एआर रहमान को आते थे आत्महत्या के ख्याल, संगीतकार ने खुलकर की अपनी जिंदगी पर बात
भारतीय संगीत जगत के दिग्गज संगीतकार एआर रहमान अक्सर खबरों में बने रहते हैं। पिछले दिनों अपने चेन्नई कॉन्सर्ट में हुए हंगामे को लेकर सुर्खियों में रहे रहमान एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार संगीतकार के खबरों में आने की वजह उनके द्वारा अपने जीवन के बारे में खुलकर की गई बातचीत है। हाल ही में एक कार्यक्रम में रहमान ने आध्यात्मिकता के साथ अपने रिश्ते और उनके दिमाग में आए आत्महत्या के ख्याल पर बात की।
आध्यात्मिकता सबका अपना विश्वास
रहमान नेऑक्सफोर्ड यूनियन डिबेटिंग सोसाइटी के छात्रों को संबोधित किया, जिन्होंने उनसे उनके जीवन और करियर के बारे में सवाल पूछे। एक छात्र ने पूछा कि वह अध्यात्मिकता पर ज्यादा बात क्यों नहीं करते? रहमान बोले, "सभी का बुरा वक्त होता है। दुनिया में एक छोटी यात्रा है। हम पैदा हुए हैं, हम जाएंगे भी। यह हमारे लिए कोई स्थायी जगह नहीं है। हम कहां जा रहे हैं, नहीं जानते। यह हर व्यक्ति की अपनी कल्पना-विश्वास पर निर्भर करता है।"
रहमान की मां की सलाह
रहमान ने आगे कहा, "जब मैं छोटा था तो मेरे मन में आत्महत्या के विचार आते थे तो मेरी मां ने कहा था कि जब आप दूसरों के लिए जिएंगे तो ये विचार आपके मन में नहीं आएंगे।" उन्होंने कहा, "यह मेरी मां की सबसे खूबसूरत सलाहों में से एक है। जब आप दूसरों के लिए जीते हैं और आप स्वार्थी नहीं होते हैं तो आपके जीवन का एक अर्थ होता है। मैंने इसे बहुत गंभीरता से लिया।"
ये चीजें रहमान को करती हैं प्रेरित
रहमान के अनुसार, चाहे आप किसी के लिए रचना कर रहे हों, किसी चीज के लिए लिख रहे हों, किसी ऐसे व्यक्ति के लिए भोजन खरीद रहे हों या आप किसी को देखकर मुस्कुरा रहे हों, ये ऐसी चीजें हैं, जो हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। वह बोले, "हमें अपने भविष्य के बारे में सीमित ज्ञान है। यदि आपके पास ये सभी चीजें हैं और आशा है तो यही आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।"
शिक्षक बनकर भी योगदान देना चाहते हैं रहमान
रहमान ने कहा कि वह अन्य लोगों से प्रेरित हैं और उनके और उनकी रुचियों के बारे में हमेशा उत्सुक रहते हैं। उनका मानना है कि वह न केवल अपने संगीत के माध्यम से, बल्कि एक शिक्षक बनकर और युवा पीढ़ी को सलाह देकर भी समाज में योगदान दे सकते हैं। बता दें, संगीतकार का जन्म हिंदू परिवार में दिलीप कुमार के रूप में हुआ था। हालांकि, उन्होंने 1980 के दशक में इस्लाम धर्म अपना लिया था।
न्यूजबाइट्स प्लस
सुरों के बादशाह कहलाने वाले रहमान ने मणिरत्नम की फिल्म 'रोजा' के लिए पहली बार संगीत तैयार किया था, जिसके लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला था। रहमान ने दो बार ऑस्कर भी अपने नाम किया है। वह 6 राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल कर चुके हैं।