विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस: इन तरीकों से परीक्षा या पढ़ाई की चिंता से निपटें छात्र
छात्रों में परीक्षा की चिंता को लेकर मानसिक बीमारी सबसे अधिक देखी जाती है। हाल ही में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) द्वारा किए गए राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार, सर्वेक्षण में शामिल 81 प्रतिशत छात्रों को पढ़ाई, परीक्षा और परिणामों के कारण चिंता का सामना करना पड़ा। आज के समय में माता-पिता अपनी व्यस्त जीवनशैली के चलते बच्चों पर ध्यान नहीं दे पाते हैं, ऐसे में बच्चों के मन में क्या चल रहा है, ये समझना जरूरी है।
छात्रों में चिंता के क्या लक्षण दिखाई देते हैं?
परीक्षा के दौरान छात्रों में चिंता के कुछ सामान्य लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे नींद न आना, चिड़चिड़ापन, मिजाज खराब होना, भूख न लगाना, चाय/कॉफी का अधिक सेवन, धूम्रपान, घबराहट, सीने में दर्द, सिरदर्द और उल्टी आदि शामिल है। अगर आप एक छात्र हैं या आपके घर में बच्चे हैं तो हम आपको विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करने के लिए कुछ जरूरी टिप्स बताएंगे।
अपने लक्ष्य निर्धारित करें
सबसे पहले यह जरूरी है कि आप अपना लक्ष्य निर्धारित करें और अध्ययन कार्यक्रम की योजना बनाएं, जिसमें पढ़ाई के साथ-साथ रिवीजन के लिए भी समय होना चाहिए। अपना लक्ष्य निर्धारित करना महत्वपूर्ण है। लक्ष्य प्राप्त करने के लिए छात्रों को योग्य और समयबद्ध होना चाहिए। परीक्षा की तैयारी कब शुरू करें और कब सेल्फ स्टडी करें, इसके लिए समय निर्धारित करें। अधिक से अधिक 'मॉक टेस्ट' हल करें जिससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और चिंता कम होगी।
अपनी भावनाओं पर रखें नियंत्रण
यह अक्सर होता है कि जब आपकी परीक्षा के दिन जैसे-जैसे करीब आते हैं, वैसे-वैसे चिंता बढ़ने लग जाती है। इसलिए अपनी भावनाओं को अपने नियंत्रण में रखें, ताकि चिंता आप पर हावी न हो और आपके लक्ष्यों में किसी तरह का हस्तक्षेप न हो। अगर आपको पढ़ाई के दौरान चिंता करने वाले विचारों को छोड़ना मुश्किल लगता है, तो बेहतर होगा कि आप चिंता की जगह चिंतन का समय निर्धारित कर लें।
खुद का मन शांत रखने का करें अभ्यास
परीक्षा की तैयारी के दौरान अलग-अलग बातों पर आपको गुस्सा आ सकता है, इसके लिए बेहतर होगा कि आप अपने मन और शरीर को शांत रखने के तरीके खोजें। आप योग करें, गहरी सांस लें। इस दौरान अपनी मांसपेशियों को आराम दें और सकारात्मक परिणाम की कल्पना करें। अक्सर परीक्षा की चिंता असफल होने और कम अंक आदि के नकारात्मक विचारों से जुड़ी होती है। खुद को नीचे की ओर गिरने देने के बजाय, अपनी ताकत के बारे में सोचें।
अपनी चिंता को अपने शुभचिंतकों के साथ करें साझा
यह अक्सर होता होगा जब आप अपनी चिंताओं को दूसरों के साथ साझा करने से कतराते होंगे। हालांकि, आप ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। अपने शुभचिंतकों की पहचान करें, आपके शुभचिंतक कोई भी हो सकते हैं, वो आपके मात-पिता, भाई-बहन, शिक्षक या मित्र हो सकते हैं। जब आप अपनी चिंता दूसरों के साथ साझा करेंगे तो आपके दिमाग में दबाव कम होगा और सुखद विचारों के लिए जगह कम होगी।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस हर साल 10 अक्टूबर को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और मानसिक स्वास्थ्य के समर्थन में प्रयास करना है। यह दिवस मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर काम करने वाले लोगों को अपने काम के बारे में बात करने का अवसर प्रदान करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, इस बार इस दिवस की थीम 'मेक मेंटल हेल्थ एंड वेल-बीइंग फॉर ऑल ए ग्लोबल प्राइयॉरिटी' है।