उत्तर प्रदेश: सरकारी स्कूलों में रिटायर्ड शिक्षक अब 'शिक्षक साथी' बनकर देंगे सेवाएं
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के रिटायर्ड सरकारी शिक्षकों के लिए अच्छी खबर निकलकर सामने आई है।
राज्य में सरकारी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कस्तूरबा गांधी बालिका स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए योगी सरकार नया प्रयोग करने जा रही है, जिसमें रिटायर्ड शिक्षकों की भूमिका अहम होने वाली है।
राज्य सरकार का कहना है कि इन रिटायर्ड शिक्षकों की नियुक्ति के बाद इन्हें शिक्षक साथी के तौर पर पहचाना जाएगा।
विद्यांजलि योजना
केंद्र सरकार द्वारा संचालित 'विद्यांजलि योजना' के तहत की जा रही यह पहल
यह रिटायर्ड शिक्षक न केवल सेवारत शिक्षकों का मार्गदर्शन करेंगे, बल्कि छात्रों को अतिरिक्त शैक्षणिक सहायता भी प्रदान करेंगे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यह पहल केंद्र सरकार द्वारा संचालित 'विद्यांजलि योजना' के तहत की जा रही है।
प्राथमिक शिक्षा प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने एक पत्र में जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि 'शिक्षक साथी' का चयन करते समय एक महीने के भीतर राज्य परियोजना कार्यालय को जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
योग्यता
शिक्षक साथी के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए?
बता दें कि रिटायर्ड शिक्षकों की नियुक्ति उम्र अधिकतम 70 वर्ष होगी।
इसके अलावा इस पद के लिए परिषदीय विद्यालय में सहायक अध्यापक या प्रिंसिपल के तौर पर पांच वर्ष का अनुभव जरूरी है।
शिक्षक साथी का चयन जिला स्तर पर गठित समिति करेंगी। वहीं प्रदेश और राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को चयन प्रक्रिया में वरीयता दी जाएगी।
शिक्षक साथी का चयन होने के बाद उन्हें जिला परियोजना कार्यालय में कार्यभार ग्रहण करना होगा।
जानकारी
शिक्षक साथी को भत्ता कितना मिलेगा?
शिक्षक साथी का चयन होने के बाद उन्हें मोबिलिटी भत्ते के तौर पर 2,500 रुपये महीना दिया जाएगा। उनकी नियुक्ति एक साल के लिए कांट्रैक्ट पर होगी, जिसे परफॉरमेंस के आधार पर बढ़ाया भी जा सकता है।
जिम्मेदारी
शिक्षक साथी की क्या-क्या जिम्मेदारियां होंगी?
शिक्षक साथी को जिले के 30 प्राथमिक या उच्च प्राथमिक स्कलों में प्रेरणा ऐप के जरिए निरीक्षण करना होगा।
इसकी रिपोर्ट जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी और प्राचार्य डायट को देनी होगी।
दीक्षा और रीड एलांग ऐप के प्रयोग के लिए बच्चों और अभिभावकों को प्रेरित करना होगा।
स्कूल निरीक्षण के दौरान शैक्षिक गतिविधियों को देखना होगा। वहीं तय किए गए कार्य के अतिरिक्त इनसे कोई काम नहीं लिया जाएगा।
न्यूजबाइट्स प्लस
विद्यांजली योजना क्या है?
विद्यांजली योजना को शिक्षा मंत्रालय द्वारा चलाया जा रहा है।
इस योजना के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति चाहे वो पेशे से शिक्षक हो या सेवानिवृत्त, कोई कर्मचारी या कोई ग्रहणी या कोई भी पढ़ा लिखा व्यक्ति अपनी इच्छा से किसी भी सरकारी स्कूल में जाकर योगदान दे सकता है।
इस योजना के पीछे सरकार का उद्देश्य शिक्षा को बढ़ावा देना और सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के स्तर को बढ़ाना है।