बिहार बोर्ड परीक्षा: 10वीं के टॉपर रुम्मान से जानिए उनकी सफलता का राज
बिहार स्कूल परीक्षा बोर्ड (BSE) ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है। इस परीक्षा में मोहम्मद रुम्मान अशरफ ने पहला स्थान हासिल किया। उन्होंने 489 अंक हासिल किए हैं। दूसरे स्थान पर नम्रता कुमारी और ज्ञानी अनुपमा रही हैं, दोनों ने 486 अंक हासिल किए। टॉप 5 टॉपरों में 21 विद्यार्थियों के नाम शामिल हैं। परीक्षा में पहले और दूसरे स्थान पर टॉप करने वाले छात्रों ने अपनी सफलता का राज बताया है।
अशरफ के पिता हैं शिक्षक
अशरफ शेखपुरा के रहने वाले हैं। वे इस्लामिया हाई स्कूल के छात्र हैं। अशरफ के पिता नजीबुर्रहमान प्राइमरी स्कूल में शिक्षक हैं। अपने बेटे की उपलब्धता पर वे काफी खुश हैं। उन्होंने बताया "अशरफ हमेशा पढ़ता रहता था, बचपन से ही पढ़ाई में होशियार था। मुझे उम्मीद थी कि मेरा बच्चा जरूर काफी अच्छा करेगा"। अशरफ की उपलब्धि पर उनके स्कूल में भी खुशी की लहर है। स्कूल के शिक्षकों ने पूरे परिवार को बधाई दी है।
कैसे पढ़ाई करते थे अशरफ?
अशरफ ने बताया कि उन्होंने सामान्य रहकर परीक्षा दी। कभी अंकों की चिंता नहीं की। परीक्षा देकर आने के बाद वे नंबरों को नहीं जोड़ते थे। उन्होंने पता रहता था कि पेपर अच्छा गया। इसके बाद वे अगले पेपर की तैयारी करते थे। अशरफ ने ऑनलाइन क्लास और स्कूल के शिक्षकों की सहायता से पढ़ाई की। वह पढ़ाई के दौरान पूरी तरह से क्रेंदित रहते थे। उन्हें उम्मीद थी कि वे परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।
सेना में जाना चाहते हैं अशरफ
अशरफ ने अपनी सफलता का पूरा श्रेय परिवार को दिया है। उन्होंने बताया "परिवार ने हमेशा पढ़ाई के लिए मुझे प्रेरित किया। मां ने मेरी पढ़ाई में खास योगदान दिया। मुझे कोई डिस्टर्ब न करें, इसका परिवार ने पूरा ध्यान रखा। मुझे घर में बिल्कुल शांत माहौल दिया गया ताकि मैं अच्छे से पढ़ाई कर सकूं।" अशरफ आगे चलकर NDA की तैयारी कर सेना में जाना चाहते हैं। इसके लिए वे पढ़ाई भी करते हैं।
लड़कियों की टॉपर अनुपमा ने बताया अपनी सफलता का राज
ज्ञानी अनुपमा ने 486 अंक हासिल कर दूसरा स्थान हासिल किया है। वे औरंगाबाद की रहने वाली हैं। अनुपमा ने बताया कि वे दिन में रोज 5 से 6 घंटे पढ़ाई करती थीं। उन्होंने अपने शिक्षकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि परीक्षा में अच्छे अंक लाने की उम्मीद पहले से थी। वे साइंस स्ट्रीम में आगे बढ़ना चाहती हैं। उन्होंने छात्रों को हार नहीं मानने और लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ने की टिप्स दी।