CBSE: किसान के बेटे ने किया 98.2% स्कोर, अमेरिका में पढ़ने के लिए मिली स्कॉलरशिप
अपनी मेहनत और लगन से कोई भी अपने सपने को पूरा कर सकता है। इस बात को उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव के अनुराग तिवारी ने सही साबित कर दिखाया है। किसान परिवार के अनुराग ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की 12वीं की परीक्षा में 98.2 प्रतिशित स्कोर कर अपने परिवार का सर तो गर्व से ऊंचा किया ही है। साथ ही अमेरिका में एक प्रतिष्ठित आइवी लीग यूनिवर्सिटी में अपने प्रवेश के द्वार भी खोले हैं।
मिली 100 प्रतिशत स्कॉलरिशप
लखीमपुर जिले के सरसन गांव के अनुराग तिवारी का कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के लिए चयन हो गया है। जहां वे अर्थशास्त्र में उच्च अध्ययन करेंगे। न्यूयॉर्क की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने के लिए अनुराग को 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप मिली है। यहां उनका प्रवेश सोलोसटिक एडमिशन टेस्ट (SAT) पास करने के बाद बोर्ड परीक्षा में उनके प्रदर्शन पर निर्भर था। अनुराग अब यूनिवर्सिटी द्वारा एक सितंबर से शुरू होने वाली ऑनलाइन क्लासेस का इंतजार कर रहे हैं।
इतिहास और अर्थशास्त्र में आए 100 में से 100 नंबर
यहां तक पहुंचना अनुराग के लिए आसान नहीं था। उनके गांव में बिजली की समस्या है, लेकिन कोई भी परेशानी उन्हें रोक नहीं पाई। वे अपनी मेहनत करते रहे और आज उसका रिजल्ट उनके सामने है। 13 जुलाई को जारी हुए CBSE 12वीं के रिजल्ट के अनुसार अनुराग के गणित में 95 नंबर, अंग्रेजी में 97 नंबर, राजनीतिक विज्ञान में 99 नंबर हैं। इतना ही नहीं अर्थशास्त्र और इतिहास में उन्होंने पूरे 100 नंबर स्कोर किए हैं।
6वीं में पास की थी प्रवेश परीक्षा
अनुराग ने 6वीं क्लास में ही विद्या ज्ञान में प्रवेश के लिए एक प्रवेश परीक्षा पास की थी। विद्या ज्ञान सीतापुर में स्थित ग्रामीण लीडरशिप एकेडमी है, जो उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के उन बच्चों को चुनती है, जिनके पास पढ़ाई के लिए सुविधाएं नहीं होती। अनुराग ने 5वीं क्लास तक अपने गांव के स्कूल से ही पढ़ाई की थी। उनके पिता कमलापति तिवारी एक किसान हैं और मां संगीती तिवारी गृहिणी हैं।
माता-पिता से मिली बड़े सपने देखने की प्रेरणा
अनुराग का कहना है कि उन्हें अपने मेहनती माता-पिता से बड़े सपने देखने की प्रेरणा मिली है। उनकी तीन बड़ी बहनों ने उनका बहुत साथ दिया। वो चाहती हैं कि वे अच्छी शिक्षा प्राप्त करें। बता दें कि अनुराग ने 9वीं क्लास में ही SAT की तैयारी शुरू कर दी थी। SAT में उनके 1600 में से 1370 आए थे। पिछले साल दिसंबर में यूनिवर्सिटी से उन्हें प्रवेश के लिए पत्र आ गया था।
शुरूआत में अंग्रेजी बोलने और समझने में हुई बहुत परेशानी
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार अंग्रेजी में उनकी पकड़ इतनी अच्छी कैसी है? यह पूछे जाने पर अनुराग ने कहा कि यह 6वीं के बाद नए स्कूल में प्रवेश लेने से हुआ और उसके बाद उन्होंने गांव की भाषा नहीं बोली। शुरूआत में अंग्रेजी बोलने में उन्हें मुश्किलें आईँ। हालांकि, उन्होंने कोशिश की और समझा कि सामने वाले क्या और कैसे बोल रहे हैं। इससे धीरे-धीरे उनकी अंग्रेजी अच्छी हुए, लेकिन वे अब भी इसे सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।
शिक्षकों ने दिया विदेश में पढ़ाई करने का सुझाव
विदेश में अध्ययन करने के बारे में अनुराग ने कहा कि उनका झुकाव हमेशा से मानविकी और उदार कलाओं की ओर था। 10वीं के बाद उन्होंने कई लोगों की सलाह के खिलाफ जाकर मानविकी स्ट्रीम का विकल्प चुना। इसके बाद उदार कलाओं को पढ़ने के लिए दिल्ली में उनके शिक्षकों ने उन्हें आइवी लीग कॉलेजों के लिए प्रयास करने की सलाह दी। इसके बाद उन्होंने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में आवेदन किया और SAT दिया।
वापस आकर शिक्षा के क्षेत्र में देना चाहते हैं योगदान
अनुराग अर्थशास्त्र को प्रमुख विषय के रूप में पढ़ने की उम्मीद करने के साथ-साथ केवल विदेशों में पोस्ट ग्रेजुएशन करना चाहते हैं। हालांकि अपनी पढ़ाई पूरी करने और कुछ अनुभव प्राप्त करने के बाद वे भारत में काम करने के लिए लौटना चाहते हैं। इसके साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में भी अपना योगदान देना चाहते हैं। आज अनुराग को देख कई ऐसे छात्रों को प्रेरणा मिल रही है, जिनके पास पढ़ने के लिए कोई सुविधाएं नहीं है।