UPSC टॉपर्स की पसंद है समाजशास्त्र विषय, ऐसे तैयारी कर आप भी कर सकते हैं टॉप
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा (CSE) में समाजशास्त्र प्रमुख वैकल्पिक विषय है। UPSC टॉपर सृष्टि जयंत देशमुख, संजीता महापात्रा, जाग्रति अवस्थी, अनु कुमारी, एस नागराजन ने इसी विषय से मुख्य परीक्षा दी थी। यह विषय अभ्यर्थियों के बीच बेहद लोकप्रिय है और इसकी सफलता दर भी अच्छी है। यह विषय सामान्य अध्ययन के पाठ्यक्रम से सबसे अधिक जुड़ा है। आईए मुख्य परीक्षा के लिए समाजशास्त्र वैकल्पिक विषय का पाठ्यक्रम और तैयारी की टिप्स जानते हैं।
क्या है समाजशास्त्र का पाठ्यक्रम?
पेपर 1 में समाजशास्त्र अनुशासन, विज्ञान के रूप में समाजशास्त्र, अनुसंधान के तरीके और विश्लेषण, समाजशास्त्रीय विचारक, स्तरीकरण और गतिशीलता, कार्य और आर्थिक जीवन, राजनीति और समाज, धर्म और समाज, रिश्तेदारी की व्यवस्था तथा आधुनिक समाज में सामाजिक परिवर्तन के बारे में पढ़ना होगा। पेपर 2 में भारतीय समाज का परिचय, भारतीय समाज के अध्ययन पर परिप्रेक्ष्य, सामाजिक संरचना, जाति व्यवस्था, जनजातीय समुदाय, सामाजिक वर्ग, सामाजिक परिवर्तन, औद्योगिकीकरण और शहरीकरण, राजनीति और समाज, सामाजिक परिवर्तन चुनौतियां जैसे विषय शामिल हैं।
कौनसी किताबें पढ़ें?
समाजशास्त्र की तैयारी के लिए कक्षा 11 और कक्षा 12 की NCERT किताबें और IGNOU के नोट्स पढ़ें। इसके बाद माइकल हरलांबोस, मार्टिन होलबोर्न की सोशियोलॉजी थीम्स एंड पर्सपेक्टिव्स, एंथोनी गिडेंस की समाजशास्त्र, जॉर्ज रिट्जर की समाजशास्त्रीय सिद्धांत, राम आहूजा की भारत में समाजः अवधारणाएं, सिद्धांत और हालिया रुझान, योगेंद्र सिंह की भारतीय परंपरा का आधुनिकीकरण, एआर देसाई की भारतीय राष्ट्रवाद की सामाजिक पृष्ठभूमि, एमवी राव की जनजातीय भारत में दृढ़ता और परिवर्तन जैसी किताबों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
पेपर 1 के लिए महत्वपूर्ण हैं ये टॉपिक
UPSC के पिछले सालों के प्रश्नपत्र देखें तो सबसे ज्यादा सवाल विचारकों से पूछे जाते हैं। उम्मीदवार 6 विचारक एमिल दुर्खीम, कार्ल मार्क्स, टैल्कॉट पार्सन्स, मैक्स वेबर, हर्बर्ट मीड और रॉबर्ट मर्टन के सिद्धांतों और विचारों को विस्तार से कवर करें। धर्म और समाज में धार्मिक प्रथाएं, रिश्तेदारी व्यवस्था (पितृसत्ता, लैंगिक विभाजन), सामाजिक परिवर्तन, स्तर-विन्यास से भी कई सवाल पूछे जाते हैं। उम्मीदवार समाजशास्त्र की बुनियादी अवधारणों को पढ़ें। सामाजिक आंदोलन के हिस्से को प्रमुखता से कवर करें।
पेपर 2 के लिए महत्वपूर्ण हैं ये टॉपिक
पेपर 2 में भारत में जाति प्रथा, जनजातीय समुदाय, धर्म और समाज, औद्योगिकीकरण और शहरीकरण, औपनिवेशिक शासन का प्रभाव, ग्रामीण और कृषि परिवर्तन, सामाजिक परिवर्तन की चुनौतियां और जनसंख्या में गतिशीलता जैसे मुद्दे महत्वपूर्ण हैं। पेपर 2 में अधिकांश प्रश्न ताजा घटनाओं के बारे में होते हैं, ऐसे में प्रतिदिन अखबार पढ़ें। महिला मुद्दे, जाति-आधारित, आदिवासी मुद्दे, भारतीय समाज से संबंधित विषयों को तैयार करें। मनोविज्ञान, कार्यस्थल पर सोशल, पर्यावरण आंदोलन, किसान आत्महत्या संबंधी मुद्दों को कवर करें।
उत्तर लेखन करते समय ध्यान रखें ये बातें
अन्य विषयों की तरह समाजशास्त्र में भी उत्तर लेखन बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। इसमें सटीक उत्तर नहीं लिख सकते हैं। ऐसे में प्रत्येक उत्तर के लिए पृष्ठभूमि तैयार करनी होती है। उम्मीदवार प्रतिदिन उत्तर लेखन करें। उत्तरों में विचारकों की परिभाषाएं जरूर लिखें। उत्तर में प्रासंगिक और वर्तमान तथ्य, आंकड़े, केस स्टडी, रिपोर्ट और आयोग की सिफारिशों का वर्णन करें। उत्तर प्वाइंट्स में लिखें और फ्लोचार्ट व डायग्राम बनाएं। बेहतर उत्तर लिखने के लिए नोट्स बनाना भी महत्वपूर्ण है।
टॉपिकों को जोड़ कर पढ़ें
समाजशास्त्र के पाठ्यक्रम में विभिन्न अध्यायों की अवधारणाएं है, जो एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं। ऐसे अध्यायों को एक साथ पढ़ें, जैसे सामाजिक स्तरीकरण के सिद्धांत को राजनीति और समाज के साथ पढ़ें। विभिन्न सिद्धांतों को समझने के बाद मूल परिभाषाओं को याद करें। पेपर 1 समाजशास्त्र के सिद्धांतों पर केंद्रित है और पेपर 2 भारतीय समाज पर क्रेंदित है। पेपर 2 गतिशील भाग है। ऐसे में सभी टॉपिकों को करेंट अफेयर्स के साथ जोड़कर पढ़ना जरूरी है।