12वीं बोर्ड परीक्षा: सुप्रीम कोर्ट का राज्यों को 31 जुलाई तक परिणाम घोषित करने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और भारतीय विद्यालय प्रमाणपत्र परीक्षा परिषद (ICSE) की ओर से 12वीं बोर्ड परीक्षा का 31 जुलाई तक परिणाम जारी करने की घोषणा के बाद अब सभी राज्य बोर्डों को भी 31 जुलाई तक परिणाम घोषित करने के आदेश दिए हैं। इस दौरान कोर्ट ने राज्य बोर्डों को आगामी 10 दिनों में अपना परिणाम फार्मूला भी तैयार करने को कहा है। इससे छात्रों को समय रहते उसकी जानकारी मिल सके।
1 जून को की गई थी परीक्षा निरस्त करने की घोषणा
CBSE की 12वीं बोर्ड की परीक्षा को लेकर 1 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में विशेष बैठक आयोजित की गई थी। इसमें सभी विकल्पों पर विचार करने के बाद परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय किया गया था। इसके बाद CBSE ने 13 सदस्यी पैनल गठित कर परिणाम का फार्मूला तैयार किया था। इसको लेकर CBSE ने 17 जून को सुप्रीम कोर्ट ने फार्मूले की जानकारी देते हुए 31 जुलाई तक परिणाम घोषित करने की बात कही थी।
CBSE ने यह निर्धारित किया था परिणाम का फार्मूला
CBSE ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 12वीं कक्षा का परिणाम 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा में प्रदर्शन के आधार पर जारी किया जाएगा। इसमें 10वीं और 11वीं के नंबरों का 30-30 प्रतिशत और 12वीं कक्षा में परफॉर्मेंस का 40 प्रतिशत हिस्सा लिया। इसी तरह 31 जुलाई तक परिणम घोषित कर दिए जाएंगे। जो बच्चे परिणाम से संतुष्ट नहीं होंगे, उन्हें हालात सामान्य होने पर दोबारा परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा।
अन्य बोर्डों की परीक्षा निरस्त कराने के लिए दायर की याचिका
CBSE और ICSE की ओर से परीक्षा निरस्त किए जाने की घोषणा को देखते हुए गत दिनों एडवोकेट अनुभा सहाय श्रीवास्तव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अन्य बोर्डों की 12वीं परीक्षा को निरस्त करने तथा समान परिणाम फार्मूला लागू करने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि कई राज्य बोर्डों ने अभी तक परीक्षा निरस्त करने की घोषणा नहीं की है और आंध्र प्रदेश बोर्ड परीक्षा कराने पर विचार कर रहा है। यह पूरी तरह से गलत है।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को दिया 31 जुलाई तक परिणाम घोषित करने का आदेश
मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस एएम खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने कहा अधिकतर राष्ट्रों ने परीक्षाएं निरस्त कर दी है। ऐसे में अन्य राज्यों को भी इस पर विचार करना चाहिए। कोर्ट ने परीक्षा निरस्त करने वाले सभी राज्यों को 31 जुलाई तक परिणाम घोषित करने और आगामी दस दिनों में परिणाम फार्मूला तैयार करने के भी आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि परिणाम फार्मूला सामने आने के बाद विद्यार्थियों की आशंकाएं खत्म हो जाएगी।
सभी राज्यों में समाम परिणाम फार्मूला लागू करना संभव नहीं- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा सभी राज्य बोर्डों की एक समान परिणाम फार्मूला लागू नहीं किया जा सकता है। ऐसे में वह इसके आदेश नहीं दे सकता है। सभी बोर्ड स्वायत्त और अलग है। ऐसे में कोर्ट एक समान परिणाम फार्मूला लागू नहीं करा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के रवैये पर जताई नाराजगी
आंध्र प्रदेश सरकार के 12वीं की परीक्षा कराने के फैसले पर कोर्ट ने कहा, "राज्य सरकार के पास इसकी स्पष्ट योजना होनी चाहिए। हम कैसे छात्रों की जिंदगियों से खेल सकते हैं? क्या फैसला लेने से पहले महामारी के हालात की जांच की गई है। एक भी मौत हुई तो हम एक करोड़ के मुआवजे का आदेश दे सकते हैं।" कोर्ट ने आगे कहा, "जब अन्य बोर्डों ने परीक्षा रद्द कर दी तो आंध्र प्रदेश अलग क्यों दिखाना चाहता है।"
सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार से पूछे अहम सवाल
शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि परीक्षा में शामिल होने वाले 5.20 लाख छात्रों के लिए लगभग 34,000 कमरे कैसे उपलब्ध कराए जाएंगे? सरकार ने कहा है एक कमरे में 15 से 18 छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति होगी। इस पर कोर्ट ने कहा कि सरकार परीक्षा को लेकर अपनी सभी नीतिगत फैसलों की कोर्ट को जानकारी उपलब्ध कराए। कोर्ट ने अब इस मामले की सुनवाई शुक्रवार के लिए निर्धारित की है।