में खूब जचते हैं तो वरुण का प्रदर्शन भी अच्छा लगता है।
प्रदर्शन
कहानी और VFX बने फिल्म की कमजोर कड़ी
'तेजस' की कहानी में कुछ भी नयापन महसूस नहीं होता और वही कई बार पर्दे पर दिख चुका पाकिस्तान के खिलाफ एक मिशन नजर आता है।
यूं तो फिल्म की अवधि 2 घंटे से कम की है, लेकिन इसका पहला भाग काफी उबाऊ है। किरदारों को गढ़ने में यह काफी समय लिया है।
हालांकि, दूसरे भाग में रफ्तार तेज होती है, पर VFX कमजोर कड़ी बन जाते हैं। फिल्म में दिखे हवाई करतब रोमांच बढ़ाने की बजाए बचकाना हैं।
निर्देशन
सर्वेश का लेखन और निर्देशन रहा औसत
सर्वेश 'तेजस' की कहानी को बेहतरीन ढंग से दर्शाने में कामयाब नहीं हो सके।
फिल्म शुरुआत से ही इसकी अंत की ओर इशारा कर देती है, जिस वजह से यह दर्शकों के बीच रोमांच पैदा नहीं कर पाती।
निर्देशक ने कंगना जैसी शानदार अभिनेत्री के साथ भारतीय वायुसेना जैसे एक अच्छे विषय को पर्दे पर लाने के लिए चुना था, लेकिन कमजोर कहानी ने इसकी नैया डुबा दी।
भारतीय वायुसेना इससे कहीं ज्यादा अच्छी कहानी की हकदार है।
जानकारी
संगीत लगा शानदार
'तेजस' को संगीत शाश्वत सचदेव ने दिया है, जो शानदार लगता है। फिल्म का गाना 'दिल है रांझणा' देशभक्ति की भावना को बखूबी दर्शाता है तो अरिजीत सिंह की आवाज से सजा गाना 'जान दा' दिल को छू जाता है।
निष्कर्ष
देखें या न देखें?
क्यों देखें?- अगर आप कंगना के प्रशंसक हैं और उन्हें काफी समय से पर्दे पर देखने का इंतजार कर रहे हैं तो फिल्म को देखा जा सकता है। इसके अलावा अंशुल के शानदार अभिनय के लिए इसे एक मौका दे सकते हैं।
क्यों न देखें?- फिल्म की कहानी में नयापन नहीं है। ऐसे में सिनेमाघरों में अपने समय को बर्बाद न करके आप इसके OTT प्लेटफॉर्म पर आने का इंतजार भी कर सकते हैं।
न्यूजबाइट्स स्टार- 2/5