UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए कैसे पढ़ें इतिहास? जानिए जरुरी टॉपिक और किताबें
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा में इतिहास, राजनीति, अर्थशास्त्र से संबंधित सवाल पूछे जाते हैं। इतिहास विषय प्रारंभिक परीक्षा के पाठ्यक्रम का महत्वपूर्ण भाग है। सामान्य अध्ययन के पेपर 1 में पूछे गए प्रश्नों का बड़ा हिस्सा इतिहास से आता है। कई उम्मीदवार इतिहास में कठिनाई महसूस करते हैं, लेकिन सही रणनीति के साथ तैयारी करें तो अच्छे अंक पा सकते हैं। यहां जानिए UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए इतिहास की तैयारी के टिप्स।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए कौन-सा भाग है जरूरी?
UPSC CSE परीक्षा के लिए इतिहास का वर्गीकरण 3 भागों में किया गया है- प्राचीन भारत, मध्यकालीन भारत और आधुनिक भारत। ये तीनों खंड प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा में उपयोगी हैं। प्रारंभिक परीक्षा में अधिकतर प्राचीन भारतीय इतिहास और आधुनिक भारतीय इतिहास से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं। मुख्य परीक्षा के लिए तीनों ही भाग जरूरी हैं। अगर आप प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो आधुनिक भारत और प्राचीन भारत के टॉपिक को अच्छी तरह पढ़ें।
कौन-सी किताबों से पढ़ें इतिहास?
इतिहास की तैयारी की शुरुआत NCERT किताबों से करें। सतीश चंद्र द्वारा लिखित NCERT कक्षा 11 की मध्यकालीन भारत, NCERT कक्षा 12 इतिहास (भारतीय इतिहास के कुछ विषय) के तीनों भाग पढ़ें। NCERT पढ़ने के बाद आधुनिक भारत के लिए विपिन चंद्र की भारत का स्वतंत्रता संघर्ष, आधुनिक भारत का इतिहास पढ़ें। राजीव अहीर की स्पेक्ट्रम भारत का इतिहास भी अच्छी किताब है। प्राचीन भारत के लिए आरएस शर्मा की भारत का प्राचीन इतिहास पढ़ें।
प्राचीन और मध्यकालीन भारत में क्या-क्या पढ़ें?
प्राचीन भारत में सिंधु घाटी सभ्यता, ऋग वैदिक काल, जैन धर्म, बौद्ध धर्म, महाजनपद, मौर्य साम्राज्य जैसे चंद्रगुप्त, बिंदुसार, अशोक का शासन, मौर्यो के बाद भारत पढ़ना होगा। गुप्त काल में महत्वपूर्ण विदेशी यात्रियों की यात्रा, उनका प्रशासन, हर्षवर्धन, संगम काल पढ़ना होगा। मध्यकालीन भारत में भक्ति और सूफी आंदोलन, राष्ट्रकूट, भारतीय सामंदवाद, चालुक्य, पल्लव, पलास, पानीपत का युद्ध, दिल्ली सल्तनत (खिलजी वंश, तुगलक वंश), जहांगीर, औरंगजेब, शिवाजी, पेशवा का शासन, मुस्लिम आक्रमण आदि टॉपिक पढ़ने होंगे।
आधुनिक भारत के कौन-से टॉपिक हैं जरूरी?
आधुनिक भारत में पुर्तगाली, डच, डेन, अंग्रेज, फ्रांसीसी का आगमन, कर्नाटक युद्ध, आंग्ल माराठा युद्ध, चार्टर एक्ट, भू-राजस्व प्रणाली, 1857 का विद्रोह (कारण और प्रभाव) पढ़ना जरुरी है। इसके अलावा प्रमुख किसान आंदोलन, मोंटफोर्ड सुधार, प्रेस एक्ट, सामाजिक सुधार आंदोलन, राष्ट्रीय कांग्रेस, स्वदेशी आंदोलन, अगस्त प्रस्ताव, चंपारण, खेड़ा जैसे प्रमुख सत्याग्रह, कांग्रेस के अधिवेशन, भारत छोड़ो आंदोलन, महात्मा गांधी आदि महत्वपूर्ण टॉपिक हैं। भारत के प्रमुख गवर्नर जनरल और वायसराय, माउंबेटन योजना और प्रमुख व्यक्तियों के बारे में पढ़ना चाहिए।
इतिहास पढ़ते समय ध्यान रखें ये बातें
इतिहास के लिए शॉर्ट नोट्स बनाना सबसे अच्छा है। नोट्स में प्रमुख युद्ध, आंदोलन, संधि-समझौते, एक्ट आदि लिखें और इनका रिवीजन करें। इतिहास में केवल रटने से काम नहीं बनेगा, पिछले कुछ सालों के पेपर देखें तो तथ्यात्मक प्रश्न ज्यादा पूछे गए हैं, इसलिए तथ्यात्मक विवरणों पर ध्यान दें। बहुत ज्यादा पुस्तकें पढ़ने के बजाय सीमित पुस्तकों से पढ़ें और उनका बार-बार रिवीजन करें। इतिहास के कुछ सवाल वर्तमान घटनाओं से जोड़कर पूछे जाते हैं, इसलिए प्रतिदिन अखबार पढ़ें।
पिछले साल के प्रश्नपत्रों का विश्लेषण करें
UPSC के पिछले साल के प्रश्नपत्र उम्मीदवारों के लिए सबसे ज्यादा मददगार होते हैं। इन प्रश्नपत्रों से परीक्षा के पैटर्न और किन टॉपिक के बारे में सबसे ज्यादा सवाल पूछे जा रहे हैं, इसकी जानकारी मिलती है। उम्मीदवार इतिहास की तैयारी करते समय पिछले सालों के प्रश्नपत्रों का विश्लेषण करें, इसी अनुसार इतिहास पढ़ें। इतिहास की तैयारी के साथ मॉक टेस्ट जरूर लगाएं, इससे कमजोर क्षेत्रों के सुधार में मदद मिलेगी। मॉक टेस्ट लगाने से समय प्रबंधन भी मजबूत होगा।